शाहीन बाग की महिलाएं पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट, किसान आंदोलन की याचिकाओं के साथ सुनवाई की मांग

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 9, 2021
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। महिलाओं की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आंदोलन को लेकर अक्टूबर, 2020 में आदेश दिया गया उसपर फिर से सुनवाई की जाए। ये सुनवाई किसान आंदोलन को लेकर दायर याचिकाओं के साथ ही होनी चाहिए।



द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अक्टूबर 2020 में शाहीन बाग आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दायर की गई पुनर्विचार याचिका अभी पेंडिंग है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि क्योंकि उनका मुद्दा भी सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन से जुड़ा है, तो किसान आंदोलन की सुनवाई के साथ उनकी मांग भी सुनी जाए।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि शाहीन बाग मामले में अदालत की ओर से जो टिप्पणी की गई, वो नागरिक के आंदोलन करने के अधिकार पर संशय व्यक्त करती है।

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ बीते साल शाहीन बाग में लंबे वक्त तक प्रदर्शन चला था। तब यहां से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि पुलिस के पास किसी भी सार्वजनिक स्थल को खाली कराने का अधिकार है।

अब शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसान आंदोलन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसी तरह का दखल देने से इनकार किया और फैसला पुलिस पर ही छोड़ दिया। यही कारण है कि याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि उनकी मांग पर फिर से विचार किया जाए और याचिकाओं को सुना जाए। 

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