यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच घिरे पूर्व केंद्रीय मंत्री और देश के कई संस्थानों में बतौर संपादक रहे एम.जे. अकबर को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही एडिटर्स गिल्ड ने टाइम्स ऑफ इंडिया के गौतम अधिकारी को भी पत्र लिखकर उनपर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया मांगी है.
एडिटर्स गिल्ड ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘सदस्यों के बहुमत ने सुझाया कि अकबर की सदस्यता निलंबित की जाए. बहुमत का विचार यह है कि अकबर की सदस्यता तब तक के लिए निलंबित कर दी जाए, जबतक कि उनकी तरफ से अदालत में दाखिल मामला निष्कर्ष पर न पहुंच जाए.’
इसके अलावा एडिटर्स गिल्ड ने तहलका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल की सदस्यता भी निलंबित कर दी. तेजपाल अपनी एक कनिष्ठ सहयोगी के साथ 2013 में गोवा में दुष्कर्म करने के आरोपी हैं.
कई पूर्व महिला सहयोगियों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद अकबर ने अक्टूबर में विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. पहला आरोप पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया था, जिनके खिलाफ अकबर ने अदालत में मानहानि का एक मामला दाखिल किया है.
अकबर पर अमेरिका स्थित पत्रकार पल्लवी गोगोई ने भी दुष्कर्म का आरोप लगाया है.
एडिटर्स गिल्ड ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘सदस्यों के बहुमत ने सुझाया कि अकबर की सदस्यता निलंबित की जाए. बहुमत का विचार यह है कि अकबर की सदस्यता तब तक के लिए निलंबित कर दी जाए, जबतक कि उनकी तरफ से अदालत में दाखिल मामला निष्कर्ष पर न पहुंच जाए.’
इसके अलावा एडिटर्स गिल्ड ने तहलका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल की सदस्यता भी निलंबित कर दी. तेजपाल अपनी एक कनिष्ठ सहयोगी के साथ 2013 में गोवा में दुष्कर्म करने के आरोपी हैं.
कई पूर्व महिला सहयोगियों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद अकबर ने अक्टूबर में विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. पहला आरोप पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया था, जिनके खिलाफ अकबर ने अदालत में मानहानि का एक मामला दाखिल किया है.
अकबर पर अमेरिका स्थित पत्रकार पल्लवी गोगोई ने भी दुष्कर्म का आरोप लगाया है.