बुलंदशहर हिंसा पर सीएम योगी की संवेदनहीनता से नाराज 83 पूर्व नौकरशाहों ने मांगा इस्तीफा

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 19, 2018
लखनऊ: 3 दिसंबर, 2018 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की खबर के बाद फैली हिंसा में एसएचओ सुबोध कुमार सिंह और एक अन्य युवक की हत्या कर दी गई। इस मामले पर कार्रवाई की बात कहते वक्त यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो इंसानों की मौत पर संवेदनहीनता जताते हुए गोकशी रोकने पर जोर देने की बात कही थी। 

योगी आदित्यनाथ की इस संवेदनहीनता पर राज्य के पूर्व नौकरशाहों ने गुस्सा जाहिर किया है। करीब 83 रिटायर्ड नौकरशाहों ने बुलंदशहर हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है। अपने खुले खत में रिटायर्ड अफसरों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया। इसके अलावा वह सिर्फ गोकशी केस पर ध्यान दे रहे हैं।

पूर्व नौकरशाहों का ये खत तब सामने आया है जब बुलंदशहर हिंसा की जांच SIT ने पूरी कर ली है। जांच में खुलासा हुआ है कि हिंसा से पहले गोकशी हुई थी। इस आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस हिंसा का मुख्य आरोपी बजरंग दल का संयोजक योगेश राज अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगने वालों में पूर्व अफसर बृजेश कुमार, अदिति मेहता, सुनील मित्रा जैसे बड़े अफसर शामिल हैं। अफसरों ने आरोप लगाया कि बुलंदशहर हिंसा को राजनीतिक रंग दिया गया है। आपको बता दें कि ये खुला खत सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है, इसमें दावा किया गया है कि 83 अफसर इनके साथ हैं।



अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले भी कई मसलों पर खुला खत लिखा है। बुलंदशहर हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि एक पुलिस वाले की भीड़ द्वारा हत्या किया जाना बहुत दर्दनाक है, इससे राज्य की कानून व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने अपील की है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और हिंसा से जुड़े पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। 

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