गुजरात: अंतरजातीय विवाह से नाराज लड़की के परिजनों ने दलित व्यक्ति की कथित तौर पर हत्या की

Written by sabrang india | Published on: November 4, 2025
परिवार ने आरोप लगाया कि दुल्हन के परिवार ने उन्हें पहले भी धमकी दी थी और अपनी बेटी को वापस मांग लिया था।



गुजरात के नारोल में एक 60 वर्षीय दलित व्यक्ति की कथित तौर पर उसकी बहू के परिवार ने अंतरजातीय विवाह के बाद हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

मृतक की पहचान भाईलाल वाघेला के रूप में हुई है, जो एक सफाई कर्मचारी था और सनी वाघेला का पिता था। सनी ने हाल ही में एक ऊंची जाति की महिला से शादी की थी, जिससे दुल्हन का परिवार नाराज था।

गुरुवार, 30 अक्टूबर की दोपहर, जब सनी का बड़ा भाई अपने माता-पिता को उस्मानपुरा मेट्रो स्टेशन के पास सफाई के काम के लिए छोड़ने गया, तो दुल्हन के परिवार ने दंपति पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। द ऑब्ज़र्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों ने उन्हें बेरहमी से पीटने से पहले जातिसूचक गालियां दीं।

कुछ यात्रियों ने बीच-बचाव कर घायल दंपति को बचाया। जब वे घर लौटे, तो वाघेला को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उन्हें मणिनगर के एल.जी. अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अगले दिन पुलिस ने पांच आरोपियों—राजू परमार, महेश परमार (दुल्हन के चाचा), लिली परमार, कलावती परमार, महेश परमार (देवर) और प्रेम परमार—को गिरफ्तार कर लिया। सभी पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हत्या और मारपीट का मामला दर्ज किया गया है।

एक आरोपी, ज्योति, अभी भी फरार है। परिवार का आरोप है कि दुल्हन के परिवार ने पहले भी उन्हें धमकाया था और अपनी बेटी को वापस भेजने की मांग की थी।

ज्ञात हो कि ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जब दलित लड़कों द्वारा ऊंची जाति की लड़कियों से विवाह करने के बाद लड़की पक्ष के लोगों ने लड़के या उसके परिवार पर जानलेवा हमला किया है। इसी साल अगस्त में पंजाब के मुक्तसर जिले के एणा खेड़ा गांव के एक दलित परिवार को अपने ही घर से एक महीने से अधिक समय तक दूर रहना पड़ा, क्योंकि उनके बेटे ने उसी गांव की एक जाट सिख लड़की से शादी कर ली थी। परिवार का कहना था कि शादी के बाद लड़की के रिश्तेदारों ने उनके घर पर हमला किया और लूटपाट की।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 22 वर्षीय दलित सुरिंदर सिंह ने 18 वर्षीय लड़की से 7 जुलाई को राजस्थान के श्रीगंगानगर स्थित एक गुरुद्वारे में शादी की। इस जोड़े ने कानूनी विवाह प्रमाणपत्र भी प्राप्त कर लिया था। लेकिन यह शादी गांव में नाराजगी का कारण बन गई, जहां स्थानीय पंचायत पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर चुकी थी, जिसमें एक ही गांव में शादी करने पर रोक लगाई गई थी।

सुरिंदर के पिता मलकीत सिंह ने बताया कि जब यह जोड़ा घर से भागा, तो उन्हें जल्द ही गांव छोड़ना पड़ा। वे अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने को मजबूर हो गए। बाद में उन्हें पता चला कि लड़की के परिवारवालों ने उनके घर में जबरन घुसकर तोड़फोड़ की और सामान चुरा लिया। जब वे अपने घर की हालत देखने वापस लौटे, तो उन्हें जातिसूचक गालियों का सामना करना पड़ा।

इसी तरह, उत्तर प्रदेश में भी एक मामला सामने आया, जहां लड़की को उसके परिजनों ने गला घोंटकर हत्या कर दी। बागपत जिले में 17 वर्षीय किशोरी की उसके पिता और चाचा ने कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी। बताया गया कि किशोरी अपने 19 वर्षीय दलित प्रेमी के साथ घर से भाग गई थी, जिससे परिजन नाराज थे। पुलिस ने इसे ऑनर किलिंग का मामला बताया। यह घटना 24 जुलाई को उस समय सामने आई, जब लड़की के अंतिम संस्कार के दौरान गांव के लोगों ने उसकी गर्दन पर निशान देखे।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बागपत के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सरूर कुमार राय ने बताया कि पहले मृतका के परिजनों ने उसकी मौत का कारण टीबी (क्षय रोग) बताया था। हालांकि, जब अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद लोगों ने किशोरी के गले पर चोट के निशान देखे, तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और लड़के के परिवार को दी।

24 जुलाई को लड़की के दलित प्रेमी के परिजनों ने बड़ौत थाने में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने लड़की के पिता समेत कुल छह लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान लड़की के पिता और चाचा ने जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस ने चार अन्य परिजनों को भी गिरफ्तार किया।

वहीं, अंतरजातीय विवाह को लेकर तमिलनाडु में भी इसी तरह की एक घटना हुई। थूथुकुड़ी जिले के एरल के पास अरुमुगमंगलम गांव के रहने वाले 27 वर्षीय दलित सॉफ्टवेयर इंजीनियर कविन सेल्व गणेश की दिनदहाड़े तिरुनेलवेली के केटीसी नगर में 28 जुलाई 2025 को धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। आरोपी एस. सुरजीत (21 वर्ष) ने कथित रूप से अपनी बहन सुभाषिनी (जो एक सिद्धा चिकित्सक हैं) के साथ कविन के संबंधों को लेकर उस पर दरांती से हमला किया। कविन और सुभाषिनी लंबे समय से अंतरजातीय रिश्ते में थे, जिसका प्रभावशाली मरवर समुदाय (एमबीसी) से ताल्लुक रखने वाले सुरजीत और उसका परिवार कड़ा विरोध कर रहा था।

कविन की मां एस. तमीज़सेल्वी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उनके अनुसार, उनके बेटे को आरोपी के परिवार से बार-बार धमकियां मिल रही थीं। घटना वाले दिन सुरजीत ने कथित तौर पर कविन को उसके माता-पिता से मिलने के बहाने बुलाया और फिर उस पर दरांती से बेरहमी से हमला कर दिया। उसने कविन का पीछा करते हुए सुभाषिनी के अस्पताल से 200 मीटर की दूरी पर उसकी हत्या कर दी।

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