हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस सरकार का डैमेज कंट्रोल, दुकानदारों को अपनी पहचान लिखने के आदेश को पलटा!

Written by sabrang india | Published on: September 27, 2024
कुछ दिन पहले शहरी विकास और नगर निगम की बैठक में एक निर्देश जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि "हिमाचल में लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए हर रेस्तरां और फास्ट फूड आउटलेट को मालिक की आईडी दिखाना अनिवार्य होगा।"


साभार : द इकॉनोमिक टाइम्स

हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा रेहड़ी-पटरी वालों को अपना नाम लिखने को अनिवार्य करने की घोषणा के बाद, हिमाचल प्रदेश सरकार ने डैमेज कंट्रोल करने की कवायद तेज कर दी है। सरकार ने गुरुवार को कहा कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नेम प्लेट या अन्य पहचान-पत्र दिखाने को अनिवार्य करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार रेहड़ी-पटरी वालों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी निर्णय को लेने से पहले सभी सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार करेगी।

सूत्रों के अनुसार, विक्रमादित्य की टिप्पणियों के विवाद में फंसने और हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर में पार्टी को चुनावी नुकसान पहुंचाने की आशंका के बीच, मंत्री ने पार्टी हाईकमान के दबाव में स्पष्टीकरण जारी किया।

प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों के विधायकों की एक समिति पहले ही गठित की जा चुकी है। रेहड़ी-पटरी वालों की नीति तैयार करने के लिए उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

इस समिति के अन्य सदस्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, और विधायक अनिल शर्मा, सतपाल सत्ती, रणधीर शर्मा, और हरीश जनार्था हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि समिति राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपने से पहले विभिन्न हितधारकों के सुझावों की समीक्षा करेगी। एक बार उनकी विस्तृत सिफारिशें सौंपे जाने के बाद, मंत्रिमंडल कोई भी निर्णय लेने से पहले उनका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करेगा।

इस बीच, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा दुकानदारों के लिए अपना नाम और पहचान लिखना अनिवार्य करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। शुक्ला ने कहा, "इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से उठाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के साथ तुलना करना गलत है, जहां पहचान दिखाना अनिवार्य है।"

बता दें कि कुछ दिन पहले शहरी विकास और नगर निगम की बैठक में एक निर्देश जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि "हिमाचल में लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए हर रेस्तरां और फास्ट फूड आउटलेट को मालिक की आईडी दिखाना अनिवार्य होगा।"

हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर इससे जुड़ी जानकारी साझा करते हुए लिखा था कि "हिमाचल में लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए हर रेस्तरां और फास्ट फूड आउटलेट को मालिक की आईडी दिखाना अनिवार्य होगा।"

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