महिलाओं पर अत्याचारों में आगे रहने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में एक और शर्मनाक मामला सामने आया है जिसमें थाने में पुरुष कर्मचारियों के सामने ही मां-बेटी को निर्वस्त्र करके पिटाई की गई।
मामला बिलासपुर सिटी कोतवाली थाने का है। पुलिस ने रविवार की रात कपड़ा चोरी के आरोप में जमशेदपुर निवासी सपना मिश्रा और उसकी बेटी मोना मिश्रा को हिरासत में लिया और फिर धारा 370, 34 के तहत गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद मां-बेटी को अदालत में पेश किया गया तो दोनों ने अपने साथ कोतवाली में हुए बरताव की जानकारी जज को बताई।
नईदुनिया के अनुसार, दोनों पीड़ितों ने वकील के जरिए लिखित में आवेदन देकर बताया कि एक महिला पुलिसकर्मी ने दोनों के कपड़ा उतरवा कर पुरुष कर्मचारियों के सामने ही बेरहमी से पिटाई की और अपराध कबूल करने पर मजबूर किया।
जब सपना मिश्रा ने ब्लड प्रेशर की बीमारी की बात बताई तब भी उसे डॉक्टर के पास नहीं ले जाया गया। दोनों ने बताया कि महिला पुलिस ने उसके नाजुक अंगों पर भी प्रहार किया।
अदालत ने भी पाया कि दोनों के शरीर में चोट है, और वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने आईजी को दोनों का चिकित्सा प्रमाण पत्र पेश करने और राजपत्रित अधिकारी से जांच कराकर प्रतिवेदन 26 अक्टूबर तक पेश करने के निर्देश दिए। अदालत ने बिलासपुर के जेल अधीक्षक को भी मां-बेटी का जेल नियम के अनुसार उचित उपचार करने के निर्देश दिए।
मामला बिलासपुर सिटी कोतवाली थाने का है। पुलिस ने रविवार की रात कपड़ा चोरी के आरोप में जमशेदपुर निवासी सपना मिश्रा और उसकी बेटी मोना मिश्रा को हिरासत में लिया और फिर धारा 370, 34 के तहत गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद मां-बेटी को अदालत में पेश किया गया तो दोनों ने अपने साथ कोतवाली में हुए बरताव की जानकारी जज को बताई।
नईदुनिया के अनुसार, दोनों पीड़ितों ने वकील के जरिए लिखित में आवेदन देकर बताया कि एक महिला पुलिसकर्मी ने दोनों के कपड़ा उतरवा कर पुरुष कर्मचारियों के सामने ही बेरहमी से पिटाई की और अपराध कबूल करने पर मजबूर किया।
जब सपना मिश्रा ने ब्लड प्रेशर की बीमारी की बात बताई तब भी उसे डॉक्टर के पास नहीं ले जाया गया। दोनों ने बताया कि महिला पुलिस ने उसके नाजुक अंगों पर भी प्रहार किया।
अदालत ने भी पाया कि दोनों के शरीर में चोट है, और वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने आईजी को दोनों का चिकित्सा प्रमाण पत्र पेश करने और राजपत्रित अधिकारी से जांच कराकर प्रतिवेदन 26 अक्टूबर तक पेश करने के निर्देश दिए। अदालत ने बिलासपुर के जेल अधीक्षक को भी मां-बेटी का जेल नियम के अनुसार उचित उपचार करने के निर्देश दिए।