"साल 2019 से ईडी द्वारा दर्ज पीएमएलए मामलों में से 5% से कम में आरोप साबित हुए"

Written by sabrang india | Published on: December 13, 2024
संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार ने बताया कि पीएमएलए के तहत दर्ज 911 मामलों में से केवल 42 मामलों यानी 4.6% में दोष सिद्धि हुई है।


साभार : टीओआई

केंद्र सरकार ने माना कि वित्तीय व आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली भारत की प्रमुख एजेंसी ईडी द्वारा दर्ज धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामलों में आरोप साबित होने की दर 5% से भी कम रही है। सरकार ने ये बात संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कही।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन को बताया कि 1 जनवरी 2019 से 21 अक्टूबर 2024 के बीच पीएमएलए के तहत दर्ज 911 मामलों में से केवल 42 मामलों (4.6%) में दोष सिद्धि हुई है जबकि 257 यानी 28% मामले ट्रायल स्टेज तक पहुंचे हैं।

उच्च सदन में चौधरी ने उत्तर में कहा कि पीएमएलए के तहत दायर कुल मामलों में 654 मामले यानी 71.7% केस अभी लंबित हैं।

ज्ञात हो कि सदन को दिया गया केंद्रीय मंत्री का उत्तर विपक्ष के उस दावे को और सशक्त करता है जिसे पिछले कुछ समय से विपक्ष लगातार जोर देता रहा है कि केंद्र सरकार ने विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने और असंतुष्टों को चुप कराने के लिए ईडी और पीएमएलए का दुरुपयोग किया है।

इंडियन एक्सप्रेस की सितंबर 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के बाद से राजनेताओं के खिलाफ ईडी के मामलों में चार गुना वृद्धि हुई है और इनमें से 95% मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ थे। ईडी ने तब उत्तर देते हुए कहा था कि बड़ी संख्या में लंबित मामलों के बावजूद, उन मामलों में उसकी सजा की दर 96% से अधिक है, जो ट्रायल स्टेज तक पहुंच चुके हैं।

हालांकि, विपक्ष ने अभी भी ईडी द्वारा दर्ज किए गए पीएमएलए मामलों की संख्या और ट्रायल स्टेज तक पहुंचने वाले मामलों के बीच एक बड़ा अंतर बताया।

द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, इसी साल अगस्त 2024 में सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने सरकार द्वारा 2022 में पीएमएलए में संशोधन पेश करने के बाद ईडी द्वारा प्रस्तुत खराब ‘अभियोजन की गुणवत्ता और सबूतों की गुणवत्ता’ पर सवाल उठाते हुए इस पर ध्यान केंद्रित करने को कहा था।

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक और रिपोर्ट में बताया था कि 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के मामलों में जांच का सामना कर रहे 25 विपक्षी नेता, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए, उनमें से 23 के खिलाफ आरोप या तो हटा दिए गए थे या उनके मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने संसद में अपने सवालों का जवाब मिलने के बाद पीएमएलए के तहत दर्ज मामलों में बढ़ोत्तरी को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया।

उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘एनडीए सरकार के तहत पिछले 5 वर्षों में, 911 मामले दर्ज किए गए, जबकि यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के पूरे 10 वर्षों में, केवल 102 मामले दर्ज किए गए थे। यह ईडी के पूर्ण दुरुपयोग को दर्शाता है।’

ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा पहले दिए गए आंकड़ों से पता चला था कि 2014 से 2024 तक पीएमएलए के तहत कुल 5297 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से केवल 40 मामलों में सजा हुई और तीन को बरी कर दिया गया है।

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