कृषि कानूनों पर अड़ी सरकार तो अपनी खड़ी फसल बर्बाद कर रहे किसान

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 23, 2021
बिजनौर। मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में व सरकार के अड़ियल रवैये से आहत किसान खुदकुशी तक कर रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर कई किसान जान दे चुके हैं वहीं अब यह आंदोलन खेतों तक पहुंच गया है। यूपी व हरियाणा में कई किसानों ने अपनी अधपकी फसल को ट्रैक्टर चलाकर जोत डाला।  



उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक किसान ने खेत में गेहूं की खड़ी फसल को जोत दिया। 27 साल के सोहित अहलावत नामक किसान ने 6 बीघे में तैयार गेहूं को खुद ही ट्रैक्टर से नष्ट कर डाला। किसान ने खुद ही इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया। उन्होंने नए कृषि कानूनों के विरोध में यह कदम उठाया। किसान नेता राकेश टिकैत ने एक दिन पहले ही महापंचायत में ऐसी अपील की थी।

बिजनौर की चांदपुर तहसील के कुलचना गांव के निवासी सोहित की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो में वह खुद ही ट्रैक्टर पर बैठकर अपनी फसल को जोतते नजर आ रहे हैं। उन्होंने वीडियो में यह भी बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में ऐसा कदम उठा रहे हैं। अहलावत के पिता संजीव कुमार के पास 40 बीघा जमीन है।



सोहित ने वीडियो में कहा, 'आप खेतों में खड़ी फसल को देख सकते हैं। मैं फसल को सभी लोगों के सामने बर्बाद कर रहा हूं। मैं किसानों के आंदोलन के समर्थन में यह कदम उठा रहा हूं। मैं नहीं चाहता हूं कि इन तीन काले कानूनों को हमारे ऊपर थोपा जाए। इसके जरिए बिजनौर से हमारे परिवार ने सरकार को संदेश देने का फैसला किया है।'

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक दिन पहले महापंचायत में किसानों से आंदोलन को मजबूती देने का आह्वान किया था। उन्होंने साथ में यह अपील भी की थी कि जरूरत पड़ने पर विरोध स्वरूप फसलों को भी नष्ट कर दें। अहलावत का वीडियो देखने पर टिकैत ने कहा, 'मुझे इससे तकलीफ हुई। इस तरह नुकसान का मतलब नहीं बनता है। लेकिन अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो और भी लोगों को ऐसा करना चाहिए।'

जींद में भी किसान ने खड़ी फसल बर्बाद कर दी
दूसरी तरफ, कल जींद जिले के गुलकनी गांव के किसान राममेहर ने दो एकड़ गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया। इसकी वजह उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत के आह्वान को बताया है।

टिकैत ने कहा था कि सरकार यह नहीं समझे कि किसान कटाई करने चले जाएंगे और आंदोलन खत्म हो जाएगा। जरूरत हुई तो किसान एक फसल जलाने को भी तैयार हैं। उनके ऐसा कहने के बाद 10 एकड़ के मालिक राम मेहर ने रविवार को यह कदम उठाया।  राममेहर ने बताया कि अभी मैंने 2 एकड़ फसल नष्ट की है। टिकैत कहेंगे तो खाने के लिए दाने छोड़कर बाकी फसल भी नष्ट कर देंगे। ऐसी ही एक घटना यूपी में भी सामने आई है।

राममेहर ने कहा कि अगर सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर किसानों की मांगें नहीं मानती है, तो वह अपनी बाकी फसल पर भी ट्रैक्टर चलाकर उन्हें नष्ट कर देगा। राजपुरा भैण गांव में भी दो एकड़ जमीन पर ट्रैक्टर चलाया है। बाकी किसान भी अपनी फसलों पर ट्रैक्टर चला देंगे। केवल घर खर्च के लिए फसल रखेंगे।



मुज़फ्फरनगर में भी किसान ने खड़ी फसल बर्बाद कर दी
मुज़फ्फरनगर के भैसी गांव निवासी योगेंद्र अहलावत ने अपनी खड़ी गेंहू की फसल पर रोटावेटर चला कर जोत डाला। योगेंद्र अहलावत ने दो एकड़ में खड़ी फसल पर रोटावेटर से जुताई कर डाली। 

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