अलवर मॉब लिंचिंग केस: अकबर खान को घंटों घुमाने के बजाय समय पर अस्पताल पहुंचाती पुलिस तो बच जाती जान

Written by Sabrangindia Staff | Published on: July 23, 2018
अलवर. राजस्थान के अलवर में गौ तस्करी के आरोप में पीटकर मार डाले गए अकबर खान को लेकर पुलिस की लापरवाही की बात सामने आ रही है. इस घटना के बारे में पुलिस को दक्षिणपंथी समर्थक नवल किशोर नाम के व्यक्ति ने फोन किया था. इसके बाद वह पुलिस के साथ ही था जब अकबर को अस्पताल ले जाया जा रहा था. पुलिस उसे अस्पताल ले जाने के बजाय पहले इधर-उधर घूमती रही और गायों को गौशाला पहुंचाने के लिए गाडी़ का इंतजाम करती रही. गाड़ी आ जाने के बाद ही पुलिस अकबर को वहां से लेकर गई लेकिन फिर नवल किशोर के घर रुकी. वहां से चलने के बाद चाय स्टॉल पर चाय पीकर अस्पताल लेकर पहुंची जब तक अकबर खान ने दम तोड़ दिया था.

एनडीटीवी ने इस मामले पर पुलिस की लापरवाही के सनसनीखेज दावे किए हैं. एनडीटीवी के मुताबिक, अकबर खान को पुलिस ने भीड़ से छुड़ा लिया था. इसके बाद पुलिस ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने के बजाय पहले जब्त की गई गायों को गौशाला छोड़ने के लिए वाहन की व्यवस्था की. इसके बाद पुलिस उसे लेकर गई लेकिन रास्ते में चाय पीने के लिए रुक गई.

अकबर खान भीड़ के हाथों पिटाई खाने के बाद अकबर खान की हालत खराब हो रही थी लेकिन पुलिस कर्मियों ने इसे देखने के बजाय पहले चाय पीना जरूरी समझा और चाय पीने के लिए रुक जाना बेहतर समझा. इससे भी पहले पुलिस नवल किशोर के घर गई जो कि उसके साथ ही था. वहां जाकर पुलिस ने अकबर खान के शरीर को धोया क्योंकि वह कीचड़ में सना हुआ था. इसके बाद आराम से वे वहां से उसे लेकर अस्पताल की ओर चले लेकिन बीच में चाय की तलब लगने पर चाय पी. तब पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई जहां पहुंचने से पहले ही अकबर खान ने दम तोड़ दिया था.

एफआईआर में अकबर खान की हत्या को भीड़ द्वारा पीटे जाने के चलते बताया गया है. इस मामले में पुलिस ने अलवर के लल्‍लावंडी गांव से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि उन तीनों पर हत्‍या का मामला दर्ज होगा. घटना देर रात की है. एफआईआर में दर्ज टाइम के मुताबिक, पुलिस को देर रात 12:41 बजे घटना की सूचना मिली. इसके बाद पुलिस 1:20 बजे घटनास्थल पर पहुंची. 1:20 पर घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस अकबर खान को 4 बजे अस्पताल लेकर पहुंची. यानि पुलिस ने करीब तीन घंटा अकबर खान को अस्पताल पहुंचाने में लगाया जब तक उसकी जान जा चुकी थी. 

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