किसान महापंचायत में योगी-मोदी भगाओ के साथ गूंजा अल्लाह-हू अकबर, हर हर महादेव, कहा- ये तोड़ेंगे हम जोड़ेंगे

Written by Navnish Kumar | Published on: September 5, 2021
किसान महापंचायत में टिकैत बोले- बाबा साहेब का संविधान और देश खतरे में, इसे बचाना है



मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में रविवार को सुबह से ही भीड़ के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए। किसानों का रैला ऐसा उमड़ रहा था जैसे लोग किसी मेले में जा रहे हों। किसानों के लगातार उमड़ते सैलाब के आगे पुलिस-प्रशासन भी बेबस एक ओर खड़ा नजर आया। कई स्थानों पर व्यवस्था बनाने में पुलिस के पसीने छूट गए। वहीं महापंचायत में कहीं हुक्के की चौपाल लगी थी तो कहीं किसान नाचते-गाते नजर आए। महिलाओं ने भी खूब बढ़कर हिस्सेदारी निभाई। कुल मिलाकर मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड पर देशभर से आए किसानों से लघु भारत की झलक मिल रही थी तो वक्ताओं ने भी निराश नहीं किया। टिकैत ने कहा कि अब यूपी नहीं देश बचाना है, कहा जिस तरह से मोदी सरकार देश बेच रही है, उसकी अनुमति इन्हें किसने दी? घोषणापत्र में तो देश बेचना नहीं था। 

यही नहीं, मंच से योगी भगाओ मोदी भगाओ के साथ अल्लाह-हू अकबर व हर हर महादेव के नारे लगवाए गए। राकेश टिकैत ने कहा कि ये दोनों नारे पहले एक साथ लगते थे, आगे भी लगते रहेंगे। किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि भाईचारा नहीं टूटने दिया जाएगा। ये तोड़ेंगे, हम जोड़ेंगे।



महापंचायत में देश भर से लाखों किसान जुटे जिसके साथ ही आज से किसान आंदोलन का नया अध्याय भी शुरू हो गया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पूरे देश में पंचायतों का आयोजन किया जाएगा। संसद में बैठे लोग गूंगे और बहरे हो चुके हैं और मोदी देश को बेच रहे हैं मगर हम देश बिकने नही देंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि मिशन यूपी नहीं अब मिशन देश बचाना है। टिकैत ने सरकार से पूछा कि जिस तरह से सरकार चीजें बेच रही है, उसकी अनुमति उन्हें किसने दी। बिजली बेची जा रही है। सड़क बेचेंगे। एलआईसी भी बिकेगा। इनको खरीदने वाले अडानी और अंबानी हैं। एफसीआई के गोदाम भी कंपनी को दे दिए। बंदरगाह भी बिक गए। इसका असर मछली पालन और नमक के किसान पर होगा। ये जल (नदी) भी बेचेंगे। टिकैत ने कहा, ये लोग रेलवे को बेच रहे हैं। अगर रेलवे बिकी तो साढ़े चार लाख लोग बेरोजगार होंगे। टिकैत ने कहा कि कर्मचारियों की पेंशन खत्म की जा रही है लेकिन विधायकों व सांसदों को पेंशन दी जा रही है। 

यही नहीं, नए कृषि कानूनों से अब खेती भी बिकने की कगार पर है। हमारी गन्ने की बेल्ट है। इन्होंने कहा था कि हम गन्ने का 450 रुपये कुंतल का भाव देंगे। राकेश टिकैत ने कहा पहले की सरकारों ने 80 व 50 रुपये रेट बढ़ाया, क्या योगी सरकार इनसे कमजोर है, एक भी रुपया नहीं बढ़ाया। 12 हजार करोड़ से ज्यादा मिलों पर बकाया है, इन्हें मांगते हैं तो इसे राजनीति कहा जाता है।



