उत्तर प्रदेश में आदिवासी संघर्ष की भारी जीत, जल्द रिहा होंगी सुकालो गोंड

Written by Sabrangindia Staff | Published on: October 4, 2018
सोनभद्र। 8 नवंबर 2018 गिरफ्तार की गईं आदिवासी मानवाधिकार एक्टिविस्ट सुकालो गोंड की जमानत पर रिहाई का रास्ता खुल गया है। वे अभी जेल में ही रहेंगी लेकिन अगले सप्ताह तक रिहाई हो सकती है। आदिवासी मानव अधिकार रक्षक सुकालो गोंड को अवैध रूप से उठाकर जेल में डाल दिया गया था। आज उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया हैं। सुकालो गोंड ऑल इंडिया यूनियन ऑफ वन वर्किंग पीपल (AIUFWP) कोषाध्यक्ष हैं। अग्रिम पंक्ति की आदिवासी महिला नेताओं में शुमार सुकालो वर्ष 2006 में वनाधिकार रैली का नेतृत्व करके चर्चा में आईं। 


सुकालो गोंड ने उत्तर प्रदेश में आदिवासी संघर्ष और 2006 के वन अधिकार अधिनियम को लागू करने के लिए लड़ाई सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में सीजेपी बात की। इस बातचीत का वीडियो नीचे दिए यूट्यूब लिंक पर देख सकते हैं। 



AIUFWP की रोमा और अन्य प्रतिनिधियों सहित उपाध्यक्ष तीस्ता सेतलवाड़ NHRC के रजिस्ट्रार सुरजीत डे से 14 जून को मुलाक़ात की थी जिसमें उन्होंने रिपोर्ट किया कि किस प्रकार निरंतर रूप से सोनभद्र के जनजातीय लोगों के मानवाधिकारों का गंभीर रूप से उल्लंघन किया जा रहा है। सुकालो ने कहा था कि उनका गुनाह सिर्फ इतना है कि उन्होंने 23 मार्च को रोबर्ट्सगंज के जिला कार्यालय में वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 द्वारा उपलब्ध वन अधिकारों के अनुसार वन भूमि पर अपने अधिकार होने के दावों को दायर किया। 6 जून को प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान से पुलिसिया अत्याचारों के बारे में बातचीत की, जिसके बाद वे सब लखनऊ के लिए निकले, जिस दौरान उन्हें अवैध रूप से हिरासत में ले लिया गया और अब नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ नए मामले गढ़ दिए गए हैं।

इस दौरान AIUFWP के यूनियन सदस्य ने रोमा के नेतृत्व में रजिस्ट्रार को एक पत्र सौंपा जिसमें कार्यकर्ताओं की अवैध और अलोकतांत्रिक ढंग से की गई गिरफ्तारी की गंभीरता पर प्रकाश डाला गया, जो FRA 2006 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। CJP के हस्तक्षेप करने के कारण ही NHRC रजिस्ट्रार और AIUFWP के नेताओं की बैठक संभव हो पाई थी।

6 जून को सुकालो गोंड (कोषाध्यक्ष, AIUFWP) सहित किसामती गोंड और सुखदेव गोंड राज्य वन मंत्री, दारा सिंह चौहान और वन सचिव के साथ बैठक के बाद लखनऊ से लौट रहे थे जिसके दौरान उन्हें गुप्त रूप से चोपन स्टेशन, सोनभद्र में गिरफ्तार कर लिया गया था। सुकालो आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ रही हैं। उनका कहना है कि आदिवासियों के जल जंगल जमीन को छीना जा रहा है। ऐसे में वे आदिवासियों के हक के लिए लड़ रही हैं। 

बाकी ख़बरें