गुजरात। राज्य के इतिहास में पहली बार गुजरात सेंट्रल युनिवर्सिटी में दलित, ओबीसी और आदिवासी छात्रों ने एकजुटता दिखाते हुए छात्रसंघ के चुनावों में जीत दर्ज की है। गुजरात में दलित युवक की पिटाई के बाद देश भर में दलित, ओबीसी और आदिवासी एकजुट हो रहे हैं। जिससे मनुवादियों को करारा जवाब मिल रहा है। इसके पहले भी देश की सबसे प्रतिष्ठित युनिवर्सिटी जेएनयू में छात्रों ने एकजुट होकर मनुवादियों को हार का स्वाद चखाया था।

गुजरात युनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 2016 में दलित छात्र हवलदार भारती, ओबीसी छात्र श्रवण कुमार नायक और आदिवासी छात्र विमल कुमार मीना ने जीत दर्ज की है। छात्रों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जब सामाजिक न्याय के लोग एक साथ आ जाते हैं, तब मनुवादियों को जगह नहीं मिलती है।

इसके पहले जेएनयू के छात्रसंघ चुनावों में भी छात्रों ने मनुवादी संगठन एबीवीपी का सूपड़ा साफ कर दिया था। गौरतलब है, एबीवीपी ने पिछली बार जेएनयू के छात्रसंघ के सचिव पद पर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार एबीवीपी को जेएनयू में एक भी सीट नहीं हासिल हुई
Courtesy: National Dastak

गुजरात युनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 2016 में दलित छात्र हवलदार भारती, ओबीसी छात्र श्रवण कुमार नायक और आदिवासी छात्र विमल कुमार मीना ने जीत दर्ज की है। छात्रों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जब सामाजिक न्याय के लोग एक साथ आ जाते हैं, तब मनुवादियों को जगह नहीं मिलती है।

इसके पहले जेएनयू के छात्रसंघ चुनावों में भी छात्रों ने मनुवादी संगठन एबीवीपी का सूपड़ा साफ कर दिया था। गौरतलब है, एबीवीपी ने पिछली बार जेएनयू के छात्रसंघ के सचिव पद पर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार एबीवीपी को जेएनयू में एक भी सीट नहीं हासिल हुई
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