लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में गाय के नाम पर हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में दो दावे सामने आ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि उसने सुबोध कुमार सिंह पर गोली चलाने वाले को गिरफ्तार कर लिया है तो वहीं बीजेपी विधायक का दावा है कि इंस्पेक्टर सुबोध ने खुद ही अपने ऊपर गोली चलाई थी। हालांकि इस हिंसा का मास्टरमाइंड बजरंग दल का योगेश राज अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है। इंस्पेक्टर सुबोध के परिजनों का कहना है कि योगेश राज को राजनीतिक संरक्षण की वजह से पुलिस पकड़ नहीं रही।
बता दें कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के आरोप में पुलिस ने प्रशांत नट नामक युवक को गिरफ्तार किया है। बुलंदशहर में 3 दिसंबर को कथित गौकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। वहीं, भीड़ में शामिल एक युवक की भी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले जीतू फौजी को गिरफ्तार किया था, जो घटना के दिन पुलिस चौकी के सामने मौजूद था। यूपी एसटीएफ के एसएसपी का कहना है कि आरोपी जवान जीतू ने बुलंदशहर हिंसा के दौरान उपद्रवियों की भीड़ में शामिल होने की बात कबूल की थी।
बीजेपी विधायक का दावा है कि जब इंस्पेक्टर सुबोध भीड़ में घिर गए तो उन्होंने बचाव के लिए अपने कंधे में गोली मारने की कोशिश की, जो गलती से उनके सिर में लग गई। इसी गोली से उनकी मौत हो गई। सुबोध कुमार एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे। वे पहले भी कई बार अपने हाथ में गोली मार चुके थे।
3 दिसंबर को हिंसा के बाद विधायक देवेंद्र सिंह लोधी ने दावा किया था, ‘‘हिंसा भड़काने में लोगों का हाथ नहीं था। वे गोकशी की शिकायत लेकर पुलिस के पास गए थे। पुलिस ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध ने लोगों पर सीधे गोली चला दी। वहीं, इंस्पेक्टर हार्ट अटैक से मर गया। इस मामले में प्रशासन ने पूरी तरह लापरवाही बरती।’’ इसके अलावा ‘शिव भक्तों को सांप नहीं काटता’ जैसे बयान भी देवेंद्र सिंह लोधी दे चुके हैं।
बता दें कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के आरोप में पुलिस ने प्रशांत नट नामक युवक को गिरफ्तार किया है। बुलंदशहर में 3 दिसंबर को कथित गौकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। वहीं, भीड़ में शामिल एक युवक की भी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले जीतू फौजी को गिरफ्तार किया था, जो घटना के दिन पुलिस चौकी के सामने मौजूद था। यूपी एसटीएफ के एसएसपी का कहना है कि आरोपी जवान जीतू ने बुलंदशहर हिंसा के दौरान उपद्रवियों की भीड़ में शामिल होने की बात कबूल की थी।
बीजेपी विधायक का दावा है कि जब इंस्पेक्टर सुबोध भीड़ में घिर गए तो उन्होंने बचाव के लिए अपने कंधे में गोली मारने की कोशिश की, जो गलती से उनके सिर में लग गई। इसी गोली से उनकी मौत हो गई। सुबोध कुमार एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे। वे पहले भी कई बार अपने हाथ में गोली मार चुके थे।
3 दिसंबर को हिंसा के बाद विधायक देवेंद्र सिंह लोधी ने दावा किया था, ‘‘हिंसा भड़काने में लोगों का हाथ नहीं था। वे गोकशी की शिकायत लेकर पुलिस के पास गए थे। पुलिस ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध ने लोगों पर सीधे गोली चला दी। वहीं, इंस्पेक्टर हार्ट अटैक से मर गया। इस मामले में प्रशासन ने पूरी तरह लापरवाही बरती।’’ इसके अलावा ‘शिव भक्तों को सांप नहीं काटता’ जैसे बयान भी देवेंद्र सिंह लोधी दे चुके हैं।