1 साल में मेरठ जोन में गो तस्करी के आरोप में पकड़े गए 54 लोग, किसी गौरक्षक पर कार्रवाई नहीं

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 8, 2018
नई दिल्ली। गाय के नाम पर बढ़ती हिंसा को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जुलाई में यूपी सरकार को आदेश दिए थे कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाएं। लेकिन इसके बाद से सिर्फ मेरठ जोन में 54 लोगों को गोतस्करी के नाम पर पकड़ा गया। हालांकि समय समय पर भीड़ द्वारा हिंसा की खबरें आती रहीं लेकिन इनकी गिरफ्तारी की संख्या जीरो है।  

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि गाय के नाम पर भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाए जिसके नेतृत्व के लिए एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया जाए। यह नोडल अधिकारी एसपी रैंक के स्तर का हो। इस स्पेशल टास्क फोर्स का काम पिछले पांच साल में हुई हिंसा की जानकारी एकत्रित करना और आगामी समय में ऐसी वारदातों पर रोक लगाना था। 

इस मामले पर मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसरण में एक अतिरिक्त एसपी रैंक अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया है क्योंकि हमारी टीमों ने 40 मवेशी तस्करी की घटनाओं को रोका है जिनमें से 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन घटनाओं में 21 मवेशी तस्कर घायल हुए हैं। 

एडीजी ने यह भी कहा कि पिछले पांच महीनों में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत दर्ज नौ मामलों में से आठ कथित मवेशी तस्करों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अब तक गाय गायब होने और मवेशी तस्करी की काफी घटनाओं को पुलिस ने नियंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि गाय सतर्कता करने वाला एक भी व्यक्ति नहीं गिरफ्तार हुआ है। कुमार ने कहा, "स्याना की घटना में, स्थिति को नियंत्रित करने में तीन घंटे लग गए क्योंकि इत्जेमा जुलूस के लिए पुलिस बल का बड़ा हिस्सा नियुक्त किया गया था, जहां 10 लाख से अधिक लोग इकट्ठे हुए थे।

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