मध्य प्रदेश में जातिगत जनगणना और प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग को लेकर बहुजन संगठन की लंबी पदयात्रा

Written by sabrang india | Published on: October 2, 2024
इस पदयात्रा की शुरुआत सनकुआ धाम (दतिया जिला) से की जाएगी और इसका समापन राजधानी भोपाल में होगा। इसका आयोजन आजाद समाज पार्टी के बहुजन नेता दामोदर सिंह यादव कर रहे हैं।



जातिगत जनगणना और प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश में 25 नवंबर से 20 दिसंबर 2024 तक 500 किलोमीटर तक संकल्प पदयात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस पदयात्रा की शुरुआत सनकुआ धाम (दतिया जिला) से की जाएगी और इसका समापन राजधानी भोपाल में होगा। इसका आयोजन आजाद समाज पार्टी के बहुजन नेता दामोदर सिंह यादव कर रहे हैं।

द मूकनायक से बातचीत में दामोदर यादव ने बताया, इस पदयात्रा का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने और प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लागू करने जैसी महत्वपूर्ण मांगों को केंद्र और राज्य सरकार तक पहुंचाना है। इन मांगों को लेकर विभिन्न बहुजन संगठनों और नेताओं का समर्थन मिल रहा है। यात्रा के समापन समारोह में बहुजन नेता चंद्रशेखर आज़ाद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, "यात्रा समाज के उन वंचित और पिछड़े वर्गों की आवाज़ को बुलंद करेगी, जिनके हितों की अनदेखी हो रही है। जातिगत जनगणना की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है ताकि देश में सही-सही आंकड़ों के आधार पर सामाजिक-आर्थिक योजनाएं बनाई जा सकें। इसके साथ ही, प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लागू करने की मांग भी इस यात्रा के केंद्र में है जिससे समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों को रोजगार के अवसर मिल सकें।"

बहुजन संगठनों का यात्रा को समर्थन

इस यात्रा का नेतृत्व सामाजिक न्याय और समता की मांग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध बहुजन आंदोलन से जुड़े प्रमुख नेता कर रहे हैं। ये पद यात्रा मध्य प्रदेश के साथ साथ पूरे देश में जातिगत जनगणना और प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को लेकर एक नई बहस को जन्म दे सकती है। भीम आर्मी, आज़ाद समाज पार्टी और अन्य बहुजन संगठनों का इस यात्रा को समर्थन मिल रहा है।

समापन सभा में मौजूद रहेंगे चंद्रशेखर आज़ाद

पदयात्रा का समापन भोपाल में होगा जिसमें आजाद समाज पार्टी प्रमुख व सांसद चंद्रशेखर आज़ाद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। आज़ाद अपने प्रखर वक्तव्यों और सामाजिक न्याय के लिए निरंतर संघर्ष के लिए पहचाने जाते हैं।

पद यात्रा में बड़ी संख्या में लोग होंगे शामिल

इस संकल्प यात्रा को सफल बनाने के लिए लोगों से भी सहयोग और समर्थन की अपील की गई है। यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर सभाएं और संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जहां पर बहुजन समाज के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। समाज के हर तबके से इस यात्रा में जुड़ने का आग्रह किया गया है ताकि सरकार तक इन मांगों को पहुंचाया जा सके।

ज्ञात हो कि स्वतंत्रता से पहले की जनगणना में सभी लोगों से उनकी जाति पूछी जाती थी। लेकिन 1947 में देश की आज़ादी के बाद जाति से जुड़े आंकड़े इकट्ठा न करने का निर्णय लिया गया। इसका कारण यह था कि जाति पूछने से जाति व्यवस्था और मजबूत हो सकती है। हालांकि, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों की गिनती जारी रही। इस प्रकार, देश में एससी और एसटी वर्ग के लोगों की गिनती होती है, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सामान्य वर्ग के लोगों की गिनती नहीं की जाती।

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