हत्या, हत्या के प्रयास के अलावा मवेशियों को मारने या अपंग करने, घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाने और जानबूझकर अपमान करने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
फ़ोटो साभार: प्रभात खबर
कानपुर देहात के एक गांव में सोमवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान मां-बेटी की कथित तौर पर आत्मदाह करने के मामले में उप जिलाधिकारी (एसडीएम), थानाध्यक्ष, चार लेखपालों, एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों सहित 39 लोगों के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी।
पुलिस महानिरीक्षक (कानपुर रेंज) प्रशांत कुमार ने कहा कि उप जिलाधिकारी (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हत्या, हत्या के प्रयास के अलावा मवेशियों को मारने या अपंग करने, घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाने और जानबूझकर अपमान करने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जिसकी पहचान अब तक उजागर नहीं की गयी है।
कुमार ने बताया कि पीड़ितों के घर को गिराने में इस्तेमाल की गई जेसीबी को जब्त कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने मां-बेटी के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से इनकार कर दिया।
पीड़ित परिवार के सदस्य और ग्रामीण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने के बाद ही पुलिस को शव परीक्षण के लिए ले जाने की अनुमति देने की अपनी मांग पर अड़े हुए है। उन्होंने पीड़ित परिवार के कम से कम दो सदस्यों को पांच करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है।
कुमार ने यह भी बताया कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें स्टेशन अधिकारी (रूरा) दिनेश गौतम भी शामिल हैं, उन्हें जल्द ही निलंबित किया जा सकता है।
महानिरीक्षक ने कहा कि दो महिलाओं की मौत के बाद इलाके में तनाव को देखते हुए गांव और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ।
हालांकि, उन्होंने ने समाजवादी पार्टी (सपा) के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को को मडौली गांव जाने से रोकने के बारे में न तो पुष्टि की और न ही उसा खंडन किया।
समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल का मंगलवार को पीड़ित परिवारों से मिलने जाने का कार्यक्रम था ।
सूत्रों ने बताया कि एक दर्जन से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक (कानपुर देहात) बीबीजीटीएस मूर्ति ने संवाददाताओं को बताया कि विशाल दीक्षित ने पीड़ित प्रमिला दीक्षित के बेटे शिवम दीक्षित के खिलाफ 'ग्राम समाज' की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की थी, इस अतिक्रमण को हटाने के लिए एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम वहां गई थी ।
एसपी ने कहा कि अतिक्रमण हटाया जा रहा था, तभी मां-बेटी ने आत्मदाह कर लिया। शिवम की शिकायत पर एसडीएम (मैथा), जेसीबी चालक (दीपक), मदौली के लेखपाल अशोक सिंह, तीन अज्ञात लेखपाल, एक अज्ञात कानूनगो (राजस्व अधिकारी), थाना प्रभारी (रूरा) दिनेश कुमार गौतम तथा 12-15 और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है ।
गौरतलब है कि सोमवार शाम कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान सोमवार को एक अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गयी थी।
एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया था कि पीड़ितों की पहचान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) के रूप में हुई है, जिन्होंने 'ग्राम समाज' भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए गए पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व टीम के सामने यह घातक कदम उठाया।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों को बचाने के प्रयास में रूरा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) दिनेश गौतम और पीड़ित प्रमिला के पति गेंदनलाल झुलस गए। घटना से आक्रोशित परिजनों एवं उनके समर्थकों ने लेखपाल अशोक सिंह की पिटाई कर दी, जिसके बाद अतिक्रमण रोधी टीम वहां से भाग गयी थी।
आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन और पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति के समक्ष इस संबंध में उप जिलाधिकारी (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग भी रखी।
मां-बेटी के आत्मदाह की जानकारी मिलने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक (कानपुर जोन) आलोक सिंह ने संभागीय आयुक्त राज शेखर के साथ गांव का दौरा कर मामले की जानकारी ली।
घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि '' योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) आपके जल्लाद और बेरहम तथा अमानवीय प्रशासन द्वारा की गयी ये हत्या है।''
इसी ट्वीट में सपा ने यह भी कहा, ''योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाये जा रहे। लगातार चुन चुन कर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रही हैं और दलित-पिछड़ों के साथ साथ ब्राह्मण भी भाजपा शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे हैं।'' सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पार्टी के इस ट्वीट को री-ट्वीट किया है।
