उनकी टिप्पणी की विपक्षी दलों ने व्यापक आलोचना की जिन्होंने विधायक पर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
बिहार के बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने हाल ही में अपने उस बयान से विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को जनसंख्या नियंत्रण लागू करना चाहिए।
द ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के अनुसार, शैलेंद्र ने कहा कि वह मुसलमानों के वोट स्वीकार करने के बजाय चुनाव हारना पसंद करेंगे।
उन्होंने कहा, “देश भर में अव्यवस्था कौन फैलाता है? सनातन धर्म को वोट देने वालों का विरोध कौन करता है? देश में आतंकवादी कौन हैं? मस्जिदों में मंदिर के अवशेष कहां पाए जाते हैं? इन सभी गतिविधियों के लिए कौन जिम्मेदार है? यह मुसलमान ही करते हैं और मुसलमानों का समर्थन कौन करता है? यह राजद है। हमें मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए, क्योंकि मुसलमान देश के लिए खतरा हैं। हमें उनके वोट क्यों लेने चाहिए? आज सीमा पर सैनिकों को कौन मार रहा है? क्या यह पाकिस्तान से आए हिंदू हैं या मुसलमान?”
रविवार को उनकी टिप्पणी की विपक्षी दलों ने व्यापक आलोचना की जिन्होंने विधायक पर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
शैलेंद्र ने यह भी कहा कि हिंदुओं में कम बच्चे होते हैं, जबकि मुसलमानों के परिवार बड़े होते हैं। उन्होंने उन्हें जनसंख्या नियंत्रण उपायों को लागू करने की सलाह दी। उन्होंने हिंदुओं से ‘हिंदू बनने’ का आग्रह किया और कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘हमारे पास एक बच्चा है, और उनके पास 20 बच्चे हैं।’
“यह राजद नहीं, बल्कि ‘मिया’ है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि उम्मीदवार कौन है, वे ‘मिया’ हैं।”
भाजपा विधायक ने यह कहते हुए अपने रुख का बचाव किया कि उनकी पार्टी ने निर्वाचन क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर और सड़कों जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार किए हैं, इसके बावजूद मुसलमानों ने उन्हें कभी वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसे मुसलमानों का समर्थन प्राप्त है।
शैलेंद्र ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 2025 में ओबीसी और हिंदू समुदायों के समर्थन से बिहार में अगली सरकार बनाएगा।
बता दें कि इस साल के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव है जिसको लेकर नेता अपने अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं।
बिहार के बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने हाल ही में अपने उस बयान से विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को जनसंख्या नियंत्रण लागू करना चाहिए।
द ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के अनुसार, शैलेंद्र ने कहा कि वह मुसलमानों के वोट स्वीकार करने के बजाय चुनाव हारना पसंद करेंगे।
उन्होंने कहा, “देश भर में अव्यवस्था कौन फैलाता है? सनातन धर्म को वोट देने वालों का विरोध कौन करता है? देश में आतंकवादी कौन हैं? मस्जिदों में मंदिर के अवशेष कहां पाए जाते हैं? इन सभी गतिविधियों के लिए कौन जिम्मेदार है? यह मुसलमान ही करते हैं और मुसलमानों का समर्थन कौन करता है? यह राजद है। हमें मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए, क्योंकि मुसलमान देश के लिए खतरा हैं। हमें उनके वोट क्यों लेने चाहिए? आज सीमा पर सैनिकों को कौन मार रहा है? क्या यह पाकिस्तान से आए हिंदू हैं या मुसलमान?”
रविवार को उनकी टिप्पणी की विपक्षी दलों ने व्यापक आलोचना की जिन्होंने विधायक पर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
शैलेंद्र ने यह भी कहा कि हिंदुओं में कम बच्चे होते हैं, जबकि मुसलमानों के परिवार बड़े होते हैं। उन्होंने उन्हें जनसंख्या नियंत्रण उपायों को लागू करने की सलाह दी। उन्होंने हिंदुओं से ‘हिंदू बनने’ का आग्रह किया और कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘हमारे पास एक बच्चा है, और उनके पास 20 बच्चे हैं।’
“यह राजद नहीं, बल्कि ‘मिया’ है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि उम्मीदवार कौन है, वे ‘मिया’ हैं।”
भाजपा विधायक ने यह कहते हुए अपने रुख का बचाव किया कि उनकी पार्टी ने निर्वाचन क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर और सड़कों जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार किए हैं, इसके बावजूद मुसलमानों ने उन्हें कभी वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसे मुसलमानों का समर्थन प्राप्त है।
शैलेंद्र ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 2025 में ओबीसी और हिंदू समुदायों के समर्थन से बिहार में अगली सरकार बनाएगा।
बता दें कि इस साल के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव है जिसको लेकर नेता अपने अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं।