गुजरात में मुस्लिम व्यवसायियों ने सरकार के 'भेदभावपूर्ण' लाइसेंस रद्द करने की निंदा की

Written by sabrang india | Published on: January 27, 2025
लोगों का मानना है कि सरकार मुस्लिम समुदायों को निशाना बनाने और नुकसान पहुंचाने वाली धार्मिक रूढ़ियों को मजबूत करने के लिए रेगुलेशन की आड़ में इसका इस्तेमाल कर रही है।
सबरंग 


प्रतीकात्मक तस्वीर

गुजरात में मुस्लिम उद्यमी कई प्रतिष्ठानों के लाइसेंस रद्द करने के राज्य सरकार के हालिया कदम की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये कार्रवाई मुस्लिम-संचालित व्यवसायों पर गुप्त हमला है।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट कई लोगों का मानना है कि सरकार मुस्लिम समुदायों को निशाना बनाने और नुकसान पहुंचाने वाली धार्मिक रूढ़ियों को मजबूत करने के लिए रेगुलेशन की आड़ में इसका इस्तेमाल कर रही है।

गुजरात मुस्लिम व्यवसाय संघ के सदस्य असीम कुरैशी ने कहा, "यह कार्रवाई केवल व्यवसायों को ही नुकसान नहीं पहुंचाती है बल्कि यह समानता और निष्पक्षता के उन सिद्धांतों को भी नुकसान पहुंचाती है जो किसी भी लोकतांत्रिक समाज का आधार होने चाहिए। हमें मुस्लिम होने के कारण दंडित किया जा रहा है और यह ऐसी चीज है जिसका सामना किसी भी समुदाय को ऐसे देश में नहीं करना चाहिए जो अपनी बहुलता पर गर्व करता है।"

उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में इसी तरह की नीतियों के के तहत लाइसेंस रद्द किए गए हैं जहां मुस्लिम होटल मालिकों को साइनबोर्ड पर अपना नाम लिखने का आदेश दिया गया था।

आलोचकों को डर है कि गुजरात इसी प्रवृत्ति का अपना रहा है, जिसे कई लोग मुस्लिम व्यवसायों को सार्वजनिक जीवन से बाहर करने का प्रयास मानते हैं।

गोधरा की निवासी जाहिदा खान ने अपनी निराशा साझा करते हुए कहा, "हमारे समुदाय के साथ इस तरह का व्यवहार देखना दर्दनाक है। ऐसा लगता है कि हमें इस समाज में जिंदा रहने के लिए अपनी पहचान छिपानी पड़ रही है। यह सिर्फ व्यापार को लेकर नहीं है बल्कि यह हमारी गरिमा, शांति के साथ रहने के हमारे अधिकार को लेकर भी है।" 

इन नीतियों का असर प्रभावित व्यवसायों के आर्थिक संघर्षों से कहीं आगे तक फैला हुआ है। होटल मालिकों को अब और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कुछ प्रतिष्ठानों को जीएसआरटीसी बस यात्रियों को स्वीकार करने से बाहर रखा गया है, जिससे उनके ग्राहक में भारी कमी आई है। 

एक व्यवसाय के मालिक ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, "हम पहले से ही चल रहे राजनीतिक माहौल के कारण मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं। इससे हमारे लिए जिंदा रहना और भी मुश्किल हो जाएगा।"

बता दें कि पिछले साल दिसंबर महीने में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रौली बौरी में मुनिराज सिंह के नेतृत्व में भारतीय बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने बुलडोजर से मुस्लिम बस्ती के घरों को ध्वस्त कर दिया।

उनका दावा था कि यह बस्ती हिंदू श्मशान की जमीन पर बनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि “अवैध मुस्लिम घुसपैठियों” ने कई हिंदू और सरकारी ज़मीनों पर कब्जा कर लिया है और उन पर भूमि जिहाद का आरोप लगाया।

ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय से यह देखा गया है कि मुस्लिम की संपत्ति को निशाना बनाते हुए हिंदुत्ववादी समूह प्रशासन को शिकायत करता है और प्रशासन उस पर बुलडोजर चला देती है जिससे मुस्लिम समाज के लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।

इस कड़ी में महाराष्ट्र के नगर एवं औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (CIDCO) ने नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की भूमि पर बनी एक दरगाह को ध्वस्त कर दिया। हिंदू जनजागृति समिति (एचजेएस) के बार-बार अनुरोध की प्रतिक्रिया में, CIDCO ने अक्टूबर महीने में आश्वासन दिया था कि वह क्षेत्र में उक्त निर्माण संरचना से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगा।

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