नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल के सात शिक्षकों को सोशल मीडिया पर बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक पर सवाल खड़े करने से लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सराहना करने की वजह से निलंबित कर दिया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप-ए के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को भी निलंबित कर दिया गया है। 10 मार्च को चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद आचार संहिता के उल्लंघन के लिए दो और शिक्षकों को निलंबित किया गया है। सरकार द्वारा एक निजी स्कूल के शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) प्रभात कुमार ने कहा कि बीएसए के निलंबन से पहले उचित जांच की गई। उन्होंने कहा,’मुझे शिक्षकों के निलंबन को लेकर कोई जानकारी नहीं है। निर्धारित जिलों के बीएसए ने यह किया होगा।’
21 फरवरी को विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह ने मुजफ्फरनगर के बीएसए दिनेश यादव को निलंबित किया। दिनेश पर आरोप है कि उन्होंने 19 फरवरी को प्रांतीय शिक्षा सेवा के व्हाट्सऐप ग्रुप में पुलवामा हमले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इसके पीछे कोई साजिश हो सकती है। उनके निलंबन आदेश में कहा गया कि उनकी टिप्पणियां उनकी आधिकारिक जिम्मेदारी का उल्लंघन है। दिनेश का कहना है कि वे इस ग्रुप में अपने एक दोस्त से बात कर रहे थे और उन्होंने किसी सर्विस रूल का उल्लंघन नहीं किया है।
वहीं 27 फरवरी को बाराबंकी बीएसए वीपी सिंह ने बाराबंकी के प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर सुरेंद्र कुमार को निलंबित किया। उन पर शिक्षकों के व्हाट्सऐप ग्रुप में पुलवामा हमले को लेकर सवाल खड़ा करने का आरोप लगाया गया। उनके निलंबन आदेश में इसे सेवा नियमों का उल्लंघन बताया गया। सुरेंद्र का कहना है कि उनका निलंबन गलत है।
सुल्तानपुर बीएसए कौस्तुभ कुमार ने दो मार्च को सुल्तानपुर के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक अमरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया था। उन पर व्हाट्सऐप ग्रुप में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तारीफ करने का आरोप लगाया गया, जिसे सेवा नियमों का स्पष्ट उल्लंघन बताया गया। अमरेंद्र का कहना है कि उन्होंने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है।
रायबरेली बीएसए पीएन सिंह ने छह मार्च को रायबरेली के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक रविंद्र कनौजिया को निलंबित कर दिया। उन पर फेसबुक पर ऐसी पोसर साझा करने आरोप है, जिसमें बालाकोट एयर स्ट्राइक, भारतीय वायुसेना के विमान गिराने और भारतीय पायलट को पकड़ने को लेकर सवाल उठाए गए थे।
उनके निलंबन आदेश में कहा गया कि उन्होंने सरकार और सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिससे समाज में तनाव पैदा हो सकता है। कनौजिया का कहना है, ‘मैंने खुद कुछ नहीं लिखा था। हो सकता है किसी ने मेरे मोबाइल से ऐसा कुछ शेयर कर दिया हो। ये आरोप गलत हैं।’
22 फरवरी को मिर्जापुर बीएसए प्रवीण तिवारी ने मिर्जापुर के प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर रविशंकर यादव को निलंबित कर दिया। उन पर आरोप था कि उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जो सेवा नियमों के खिलाफ है। रविशंकर यादव का कहना है कि उन्होंने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की।
22 फरवरी को ही आज़मगढ़ बीएसए देवेंद्र पांडे ने जिले के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक नंदजी यादव को सेवा नियमों का उल्लंघन करने के चलते निलंबित कर दिया। आरोप था कि उन्होंने बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। यादव का कहना है कि वे इसका जवाब देंगे।
श्रावस्ती के बीएसए ओंकार राणा ने श्रावस्ती के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक सत्य प्रकाश वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन पर आरोप है कि छह महीने के अंतराल के बाद जब उनका वेतन दिया गया तो उन्होंने लिखा था, कोई बहुत बड़ा तीर नहीं मार दिया।
उन्हें नोटिस में यह बताने के लिए कहा गया है कि क्यों आईटी एक्ट के अंतर्गत उनके खिलाफ कार्रवाई न की जाये। सत्य प्रकाश का कहना है कि उन्होंने ऐसा इसलिए लिखा क्योंकि 6 महीनों से तनख्वाह न मिलने के चलते वे दबाव में थे।
