पहलगाम पीड़िताओं पर भाजपा नेता की टिप्पणी को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व और महिला आयोग खामोश

Written by sabrang india | Published on: May 28, 2025
भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा था कि पहलगाम हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं में वीरांगना का भाव नहीं था। हरियाणा के इस नेता के बयान पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व और राज्य महिला आयोग अब तक खामोश हैं।


साभार : द वायर

भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा द्वारा हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के दौरान पीड़ित महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी पर चौतरफा आलोचना के बावजूद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा राज्य महिला आयोग, जिसने अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ उनके फेसबुक पोस्ट के लिए शिकायत दर्ज करने में देर नहीं लगाई, वह खामोश है और अब तक सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई की बात नहीं की गई है।

यह स्थिति तब है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के अन्य नेता 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले का बदला लेने के प्रतीकात्मक संदेशों से भरे हुए भाषण दे रहे हैं।

गौरतलब है कि शनिवार, 24 मई को हरियाणा से भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा था कि "वहां मौजूद हमारी वीरांगना बहनों में, जिनकी मांग का सिंदूर छिन गया, वह वीरता, जोश और जज़्बा नहीं दिखाई दिया। उनमें वह जज़्बा नहीं था, इसलिए वे हाथ जोड़कर गोली का शिकार हो गईं। लेकिन हाथ जोड़ने से कोई नहीं छोड़ता — हमारे लोग वहां हाथ जोड़कर मारे गए।"

रविवार, 25 मई को जांगड़ा ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनका बयान केवल महिलाओं को अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से प्रेरणा लेने के उद्देश्य से दिया गया था।

रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं इस मामले पर पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका हूं। यह कार्यक्रम हमारी अमर वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर जी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था और मैं केवल उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाल रहा था।"

उन्होंने कहा, "मैंने केवल इतना कहा था कि हमें अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में मैंने प्रेरणादायक रूप में यह बात कही कि आज के समय में भी हमें अपनी बहादुर महिलाओं की तरह साहस के साथ जीना चाहिए। मेरे बयान के पीछे कोई और उद्देश्य नहीं था। वे हमलावर आतंकवादी थे, जो हत्या करने के इरादे से आए थे। मैं सिर्फ अहिल्याबाई के जीवन और उनसे प्रेरणा लेने की बात कर रहा था।"

भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने द वायर से बातचीत में कहा, "जांगड़ा की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है, और यह स्पष्ट है कि पार्टी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती।"

जांगड़ा की टिप्पणी पर भाजपा की ओर से अब तक केवल एक सार्वजनिक प्रतिक्रिया आई है, जो केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को दी। उन्होंने कहा कि जांगड़ा का बयान पार्टी का विचार नहीं है और इस मुद्दे को अब समाप्त मान लेना चाहिए।

करनाल में एक कार्यक्रम से अलग, खट्टर ने कहा, "यह पार्टी का विचार नहीं है, बल्कि यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। उन्होंने स्पष्टीकरण भी दिया है। उनका उद्देश्य महिलाओं को वीरांगना बनने के लिए प्रोत्साहित करना था, लेकिन उनके शब्द गलत संदर्भ में लिए गए।"

उन्होंने कहा, "हमारी बहनों के बारे में ऐसी टिप्पणी करना उचित नहीं है, जिन्होंने अपना सिंदूर (पति) खोया है। यह गलत है। जिन लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, उनके लिए जांगड़ा जी ने अपनी ओर से स्पष्ट खेद व्यक्त किया है। मेरा भी मानना है कि अब इस मामले को यहीं समाप्त कर देना चाहिए।"

इस मामले में जहां भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी बरकरार है, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 26 मई को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का दावा करते हुए बताया कि उन्होंने पहलगाम हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं का बदला लिया।

गुजरात के दाहोद में बोलते हुए मोदी ने कहा, "जो हमारी बेटियों का सिंदूर पोंछेंगे, उनका भी सफाया हो जाएगा," लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं के बयानों का कोई उल्लेख नहीं किया।

इस बीच, हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया, जिन्होंने अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के युद्ध-विरोधी पोस्ट के कारण एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी भी हुई, अब तक जांगड़ा के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं कर पाईं हैं।

द वायर ने हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया से संपर्क कर पूछा है कि क्या आयोग ने इस मामले में कोई कार्रवाई शुरू की है या इसकी योजना बना रही है।

मालूम हो कि जांगड़ा से पहले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह भी कर्नल सोफिया कुरैशी पर अपनी टिप्पणी के कारण आलोचना झेल चुके हैं। कर्नल कुरैशी ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान केंद्र सरकार की ब्रीफिंग में भाग लिया था।

विजय शाह ने कर्नल कुरैशी को उनकी मुस्लिम पहचान का हवाला देते हुए ‘आतंकवादियों की बहन’ कहा था। इसके बावजूद वे अपने पद पर हैं। अदालत ने उनके खिलाफ एफआईआर की जांच के आदेश दिए और उनकी माफी को खारिज कर दिया, लेकिन पार्टी की ओर से अभी तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

इस संदर्भ में शाजिया इल्मी ने द वायर से कहा, "कुछ नेताओं द्वारा दिए गए ये गैर-जिम्मेदाराना बयान पार्टी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते, चाहे वे विजय शाह हों या जांगड़ा। पार्टी महिलाओं का सम्मान करती है, जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग के दौरान भारत सरकार की कार्रवाइयों से स्पष्ट हुआ, जिसका नेतृत्व दो महिला अधिकारियों ने किया था।"

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