कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दिल्ली में पूरी तरह से लॉकडाउन है। शहर में धारा 144 लगाई गई है। दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन के बीच शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया है। शाहीन बाग में लगे टेंट-तख्तों को भी हटा दिया गया है। जिन प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन स्थल को खाली कराने का विरोध किया, उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी ने कहा, “शाहीन बाग में धरना स्थल पर बैठे लोगों से अनुरोध किया गया था कि वे जगह को खाली कर दें, क्योंकि शहर को लॉकडाउन कर दिया गया। उनके मना करने के बाद कार्रवाई की गई है। प्रदर्शन स्थल को साफ कर दिया गया है। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।”
शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ जारी प्रदर्शन को तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका था। 15 दिसंबर 2019 से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया था। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सीएए संविधान और देश की जतना के खिलाफ है। वे केंद्र की मोदी सरकार से सीएए को वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे।
सीएए प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए भी तैयार थे, लेकिन इन तीन महीनों में एक बार भी मोदी सरकार की ओर से बातचीत की पहल नहीं की गई। हालांकि इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इसका हल निकालने कोशिश जरूर की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है। इस बीच शाहीन बाग प्रदर्शन को कोरोना वायरस का हवाला देते हुए पुलिस ने खत्म करा दिया है।
साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी ने कहा, “शाहीन बाग में धरना स्थल पर बैठे लोगों से अनुरोध किया गया था कि वे जगह को खाली कर दें, क्योंकि शहर को लॉकडाउन कर दिया गया। उनके मना करने के बाद कार्रवाई की गई है। प्रदर्शन स्थल को साफ कर दिया गया है। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।”
शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ जारी प्रदर्शन को तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका था। 15 दिसंबर 2019 से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया था। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सीएए संविधान और देश की जतना के खिलाफ है। वे केंद्र की मोदी सरकार से सीएए को वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे।
सीएए प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए भी तैयार थे, लेकिन इन तीन महीनों में एक बार भी मोदी सरकार की ओर से बातचीत की पहल नहीं की गई। हालांकि इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इसका हल निकालने कोशिश जरूर की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है। इस बीच शाहीन बाग प्रदर्शन को कोरोना वायरस का हवाला देते हुए पुलिस ने खत्म करा दिया है।