16 मार्च को रायबरेली बीएसए पीएन सिंह ने रायबरेली के प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर निरंकार शुक्ला को निलंबित किया। आरोप है कि उन्होंने फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा था, जो आचार संहिता का उल्लंघन है।
निरंकार का कहना है कि उन्हें अब तक निलंबन का आदेश नहीं मिला है। उन्हें अनाधिकारिक रूप से उनके निलंबन के बारे में सुनने को मिला। जब वे बीएसए से मिले तो उन्हें बताया गया कि उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। हालांकि इससे पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया।
16 मार्च को ही रायबरेली के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक राजेश शुक्ला को भी निलंबित किया गया। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने आरबीआई के गवर्नर के पद से हटने और एलआईसी पर दबाव होने की बात का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री की आलोचना की थी।
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट नेहा शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि उन्हें आचार संहिता लागू होने के दौरान सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणी करने की वजह से निलंबित किया गया।
राजेश शुक्ला का कहना है, ‘कई कर्मचारियों द्वारा सत्तासीन पार्टी के पक्ष में कई टिप्पणियां की गईं, उन पर कभी कोई एक्शन नहीं लिया गया। मैंने सरकार के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की। जब मुझे चार्जशीट दी जाएगी, तब मैं इन आरोपों पर जवाब दूंगा।’
वहीं 23 मार्च को शाहजहांपुर के कलां के एसडीएम अशोक कुमार ने शाहजहांपुर के निजी इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले दिलीप सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए। वे बिना वेतन के इस स्कूल में पढ़ाते हैं।
एसडीएम के आदेश के मुताबिक आरोप है कि यादव ने फेसबुक पर सांप्रदायिकता, जाति, राजनीति और धार्मिकता आधारित आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। आदेश में एसडीएम द्वारा पुलिस को दिलीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को भी कहा गया है।
हालांकि दिलीप ने कहा है कि उन्होंने किसी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है। उनका कहना है, ‘मैंने एक भारतीय नागरिक के बतौर टिप्पणी की थी क्योंकि हमें अभिव्यक्ति की आज़ादी मिली हुई है। सभी आरोप गलत हैं।
साभार- द वायर
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप-ए के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को भी निलंबित कर दिया गया है। 10 मार्च को चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद आचार संहिता के उल्लंघन के लिए दो और शिक्षकों को निलंबित किया गया है। सरकार द्वारा एक निजी स्कूल के शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) प्रभात कुमार ने कहा कि बीएसए के निलंबन से पहले उचित जांच की गई। उन्होंने कहा,’मुझे शिक्षकों के निलंबन को लेकर कोई जानकारी नहीं है। निर्धारित जिलों के बीएसए ने यह किया होगा।’
21 फरवरी को विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह ने मुजफ्फरनगर के बीएसए दिनेश यादव को निलंबित किया। दिनेश पर आरोप है कि उन्होंने 19 फरवरी को प्रांतीय शिक्षा सेवा के व्हाट्सऐप ग्रुप में पुलवामा हमले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इसके पीछे कोई साजिश हो सकती है। उनके निलंबन आदेश में कहा गया कि उनकी टिप्पणियां उनकी आधिकारिक जिम्मेदारी का उल्लंघन है। दिनेश का कहना है कि वे इस ग्रुप में अपने एक दोस्त से बात कर रहे थे और उन्होंने किसी सर्विस रूल का उल्लंघन नहीं किया है।
वहीं 27 फरवरी को बाराबंकी बीएसए वीपी सिंह ने बाराबंकी के प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर सुरेंद्र कुमार को निलंबित किया। उन पर शिक्षकों के व्हाट्सऐप ग्रुप में पुलवामा हमले को लेकर सवाल खड़ा करने का आरोप लगाया गया। उनके निलंबन आदेश में इसे सेवा नियमों का उल्लंघन बताया गया। सुरेंद्र का कहना है कि उनका निलंबन गलत है।
सुल्तानपुर बीएसए कौस्तुभ कुमार ने दो मार्च को सुल्तानपुर के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक अमरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया था। उन पर व्हाट्सऐप ग्रुप में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तारीफ करने का आरोप लगाया गया, जिसे सेवा नियमों का स्पष्ट उल्लंघन बताया गया। अमरेंद्र का कहना है कि उन्होंने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है।
