नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित मामले में आरोपी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की सुरक्षा सुनिश्चित करने का बुधवार को पुलिस को निर्देश दिया है।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक, पुलिस उपायुक्त और दिल्ली शस्त्र पुलिस (डीएपी) को खालिद को अदालत लाते और वापस जेल ले जाते समय उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने निर्देश दिया। खालिद ने अदालत में पेश किए जाने के दौरान खुद को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आवेदन किया था।
खालिद को खजूरी खास इलाके में हुई हिंसा के संबंध में पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन भी आरोपी है।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद पिछले साल 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्तियों को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने कुछ स्कूलों सहित मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी 2020 को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक, पुलिस उपायुक्त और दिल्ली शस्त्र पुलिस (डीएपी) को खालिद को अदालत लाते और वापस जेल ले जाते समय उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने निर्देश दिया। खालिद ने अदालत में पेश किए जाने के दौरान खुद को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आवेदन किया था।
खालिद को खजूरी खास इलाके में हुई हिंसा के संबंध में पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन भी आरोपी है।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद पिछले साल 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्तियों को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने कुछ स्कूलों सहित मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी 2020 को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।