Courtesy: Newsclick
फ़ोटो साभार: प्रभात खबर
कानपुर देहात के एक गांव में सोमवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान मां-बेटी की कथित तौर पर आत्मदाह करने के मामले में उप जिलाधिकारी (एसडीएम), थानाध्यक्ष, चार लेखपालों, एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों सहित 39 लोगों के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी।
पुलिस महानिरीक्षक (कानपुर रेंज) प्रशांत कुमार ने कहा कि उप जिलाधिकारी (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हत्या, हत्या के प्रयास के अलावा मवेशियों को मारने या अपंग करने, घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाने और जानबूझकर अपमान करने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जिसकी पहचान अब तक उजागर नहीं की गयी है।
कुमार ने बताया कि पीड़ितों के घर को गिराने में इस्तेमाल की गई जेसीबी को जब्त कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने मां-बेटी के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से इनकार कर दिया।
पीड़ित परिवार के सदस्य और ग्रामीण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने के बाद ही पुलिस को शव परीक्षण के लिए ले जाने की अनुमति देने की अपनी मांग पर अड़े हुए है। उन्होंने पीड़ित परिवार के कम से कम दो सदस्यों को पांच करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है।
कुमार ने यह भी बताया कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें स्टेशन अधिकारी (रूरा) दिनेश गौतम भी शामिल हैं, उन्हें जल्द ही निलंबित किया जा सकता है।
महानिरीक्षक ने कहा कि दो महिलाओं की मौत के बाद इलाके में तनाव को देखते हुए गांव और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ।
हालांकि, उन्होंने ने समाजवादी पार्टी (सपा) के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को को मडौली गांव जाने से रोकने के बारे में न तो पुष्टि की और न ही उसा खंडन किया।
समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल का मंगलवार को पीड़ित परिवारों से मिलने जाने का कार्यक्रम था ।
सूत्रों ने बताया कि एक दर्जन से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक (कानपुर देहात) बीबीजीटीएस मूर्ति ने संवाददाताओं को बताया कि विशाल दीक्षित ने पीड़ित प्रमिला दीक्षित के बेटे शिवम दीक्षित के खिलाफ 'ग्राम समाज' की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की थी, इस अतिक्रमण को हटाने के लिए एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम वहां गई थी ।
एसपी ने कहा कि अतिक्रमण हटाया जा रहा था, तभी मां-बेटी ने आत्मदाह कर लिया। शिवम की शिकायत पर एसडीएम (मैथा), जेसीबी चालक (दीपक), मदौली के लेखपाल अशोक सिंह, तीन अज्ञात लेखपाल, एक अज्ञात कानूनगो (राजस्व अधिकारी), थाना प्रभारी (रूरा) दिनेश कुमार गौतम तथा 12-15 और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है ।
गौरतलब है कि सोमवार शाम कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान सोमवार को एक अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गयी थी।
एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया था कि पीड़ितों की पहचान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) के रूप में हुई है, जिन्होंने 'ग्राम समाज' भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए गए पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व टीम के सामने यह घातक कदम उठाया।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों को बचाने के प्रयास में रूरा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) दिनेश गौतम और पीड़ित प्रमिला के पति गेंदनलाल झुलस गए। घटना से आक्रोशित परिजनों एवं उनके समर्थकों ने लेखपाल अशोक सिंह की पिटाई कर दी, जिसके बाद अतिक्रमण रोधी टीम वहां से भाग गयी थी।
आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन और पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति के समक्ष इस संबंध में उप जिलाधिकारी (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग भी रखी।
मां-बेटी के आत्मदाह की जानकारी मिलने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक (कानपुर जोन) आलोक सिंह ने संभागीय आयुक्त राज शेखर के साथ गांव का दौरा कर मामले की जानकारी ली।
घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि '' योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) आपके जल्लाद और बेरहम तथा अमानवीय प्रशासन द्वारा की गयी ये हत्या है।''
इसी ट्वीट में सपा ने यह भी कहा, ''योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाये जा रहे। लगातार चुन चुन कर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रही हैं और दलित-पिछड़ों के साथ साथ ब्राह्मण भी भाजपा शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे हैं।'' सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पार्टी के इस ट्वीट को री-ट्वीट किया है।
Courtesy: Newsclick