रायबरेली बीएसए पीएन सिंह ने छह मार्च को रायबरेली के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक रविंद्र कनौजिया को निलंबित कर दिया। उन पर फेसबुक पर ऐसी पोसर साझा करने आरोप है, जिसमें बालाकोट एयर स्ट्राइक, भारतीय वायुसेना के विमान गिराने और भारतीय पायलट को पकड़ने को लेकर सवाल उठाए गए थे।
उनके निलंबन आदेश में कहा गया कि उन्होंने सरकार और सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिससे समाज में तनाव पैदा हो सकता है। कनौजिया का कहना है, ‘मैंने खुद कुछ नहीं लिखा था। हो सकता है किसी ने मेरे मोबाइल से ऐसा कुछ शेयर कर दिया हो। ये आरोप गलत हैं।’
22 फरवरी को मिर्जापुर बीएसए प्रवीण तिवारी ने मिर्जापुर के प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर रविशंकर यादव को निलंबित कर दिया। उन पर आरोप था कि उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जो सेवा नियमों के खिलाफ है। रविशंकर यादव का कहना है कि उन्होंने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की।
22 फरवरी को ही आज़मगढ़ बीएसए देवेंद्र पांडे ने जिले के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक नंदजी यादव को सेवा नियमों का उल्लंघन करने के चलते निलंबित कर दिया। आरोप था कि उन्होंने बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। यादव का कहना है कि वे इसका जवाब देंगे।
श्रावस्ती के बीएसए ओंकार राणा ने श्रावस्ती के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक सत्य प्रकाश वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन पर आरोप है कि छह महीने के अंतराल के बाद जब उनका वेतन दिया गया तो उन्होंने लिखा था, कोई बहुत बड़ा तीर नहीं मार दिया।
उन्हें नोटिस में यह बताने के लिए कहा गया है कि क्यों आईटी एक्ट के अंतर्गत उनके खिलाफ कार्रवाई न की जाये। सत्य प्रकाश का कहना है कि उन्होंने ऐसा इसलिए लिखा क्योंकि 6 महीनों से तनख्वाह न मिलने के चलते वे दबाव में थे।
16 मार्च को रायबरेली बीएसए पीएन सिंह ने रायबरेली के प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर निरंकार शुक्ला को निलंबित किया। आरोप है कि उन्होंने फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा था, जो आचार संहिता का उल्लंघन है।
निरंकार का कहना है कि उन्हें अब तक निलंबन का आदेश नहीं मिला है। उन्हें अनाधिकारिक रूप से उनके निलंबन के बारे में सुनने को मिला। जब वे बीएसए से मिले तो उन्हें बताया गया कि उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। हालांकि इससे पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया।
16 मार्च को ही रायबरेली के प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक राजेश शुक्ला को भी निलंबित किया गया। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने आरबीआई के गवर्नर के पद से हटने और एलआईसी पर दबाव होने की बात का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री की आलोचना की थी।
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट नेहा शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि उन्हें आचार संहिता लागू होने के दौरान सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणी करने की वजह से निलंबित किया गया।
राजेश शुक्ला का कहना है, ‘कई कर्मचारियों द्वारा सत्तासीन पार्टी के पक्ष में कई टिप्पणियां की गईं, उन पर कभी कोई एक्शन नहीं लिया गया। मैंने सरकार के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की। जब मुझे चार्जशीट दी जाएगी, तब मैं इन आरोपों पर जवाब दूंगा।’
वहीं 23 मार्च को शाहजहांपुर के कलां के एसडीएम अशोक कुमार ने शाहजहांपुर के निजी इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले दिलीप सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए। वे बिना वेतन के इस स्कूल में पढ़ाते हैं।
एसडीएम के आदेश के मुताबिक आरोप है कि यादव ने फेसबुक पर सांप्रदायिकता, जाति, राजनीति और धार्मिकता आधारित आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। आदेश में एसडीएम द्वारा पुलिस को दिलीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को भी कहा गया है।
हालांकि दिलीप ने कहा है कि उन्होंने किसी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है। उनका कहना है, ‘मैंने एक भारतीय नागरिक के बतौर टिप्पणी की थी क्योंकि हमें अभिव्यक्ति की आज़ादी मिली हुई है। सभी आरोप गलत हैं।
साभार- द वायर