सस्पेंड किए गए इन 13 छात्र-छात्राओं में कुछ ऐसे भी हैं, जिन पर 35 से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं। इस कार्रवाई में भगत सिंह मोर्चा, आईसा और एनएसयूआई के सदस्य शामिल हैं।
साभार : अमर उजाला (फाइल फोटो)
पिछले साल नवंबर में आईआईटी-बीएचयू की छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ सिंह द्वार पर बैठे छात्र-छात्राओं से हुई मारपीट के मामले में 13 छात्र-छात्राओं को बीएचयू प्रशासन ने स्सपेंड कर दिया है। घटना के 11 महीने बाद यह कार्रवाई यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से की गई है। सस्पेंड किए गए इन 13 छात्र-छात्राओं में कुछ ऐसे भी हैं, जिन पर 35 से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं। इस कार्रवाई में भगत सिंह मोर्चा, आईसा और एनएसयूआई के सदस्य शामिल हैं।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्रवाई की जद में शामिल छह छात्राओं और दो छात्रों को 30 दिन के लिए विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, पांच छात्रों का निलंबन 15 दिन के लिए हुआ है। इन्हें हॉस्टल, लाइब्रेरी और एचआरए की सुविधा से भी बेदखल करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस समय प्रदर्शनकारी छात्रों की काउंसिलिंग कराने और उनसे कम्युनिटी सर्विस कराने का भी आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि पिछले साल एक नवंबर की रात आईआईटी बीएचयू की एक छात्रा से परिसर में गैंगरेप हुआ था। इसके विरोध में आईआईटी बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था। इसी घटना के विरोध में बीएचयू के छात्र-छात्राएं भी सिंह द्वार पर धरने पर बैठ गए थे। बीते साल पांच नवंबर को दो संगठनों एबीवीपी और भगत सिंह छात्र मोर्चा के बीच मारपीट हुई थी। इसके बाद कई छात्रों पर मुकदमा किया गया था। यूनिवर्सिटी की ये कार्रवाई इन्हीं छात्र-छात्राओं पर हुई है।
निलंबित किए गए छात्र-छात्राओं का कहना है कि यह कार्रवाई उन छात्रों के खिलाफ की गई है जो मौजूदा सरकार की नीतियों से असहमति रखते हैं। कैंपस में हमेशा समाज या अन्य जरूरी सवालों पर मुखर रहे हैं। उनका कहना है कि सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपियों में से जब दो आरोपी जेल से बाहर हैं, तब ये कार्रवाई हम पर क्यों की गई।
ज्ञात हो कि पिछले साल घटना के लगभग 60 दिनों बाद तीन अभियुक्तों कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। पुलिस के अनुसार वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ़्तार किए गए तीनों अभियुक्त बीजेपी के आईटी सेल से जुड़े हुए थे।
पार्टी के कई बड़े नेताओं के साथ इनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थी। जो दावे किए गए उसके अनुसार कुणाल पांडेय वाराणसी में बीजेपी आईटी सेल का संयोजक रह चुका है। वहीं सक्षम पटेल बीजेपी की वाराणसी यूनिट में आईटी सेल का सह संयोजक रहा है और आनंद उर्फ अभिषेक आईटी सेल कार्यसमिति का सदस्य रह चुका है।
साभार : अमर उजाला (फाइल फोटो)
पिछले साल नवंबर में आईआईटी-बीएचयू की छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ सिंह द्वार पर बैठे छात्र-छात्राओं से हुई मारपीट के मामले में 13 छात्र-छात्राओं को बीएचयू प्रशासन ने स्सपेंड कर दिया है। घटना के 11 महीने बाद यह कार्रवाई यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से की गई है। सस्पेंड किए गए इन 13 छात्र-छात्राओं में कुछ ऐसे भी हैं, जिन पर 35 से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं। इस कार्रवाई में भगत सिंह मोर्चा, आईसा और एनएसयूआई के सदस्य शामिल हैं।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्रवाई की जद में शामिल छह छात्राओं और दो छात्रों को 30 दिन के लिए विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, पांच छात्रों का निलंबन 15 दिन के लिए हुआ है। इन्हें हॉस्टल, लाइब्रेरी और एचआरए की सुविधा से भी बेदखल करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस समय प्रदर्शनकारी छात्रों की काउंसिलिंग कराने और उनसे कम्युनिटी सर्विस कराने का भी आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि पिछले साल एक नवंबर की रात आईआईटी बीएचयू की एक छात्रा से परिसर में गैंगरेप हुआ था। इसके विरोध में आईआईटी बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था। इसी घटना के विरोध में बीएचयू के छात्र-छात्राएं भी सिंह द्वार पर धरने पर बैठ गए थे। बीते साल पांच नवंबर को दो संगठनों एबीवीपी और भगत सिंह छात्र मोर्चा के बीच मारपीट हुई थी। इसके बाद कई छात्रों पर मुकदमा किया गया था। यूनिवर्सिटी की ये कार्रवाई इन्हीं छात्र-छात्राओं पर हुई है।
निलंबित किए गए छात्र-छात्राओं का कहना है कि यह कार्रवाई उन छात्रों के खिलाफ की गई है जो मौजूदा सरकार की नीतियों से असहमति रखते हैं। कैंपस में हमेशा समाज या अन्य जरूरी सवालों पर मुखर रहे हैं। उनका कहना है कि सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपियों में से जब दो आरोपी जेल से बाहर हैं, तब ये कार्रवाई हम पर क्यों की गई।
ज्ञात हो कि पिछले साल घटना के लगभग 60 दिनों बाद तीन अभियुक्तों कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। पुलिस के अनुसार वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ़्तार किए गए तीनों अभियुक्त बीजेपी के आईटी सेल से जुड़े हुए थे।
पार्टी के कई बड़े नेताओं के साथ इनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थी। जो दावे किए गए उसके अनुसार कुणाल पांडेय वाराणसी में बीजेपी आईटी सेल का संयोजक रह चुका है। वहीं सक्षम पटेल बीजेपी की वाराणसी यूनिट में आईटी सेल का सह संयोजक रहा है और आनंद उर्फ अभिषेक आईटी सेल कार्यसमिति का सदस्य रह चुका है।