"अल्लाह हू अकबर" नारे पर ट्रोल हुए टिकैत तो बचाव में उतरे बाबा गुलाम मोहम्मद जौला, BJP रणनीतिकारों की नींद उड़ी

Written by Navnish Kumar | Published on: September 15, 2021
मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत के मंच से सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के इरादे से दिए गए "अल्ला हू अकबर, हर हर महादेव व जो बोले सो निहाल" के नारे लगाकर किसान नेताओं ने भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों की नींद उड़ा दी है। इसकी बौखलाहट में बीजेपी व उसके समर्थकों के द्वारा, भाकियू नेता राकेश टिकैत द्वारा लगाए गए "अल्लाह हू अकबर" के नारे को सोशल मीडिया पर जमके ट्रेंड कराया जा रहा है। दूसरी ओर, सपा, बसपा सहित कई राजनीतिक दल इन नारों के समर्थन में आ गए हैं। समाज के एक बड़े तबके के साथ-साथ, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी टिकैत के भाईचारे वाले नारे (अल्लाह हू अकबर, हर-हर महादेव) का समर्थन करते हुए, सपा व भाजपा पर निशाना साधा है तो सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हल्ला बोला है। लेकिन एक खास विचारधारा (बीजेपी आरएसएस) के लोगों द्वारा "अल्लाह हू अकबर" के नारे को लेकर राकेश टिकैत को ट्रोल किया गया तो बाबा गुलाम मोहम्मद जौला खुद उनके बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने इन नारों को दोहराकर न सिर्फ टिकैत का बचाव किया है बल्कि यूपी में सांप्रदायिक सौहार्द और जाट-मुस्लिम गठजोड़ के फिर से मजबूत होने के भी संकेत दे दिए हैं। लिहाजा भाजपा नेताओं की नींद उड़नी ही थी।



दरअसल 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में संयुक्त मोर्चा की महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के "अल्लाह हू अकबर" के नारे ने, एक खास विचारधारा के लोगों को हिंदू मुस्लिम की राजनीति चमकाने का मौका मिल गया है। महापंचायत के मंच से भाकियू नेता राकेश टिकैत ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा और सांप्रदायिक सौहार्द का जिक्र करते हुए "अल्लाह हू अकबर, हर हर महादेव" का नारा दिया। राकेश टिकैत ने कहा था कि उनके पिता (महेंद्र सिंह टिकैत) के जमाने में भी "अल्लाह हू अकबर और हर हर महादेव" के नारे साथ-साथ लगते थे। आगे भी लगते रहेंगे। लेकिन एक खास विचारधारा के लोगों द्वारा "अल्लाह हू अकबर" के नारे को हिंदू मुस्लिम की राजनीति को सींचने के लिए लपक लिया है और सोशल मीडिया पर वायरल कराते हुए, टिकैत को ट्रोल किया जा रहा है।

इसके जवाब में गुलाम मोहम्मद जौला ने न सिर्फ "अल्लाह हू अकबर" के साथ "हर हर महादेव" का नारा लगाया बल्कि बीजेपी पर एक बड़ा हमला भी बोला है। गुलाम मोहम्मद के इस नारे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 29 सेकेंड के इस वीडियो में गुलाम मोहम्मद जौला पंचायत में अपनी बात शुरू करने से पहले लोगों से नारे लगाने की गुजारिश करते हैं। गुलाम मोहम्मद कहते हैं कि एक नारा लगा दो पहले। मैं कहूंगा "अल्लाह हू अकबर" तो आप कहोगे "हर-हर महादेव" और मैं "हर-हर महादेव" कहूंगा तो आप कहोगे "अल्लाह हू अकबर"। इसके बाद जौला "हर-हर महादेव" के नारे लगाते हैं और वहां बैठे लोग "अल्लाह हू अकबर" कहते हैं। इसके बाद किसान नेता "अल्लाह हू अकबर" कहते हैं जिस पर लोग "हर-हर महादेव" के नारे लगाते हैं।

इस नारे के बाद गुलाम मोहम्मद जौला बीजेपी पर निशाना साधते हैं कि "अल्लाह हू अकबर, हर हर महादेव", ये दोनो नारे हमने ले लिए, इब भाजपा वाले कहां जाएंगे। कहा- ये भाजपाई झूठे हर-हर महादेव वाले हैं। गुलाम मोहम्मद जौला, 80 के दशक से चौ महेंद्र सिंह टिकैत के साथ किसान आंदोलन के अगुवा रहे हैं। 2013 के दंगों के बाद इनकी राह जुदा हो गई थी। गुलाम मोहम्मद पर भी दंगों को लेकर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने के आरोप लगे। हालांकि उन पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इसी सब से भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने महापंचायत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पंचायत किसानों की नहीं बल्कि राजनैतिक लोगो द्वारा आयोजित की गयी है। इसका जवाब मुज़फ्फरनगर की जनता मांगेगी कि ऐसे लोग जिन्होंने मुज़फ्फरनगर को दंगों की आग में झोंका और वो पंचायत के मंच पर क्यों बैठे हैं?