राकेश टिकैत ने कहा, भारत सरकार की पॉलिसी है कि भारत बिकाऊ है जिससे शिक्षा चिकित्सा के साथ डॉ. भीमराव अंबेडकर का संविधान भी खतरे में आ गया है। बचाना होगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये लोग बांटने का काम कर रहे हैं, हमें इन्हें रोकना है। ये देश हमारा है, प्रदेश हमारा है। कहा- लालकिले पर हम नहीं गए। किसान जाता तो वहां जाता, जहां कानून बनते हैं। लाल किले पर आप धोखे से लेकर गए हमें। कोई एजेंसी बोलने को तैयार नहीं। सभी एजेंसियों के साथ ही कलम व कैमरे पर भी इनका पहरा है। किसी की हिम्मत नहीं, जो इन्हें सच दिखा दे। पहले बाबा टिकैत के जमाने में अल्लाहू अकबर व हर-हर महादेव के नारे साथ-साथ लगाए जाते थे। वो आगे भी लगते रहेंगे। उन्होंने भीड़ से अल्लाहू अकबर, हर-हर महादेव के नारे भी लगवाए। उन्होंने आगे कहा कि यूपी की जमीन को दंगा करवाने वालों को नहीं देंगे। टिकैत ने कहा कि ये लड़ाई तीन काले कानूनों से शुरू हुई। 28 जनवरी आंदोलन का कत्लेआम हो गया होता। हजारों फोर्स व गुंडे थे और हम सैकड़ों थे, लेकिन डटे रहे। टिकैत ने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक हम वहां से हटेंगे नहीं। हमें कृषि कानूनों की वापसी के साथ फसलों पर एमएसपी की गारंटी चाहिए और जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक पूरे देश में संयुक्त मोर्चा आंदोलन करेगा। टिकैत ने कहा कि हम शहीद हो जाएंगे लेकिन मोर्चा डटा रहेगा। आंदोलन खत्म नहीं होगा। हम गाजीपुर से नहीं उठेंगे। कृषि बिलों की वापसी तक घर नहीं जाएंगे। राकेश टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहने की बात कहते हुए कहा कि भले वहां हमारी कब्रगाह बन जाए, लेकिन हम वहां से नहीं जाएंगे। 

राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को दो टूक चेताया कि, जब तक जीतेंगे नहीं, हटेंगे नहीं’। टिकैत ने कहा, ‘किसान आंदोलन तब तक चलेगा जब तक भारत सरकार चलवाएगी। जब तक वे बात नहीं मानेंगे आंदोलन चलता रहेगा'। सरकार बातचीत करेगी तो हम करेंगे। देश में आज़ादी की लड़ाई 90 साल तक चली, यह आंदोलन कितने साल चलेगा हमें तो जानकारी नहीं है। टिकैत ने आगे कहा कि, ‘हम अब देश की जनता के पास जाएंगे..हमारा मिशन यूपी बचाना नहीं, देश बचाना है। टिकैत ने कहा कि देश को बिकने से बचाना है। हमारी मांग रहेगी कि देश, किसान, व्यापार और युवा बचे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2022 से फसल के दाम दोगुने होंगे। किसान की आय दोगुनी होगी। 3 महीने बचे हैं, हम लगातार इसका प्रचार करेंगे।



राकेश टिकैत ने खेती-किसानी ही नहीं बल्कि निजीकरण, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने को आह्वान किया। कहा- सरकार को झुकाने के लिए वोट की चोट जरूरी है। “हमारी रणनीति में कोई बदलाव नहीं है। पूरा देश बेच दिया इन्होंने। अब आंदोलन इस बात पर होगा कि सरकार ने जितने संस्थान बेचे, वे वापस आएं। टिकैत ने कहा कि मोदी-योगी दोनों यूपी के बाहर के हैं। योगी आदित्यनाथ को उत्तराखंड का सीएम बनना चाहिए जबकि मोदी गुजरात से लड़ें या राष्ट्रपति बनें। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 9 माह से आंदोलन हो रहा है लेकिन सरकार ने बात बंद कर दी है। यही नहीं सैकड़ों किसान शहीद हो गए लेकिन सरकार ने एक मिनट का मौन तक नहीं किया। 

किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि आज से किसानों के राष्ट्रीय आंदोलन की दिशा बनने वाली है। ज़िले-ज़िले हर राज्य में किसानों के लिए मेहनत की जाएगी और एक बड़े भारत बंद की तैयारी की जाएगी। टोल टैक्स बंद किये जायेंगे और अंबानी अडानी की दुकानों का विरोध होगा। भाजपा नेताओ का घेराव गांव गांव में होगा। जिस मुजफ्फरनगर से हिन्दू मुस्लिम को बांटने की साजिश और राजनीति की गई वहीं से आज से हिन्दू मुस्लिम को जोड़ने की शुरुआत की जाएगी। उनका नारा तोड़ने का है तो हमारा नारा जोड़ने का है, जोड़ेंगे। ये देश हमारा है। 



