हिमाचल प्रदेश में हिंदुत्ववादी भीड़ ने मुस्लिम फेरीवाले को धमकाया, मुर्गा बनाया

Written by sabrang india | Published on: October 23, 2024
शाहवेज अपने सामान को पिछली सीट पर बांधकर बाइक चला रहा था, तभी पांच लोगों ने उसे रोका और उस पर हमला कर दिया। वायरल वीडियो में, भीड़ में से एक व्यक्ति शाहवेज के पास आया और उसके चेहरे पर कई बार थप्पड़ मारे। भीड़ ने उसे उस इलाके को न छोड़ने के लिए धमकाया। 



हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी शिमला के धामी में एक मुस्लिम विक्रेता को भीड़ ने बेरहमी से पीटा क्योंकि उसे चेतावनी मिलने के बाद भी वह इलाका नहीं छोड़ रहा था। हेट डिटेक्टर ने 20 अक्टूबर को इस खबर को ट्वीट किया, जिसमें लगभग एक सप्ताह पहले हुई घटना के बारे में बताया। जानकारी के अनुसार, बदमाशों ने शावेज खान नाम के मुस्लिम व्यक्ति को जान से मारने की धमकी भी दी।

“मेरी तलवार लाओ, मैं आज उसे काट डालूंगा”

शाहवेज अपने सामान को पिछली सीट पर बांधकर बाइक चला रहा था, तभी पांच लोगों ने उसे रोका और उस पर हमला कर दिया। वायरल वीडियो में, भीड़ में से एक व्यक्ति शाहवेज के पास आया और उसके चेहरे पर कई बार थप्पड़ मारे। भीड़ ने उसे उस इलाके को न छोड़ने के लिए धमकाया। 

वीडियो में एक बदमाश शावेज से कहता है, “हमने तुम्हें लात मारी? तुम यहां क्यों आए हो? जब मैंने तुम्हें गांव से बाहर निकाल दिया तो तुम वापस क्यों आए!” 
“मुर्गा बन!” उसने शावेज को सड़क पर बैठने और उसे सजा देने के लिए उसके कान पकड़ने को कहा।

 पीछे से एक बदमाश चिल्लाता है, “तुम फिर से क्यों आए हो?” 

“मेरी तलवार लाओ। मैं आज उसे काट डालूंगा,” उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी भी दी, जबकि शावेज बेहद डरा हुआ और हैरान सा दिख रहा था और विनम्रतापूर्वक उनसे उसे जाने देने का अनुरोध कर रहा था।

स्थानीय खबरों के अनुसार, खुलेआम सड़क पर उसे धमकाने वाले 5 बदमाशों की पहचान संजीव कुमार, विशाल, आदर्श, हरिकृष्ण और हरीश वर्मा के रूप में हुई है जो दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े हैं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

वहीं शाहवेज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना इलाका का रहने वाला है जो काम की तलाश में हिमाचल प्रदेश गया था।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

“धार्मिक पहचान” के लिए “आधार कार्ड” का इस्तेमाल करना

भीड़ ने शावेज का आधार कार्ड भी मांगा, क्योंकि सरकारी रिकॉर्ड में फेरीवालों और मजदूरों के नाम का इस्तेमाल उनके धर्म की पहचान के लिए किया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश में दक्षिणपंथी भीड़ अक्सर मुस्लिम प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाती है और उनसे उनकी धार्मिक पहचान बताने के लिए कहती है ताकि यह तय किया जा सके कि उन्हें उनके धर्म के आधार पर रोक या इजाजत दी जानी चाहिए।

बता दें कि सितंबर 2024 में हमीरपुर में दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें हिंदू चरमपंथियों ने इलाके में मस्जिदों और राज्य में अपना व्यवसाय करने के लिए आए प्रवासी मजदूरों का विरोध किया।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जैसे संगठनों द्वारा समर्थित एक हिंदुत्ववादी समिति देव भूमि संघर्ष समिति ने राज्य के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से “वक्फ बोर्ड” को खत्म करने की मांग की क्योंकि यह मुस्लिम समुदाय के संपत्ति अधिकारों के लिए काम करता है।

बाहरी लोगों को निशाना बनाने की ऐसी कोशिशों में आमतौर पर शावेज जैसे मुस्लिम दुकानदारों और फेरीवालों को निशाना बनाया जाता है, जो जिंदगी जोखिम में डालने वाली परिस्थितियों के बीच काम करने के लिए मजबूर हैं।

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