एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि कार्टून हमेशा से पत्रकारिता का एक वैध साधन रहे हैं और विकटन वेबसाइट को अचानक ब्लॉक करना अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण का एक चौंकाने वाला उदाहरण है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े कार्टून के प्रकाशन को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना तमिल पत्रिका वेब पोर्टल 'विकटन' को हाल ही में ब्लॉक किए जाने पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गहरा आश्चर्य जताया है।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के तमिलनाडु प्रमुख द्वारा 10 फरवरी को प्रकाशित एक कार्टून पर आपत्ति जताए जाने के तुरंत बाद वेबसाइट बंद हो गई थी, जिसमें मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बगल में जंजीरों में जकड़े हुए बैठे दिखाया गया था।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने समाचार पोर्टल पर पीएम मोदी के बारे में ‘आक्रामक और निराधार सामग्री प्रकाशित करने’ का आरोप लगाया था। उन्होंने विकटन को डीएमके का मुखपत्र भी बताया।
गिल्ड ने कहा, ‘कार्टून हमेशा से पत्रकारिता का एक वैध साधन रहे हैं और विकटन वेबसाइट को अचानक ब्लॉक करना अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण का एक बेशर्म उदाहरण है।’
जारी किए गए बयान पर हस्ताक्षर गिल्ड के अध्यक्ष अनंत नाथ, महासचिव रूबेन बनर्जी और कोषाध्यक्ष के वी प्रसाद के हैं। ये बयान 18 फरवरी को जारी किया गया है।
इस बयान में कहा गया, ‘इससे भी ज़्यादा निंदनीय बात यह है कि एक राजनीतिक दल के राज्य प्रमुख द्वारा उक्त कार्टून के खिलाफ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) से शिकायत करने के बाद पूरे वेब पोर्टल तक एक्सेस को अचानक ब्लॉक कर दिया गया। कोई भी नोटिस पहले जारी नहीं की गई और वेब पोर्टल के पीछे के समूह आनंद विकटन को निष्पक्ष सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया।’
एडिटर्स गिल्ड ने आगे कहा कि यह जानकर भी हैरानी हुई कि वेबसाइट को ब्लॉक करने के बाद प्रकाशकों को एक नोटिस भेजा गया, जिसमें उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (आईटी नियम 2021) के तहत गठित एक अंतर-विभागीय समिति द्वारा सुनवाई के लिए बुलाया गया, ताकि ब्लॉक करने के अनुरोध पर विचार किया जा सके।
गिल्ड ने कहा, ‘एक तरह से कहें तो आदेश को मनमाने ढंग से लागू करने के बाद उचित प्रक्रिया शुरू की गई।’
गिल्ड ने यह नोट करने की मांग की कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पहले ही आईटी नियम 2021 के नियम 9(1) और (3) पर रोक लगा दी है, जो आचार संहिता से संबंधित है, और इसलिए इन आधारों पर प्रकाशकों के खिलाफ शिकायतों की जांच करने के लिए अंतर-विभागीय समिति की शक्तियों को सीमित कर दिया है।
इसमें कहा गया है, ‘इस पूरे मामले में मनमानेपन की बू आ रही है और यह स्वतंत्र प्रेस के आदर्शों के विपरीत है। देश में मीडिया की स्वतंत्रता पर बढ़ती चिंताओं के बीच वेबसाइट को ब्लॉक करना भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए अच्छा नहीं है, जो निष्पक्षता और पारदर्शिता को महत्व देती हैं।’
गिल्ड ने कहा कि यह जानकर दुख हुआ कि इस कार्टूनिस्ट को सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल किया जा रहा है और साथ ही उसे जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही हैं।
इसने मंत्रालय से ब्लॉक करने के आदेश को वापस लेने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि यह ‘फ्री स्पीच एंड एक्सप्रेशन के मामले में कभी भी मनमाने तरीके से फैसले न लिए जाएं’
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े कार्टून के प्रकाशन को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना तमिल पत्रिका वेब पोर्टल 'विकटन' को हाल ही में ब्लॉक किए जाने पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गहरा आश्चर्य जताया है।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के तमिलनाडु प्रमुख द्वारा 10 फरवरी को प्रकाशित एक कार्टून पर आपत्ति जताए जाने के तुरंत बाद वेबसाइट बंद हो गई थी, जिसमें मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बगल में जंजीरों में जकड़े हुए बैठे दिखाया गया था।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने समाचार पोर्टल पर पीएम मोदी के बारे में ‘आक्रामक और निराधार सामग्री प्रकाशित करने’ का आरोप लगाया था। उन्होंने विकटन को डीएमके का मुखपत्र भी बताया।
गिल्ड ने कहा, ‘कार्टून हमेशा से पत्रकारिता का एक वैध साधन रहे हैं और विकटन वेबसाइट को अचानक ब्लॉक करना अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण का एक बेशर्म उदाहरण है।’
जारी किए गए बयान पर हस्ताक्षर गिल्ड के अध्यक्ष अनंत नाथ, महासचिव रूबेन बनर्जी और कोषाध्यक्ष के वी प्रसाद के हैं। ये बयान 18 फरवरी को जारी किया गया है।
इस बयान में कहा गया, ‘इससे भी ज़्यादा निंदनीय बात यह है कि एक राजनीतिक दल के राज्य प्रमुख द्वारा उक्त कार्टून के खिलाफ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) से शिकायत करने के बाद पूरे वेब पोर्टल तक एक्सेस को अचानक ब्लॉक कर दिया गया। कोई भी नोटिस पहले जारी नहीं की गई और वेब पोर्टल के पीछे के समूह आनंद विकटन को निष्पक्ष सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया।’
एडिटर्स गिल्ड ने आगे कहा कि यह जानकर भी हैरानी हुई कि वेबसाइट को ब्लॉक करने के बाद प्रकाशकों को एक नोटिस भेजा गया, जिसमें उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (आईटी नियम 2021) के तहत गठित एक अंतर-विभागीय समिति द्वारा सुनवाई के लिए बुलाया गया, ताकि ब्लॉक करने के अनुरोध पर विचार किया जा सके।
गिल्ड ने कहा, ‘एक तरह से कहें तो आदेश को मनमाने ढंग से लागू करने के बाद उचित प्रक्रिया शुरू की गई।’
गिल्ड ने यह नोट करने की मांग की कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पहले ही आईटी नियम 2021 के नियम 9(1) और (3) पर रोक लगा दी है, जो आचार संहिता से संबंधित है, और इसलिए इन आधारों पर प्रकाशकों के खिलाफ शिकायतों की जांच करने के लिए अंतर-विभागीय समिति की शक्तियों को सीमित कर दिया है।
इसमें कहा गया है, ‘इस पूरे मामले में मनमानेपन की बू आ रही है और यह स्वतंत्र प्रेस के आदर्शों के विपरीत है। देश में मीडिया की स्वतंत्रता पर बढ़ती चिंताओं के बीच वेबसाइट को ब्लॉक करना भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए अच्छा नहीं है, जो निष्पक्षता और पारदर्शिता को महत्व देती हैं।’
गिल्ड ने कहा कि यह जानकर दुख हुआ कि इस कार्टूनिस्ट को सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल किया जा रहा है और साथ ही उसे जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही हैं।
इसने मंत्रालय से ब्लॉक करने के आदेश को वापस लेने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि यह ‘फ्री स्पीच एंड एक्सप्रेशन के मामले में कभी भी मनमाने तरीके से फैसले न लिए जाएं’
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