खास है कि यूपी के मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को हुई किसानों की महापंचायत ने संयुक्त  आंदोलन की दिशा बदलनी शुरू कर दी है। तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग के साथ शुरू हुआ किसान आंदोलन अब एक जन आंदोलन का रूप लेने लगा है। किसान नेता अब कृषि कानूनों के विरोध के साथ ही मोदी सरकार पर देश के सरकारी संसाधनों, सार्वजनिक उपक्रमों को अपने चहेते पूंजीपतियों को बेचने का आरोप भी लगाने लगे हैं। इसके साथ ही महंगाई, बेरोजगारी के सवाल भी उठाते हुए किसान नेता वोट की चोट से सत्ता परिवर्तन की बात भी करने लगे हैं। यह भी एक कारण है कि अब किसान आंदोलन के साथ मजदूर और बेरोजगार युवा भी जुड़ते जा रहे हैं।

सपा व बसपा सुप्रीमो ने भी साधा निशाना
बसपा सुप्रीमो मायावती ने नारे के बहाने सपा-भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया कि ''यूपी के मुजफ्फरनगर में कल हुई किसानों की जबरदस्त महापंचायत में हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द के लिए भी प्रयास अति-सराहनीय। इससे निश्चय ही सन 2013 में सपा सरकार में हुए भीषण दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी किन्तु यह बहुतों को असहज भी करेगी।" मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, ''किसान देश की शान हैं तथा हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा के लिए मंच से साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए लगाए गए नारों से भाजपा की नफरत से बोयी हुई उनकी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई दिखने लगी है तथा मुजफ्फरनगर ने कांग्रेस व सपा के दंगा-युक्त शासन की भी याद लोगों के मन में ताजा कर दी है।'' वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान महापंचायत को प्रदेश में भाजपा शासन के खिलाफ लोगों की लहर करार दिया है। उन्होंने ट्वीट में कहा कि "पश्चिमी यूपी में किसानों की अभूतपूर्व एकजुटता और दूसरी तरफ पूर्वी यूपी में शिक्षकों और आम जनता ने दिखाया है कि भाजपा की दमनकारी, विभाजनकारी, अहंकारी शक्ति कभी वापस नहीं आएगी। यह भाजपा के कहर के खिलाफ जनमत की लहर है"। 

टिकैत पर बवाल तो पीयूष गोयल की वीडियो पर भाजपा मौन क्यों
भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने महापंचायत के मंच पर गुलाम मोहम्मद जौला की मौजूदगी के बहाने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा महापंचायत किसानों की नहीं बल्कि राजनैतिक लोगों द्वारा आयोजित की गयी है। इसका जवाब मुज़फ्फरनगर की जनता मांगेगी कि ऐसे लोग जिन्होंने मुज़फ्फरनगर को दंगों की आग में झोंका, वो पंचायत के मंच पर क्यों बैठे हैं? जदयू, भाजपा व इनके समर्थकों द्वारा अल्लाह हू अकबर के नारे को 'वार क्राइ' तक से जोड़ते हुए हमला बोला तो कई लोगों द्वारा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का वीडियो शेयर करते हुए कहा गया कि, ‘टिकैत के ‘अल्लाह हू अकबर’ बोलने पर बवाल है लेकिन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तो रोज सुबह पूजा के वक्त ‘ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मद रसूलल्लाह’ बोलते हैं तो उनका क्या? वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने तो बाकायदा पीयूष गोयल की वीडियो ही जारी कर दी है। कुल मिलाकर "अल्लाह हू अकबर" के नारे ने सूबे की राजनीति को अचानक से गरमा दिया है।

क्या कहा था राकेश टिकैत ने?
महापंचायत में राकेश टिकैत ने भाजपा को घेरते हुए कहा था कि दंगा करवाने वालों को यूपी की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा था कि ये लोग तोड़ना चाहते हैं, लेकिन हमें जोड़ना है। टिकैत ने मंच से ही "अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव" के नारे एक साथ लगवाकर दंगों से उपजी खाई को पाटने का काम किया और एकजुट रहकर वोट की चोट करने का आह्वान किया था। टिकैत ने कहा कि ये नारे पहले भी बड़े टिकैत (चौ महेंद्र सिंह टिकैत) के समय एक साथ लगाए जाते थे और भविष्य में भी साथ-साथ लगते रहेंगे। सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “इन लोगों (भाजपा) ने हमेशा लोगों को बांटने का काम किया है और दंगों के लिए जिम्मेदार हैं। हमें उन्हें रोकना होगा। कहा ये देश हमारा है। प्रदेश हमारा है। हम अपना प्रदेश दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों के हाथों में नहीं देंगे।

भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों की उड़ी नींद
अब सरकार का तो पता नहीं वह किन कारणों से 10 माह से किसानों की बातों को अनसुना कर रही है। लेकिन 5 सितंबर मुजफ्फरनगर महापंचायत में मंच से, सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के इरादे से "अल्ला हू अकबर, हर हर महादेव व जो बोले सो निहाल" के नारे लगवाकर, किसान नेताओं ने भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों की नींद उड़ा दी है। किसान नेताओं (राकेश टिकैत आदि) के गूंगी-बहरी और संवेदनहीन सरकार को "वोट की चोट" देने का आह्वान, न सिर्फ यूपी-पंजाब बल्कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की राजनीतिक सेहत को बिगाड़ सकता है।

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