पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत: चार दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड, परिजनों को 27 लाख का मुआवजा

Written by sabrang india | Published on: October 4, 2025
आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के सामने तीन प्रमुख मांगें रखीं। इन मांगों में पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की गई।



राजस्थान के डूंगरपुर जिले के दोवड़ा पुलिस थाने में एक युवक की हिरासत में हुई मौत के बाद पिछले चार दिनों से जारी तनावपूर्ण माहौल आखिरकार समाप्त हो गया है। बुधवार देर शाम प्रशासन और मृतक के परिजनों के बीच समझौता होने के बाद विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, यह विवाद 26 सितंबर को तब शुरू हुआ, जब दोवड़ा थाना पुलिस ने चोरी के एक मामले में दिलीप अहारी नामक युवक को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान दिलीप की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उसे तुरंत डूंगरपुर के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति गंभीर होने पर उसे उदयपुर रेफर किया गया, जहां 30 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दिलीप की मौत की खबर फैलते ही आदिवासी समुदाय और पीड़ित परिवार में गहरा आक्रोश फैल गया। उन्होंने पुलिस पर हिरासत के दौरान मारपीट का गंभीर आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन शुरुआत में दोवड़ा थाना परिसर तक सीमित रहा, लेकिन बाद में जिला कलेक्ट्रेट तक पहुंच गया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। चार दिनों विरोध और वार्ता का दौर तक चला।

आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के सामने तीन प्रमुख मांगें रखीं। इन मांगों में पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की गई।

विवाद को सुलझाने के लिए प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई। प्रदर्शनकारियों की ओर से बातचीत का नेतृत्व आसपुर विधायक उमेश मीणा और बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने किया। मंगलवार को टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी और उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत की मौजूदगी में भी वार्ता की गई, लेकिन वह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी।

आखिरकार बुधवार को, विधायक उमेश मीणा के नेतृत्व में एक 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) दिनेशचंद्र धाकड़ और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अशोक कुमार से मुलाकात की। कई घंटों तक चली इस बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया, जिससे विवाद का समाधान संभव हो सका।

प्रशासन और पीड़ित परिवार के बीच हुए समझौते के तहत सहमति बनी जिसमें मुआवजा के तौर पर पीड़ित परिवार को 27.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं मृतक दिलीप के पिता, जीवराज अहारी को टीएडी छात्रावास में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर संविदा पर नौकरी दी जाएगी। मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दोवड़ा थानाधिकारी तेजकरण सिंह, हेड कांस्टेबल वल्लभराम पाटीदार सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

समझौते की घोषणा के बाद, मृतक दिलीप का शव पोस्टमार्टम के लिए उदयपुर अस्पताल की मोर्चरी से ले जाया गया। इस समझौते के साथ ही क्षेत्र में पिछले चार दिनों से चला आ रहा तनाव समाप्त हो गया है और स्थिति अब सामान्य हो गई है।

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