योगेंद्र यादव ने योगी आदित्यनाथ के ढोंगी, लुटेरा, फरेबी, जुमलेबाज़ और देशद्रोही होने के आरोप लगाए। कहा कि योगी सरकार ने किसान कर्ज़ माफी के नाम पर ढोंग किया है। करोड़ों किसानों पर कर्ज था। कहा गया कि 86 लाख किसानों का कर्ज माफ हुआ लेकिन आरटीआई से पता लगा आधे किसानों का कर्ज भी माफ नहीं हुआ। इसका मतलब ये योगी नही ढोंगी है। दूसरा यह कि योगी ने कहा था कि किसानों की फसल का दाम बढ़ाएंगे उसका पैसा दिलवाएंगे और उसके बकाए पर ब्याज दिलवाएंगे मगर गन्ना किसानों का 20 हज़ार करोड़ से ज़्यादा बकाया है। न बकाया मिला न ही दाम बढ़े। तीसरा ये की योगी सरकार ने कहा था कि किसान की उपज के एक एक दाने की खरीद करेंगे मगर गेंहू की कुल 18% खरीद करी है तो धान की उससे भी कम और चना दाल की खरीद बिल्कुल भी नही हुई। इसका मतलब योगी नही, ये जुमलेबाज़ है। चौथा ये की मोदी ने कहा था कि हर फसल का बीमा होगा मगर योगी सरकार ने पहले जितने किसानों की फसलों का बीमा था उससे भी आधा कर दिया और हम दो हमारे दो वाली एक कंपनी ने बीते साल 2500 करोड़ मुनाफा कमाया। इसका मतलब योगी नहीं फरेबी है। पांचवा ये कि योगी सरकार ने किसानों को धर्म और जात बिरादरी में बांटा, मुजफ्फरनगर से किसानों को हिन्दू मुस्लिम में बांटकर जात बिरादरी में बांटकर सरकार बनाई। इसलिए योगी नही देशद्रोही है।

मशहूर पर्यावरणविद मेधा पाटेकर ने कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह नोटबंदी कर किसानों और मजदूरों पर मार की थी, उसी तरह 27 सितंबर को भारत बंद होगा और बीजेपी के खिलाफ वोटबंदी होगी। मजदूर, किसान, महिलाएं और हर वर्ग इसमें बढ़-चढ़कर शिरकत करेगा। पाटेकर ने कहा, कुछ पूंजीपतियों के लिए सारे फैसले लिए जा रहे हैं लेकिन कृषि कानूनों का फैसला जन संसद में होगा और काफी हद तक आज जनता ने ये तय कर दिया है। मेधा पाटकर ने कहा कि हिंदुत्व के नाम पर अंधत्व फैला रही सरकार को नहीं पता कि अयोध्या में बहुत से मंदिरों की जमीन नवाबों की है। ये संसद तोड़कर जनतंत्र तोड़ने का काम कर रहे है।



किसान नेता शिव कुमार कक्का व डॉ दर्शनपाल ने मोदी-शाह गद्दी छोड़ो के आह्वान के साथ कहा कि आगामी 9 व 10 सितंबर को लखनऊ में तमाम किसान संगठनों के पदाधिकारियों की अहम बैठक होगी, जिसमें प्रदेश स्तर और जिला स्तर पर संयुक्त मोर्चा बनाए जाने पर मुहर लगाई जाएगी। डॉ दर्शनपाल ने कहा कि 25 सितंबर का प्रस्तावित भारत बंद, अब 27 सितंबर को किया जाएगा। पूर्व सांसद हन्नान मोल्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि व श्रम कानूनों के माध्यम से किसानों और मजदूरों के साथ विश्वाशघात किया है। आंदोलन में 600 कामरेड शहीद हुए हैं व दो की हत्या की गई है लेकिन संसद में एक मिनट का मौन तक नहीं रखा गया। कहा- भाजपा किसानों और मजदूरों की दुश्मन नंबर एक है। संयुक्त मोर्चा पदाधिकारी बलदेव सिंह राजेवाल व गुरनाम सिंह चढूनी आदि ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को कॉरपोरेट के चंगुल में फंसा दिया है। लेकिन अब लोग बाहर निकल आए हैं। इसलिए डरना नहीं हैं। लोग बड़े होते हैं सरकार बड़ी नहीं होती। अभिमन्यु कोहाड़, युद्धवीर सिंह, नरेश टिकैत, जसवीर कौर आदि ने ग्राउंड भरने को योगी सरकार की विदाई का संकेत बताया।

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