वाराणसी पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कांवड़ रूट की दुकानों पर दुकानदार को अपने नाम का बोर्ड और वस्तुओं की रेट लिस्ट लगाने का निर्देश दिया।

फोटो साभार : जनसत्ता/एक्सप्रेस
यूपी के वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानों पर दुकानदार को अपने नाम का स्पष्ट बोर्ड लगाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, खाद्य सामग्री सहित अन्य वस्तुओं की कीमत भी लगाने को कहा है। प्रयागराज-वाराणसी हाईवे की बाईं लेन, गुड़िया बॉर्डर से लेकर मोहनसराय तक, कांवड़ यात्रियों के लिए आरक्षित रहेगी।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, मोहनसराय से चांदपुर चौराहा तक भी सड़क की बाईं लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी। कांवड़ रूट पर आमजन के वाहन नहीं चलेंगे। पुलिस आयुक्त ने लहरतारा से गुड़िया बॉर्डर तक कांवड़ रूट का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि शिविर संचालकों और वॉलंटियर का पुलिस सत्यापन करेगी। थानाध्यक्ष बैठक कर डीजे की ऊंचाई और मानक के अनुसार ध्वनि रखने की जानकारी संचालकों को दे दें।
गंगा के बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए स्नान की जगहों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाएगी। सुरक्षा के मद्देनज़र गंगा में जल पुलिस, पीएसी बाढ़ राहत दल, एनडीआरएफ की 11 सदस्यीय टीम और स्थानीय गोताखोरों को तैनात किया जाएगा। साथ ही, सोशल मीडिया की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित अन्य उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
पुलिस आयुक्त अग्रवाल ने निर्देश दिया कि सावन के दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मी कांवड़ यात्रियों के प्रति विनम्र व्यवहार करें। निरीक्षण के समय अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था एवं मुख्यालय) शिवहरी मीणा, डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार, डीसीपी गोमती आकाश पटेल सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
8 ड्रोन और 200 सीसी कैमरों से निगरानी
पुलिस आयुक्त ने बताया कि सावन में कांवड़ रूट की निगरानी के लिए 8 ड्रोन और 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही, निजी शिविर संचालकों को भी सीसीटीवी कैमरे लगाने और वॉलंटियर नियुक्त करने को कहा गया है। सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए क्यूआरटी की 10 टीमें 24 घंटे सक्रिय रहेंगी।
कांवड़ रूट पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 200 बाइक दस्तों को लगातार गश्त पर लगाया जाएगा। इसके अलावा, करीब 1500 पुलिसकर्मी 24 घंटे की ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। गुड़िया बॉर्डर से मोहनसराय के बीच 10 अस्थायी पुलिस चौकियां स्थापित की जाएंगी, ताकि सुरक्षा और निगरानी में कोई चूक न हो।
थानाध्यक्ष को कांवड़ रूट को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश
पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिया कि सभी थानाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में कांवड़ रूट को अतिक्रमणमुक्त कराएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सर्किल व थाना क्षेत्र में एसीपी और थानाध्यक्ष ग्राम प्रधानों, संभ्रांत नागरिकों, ग्राम प्रहरियों, होटल व ढाबा संचालकों, कांवड़ शिविर आयोजकों और डीजे संचालकों के साथ बैठक करें।
महिला कांवड़ियों की सुरक्षा व सहायता के लिए पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। सीमावर्ती जनपदों के साथ समन्वय स्थापित कर कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाए। कांवड़ ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों के ठहरने की व्यवस्था कांवड़ रूट के आसपास ही की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल 24 घंटे अलर्ट मोड में रहेगा। इसके अलावा, सादे कपड़ों में 500 महिला और पुरुष पुलिसकर्मी भी निगरानी के लिए तैनात किए जाएंगे।
बता दें कि बीते साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा के मार्गों पर दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने का निर्देश दिया था। एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, 18 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्गों पर खाने-पीने की चीजें बेचने वाली सभी दुकानों पर नेम प्लेट लगाना अनिवार्य होगा। हर दुकानदार को अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर बताने होंगे। सरकार का दावा था कि इस फैसले से आस्था की पवित्रता बनी रहेगी और किसी भी अवांछित गतिविधि- जैसे हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर भ्रम फैलाने या खाद्य मिलावट करने पर लगाम लगाई जा सकेगी।
वहीं, सरकार के इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इस पर सुनवाई करते हुए पिछले साल 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दुकानदार केवल अपने होटलों में परोसे जा रहे खाने पीने की किस्म का ही डिस्प्ले कर सकते हैं।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, उत्तराखंड और एमपी की सरकारों को नोटिस जारी कर पूछा था कि आखिर दुकानदारों की व्यक्तिगत जानकारियां सार्वजनिक करना क्यों आवश्यक है। कोर्ट ने इसे निजता के अधिकार से जोड़ते हुए गंभीर चिंता जताई थी।
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फोटो साभार : जनसत्ता/एक्सप्रेस
यूपी के वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानों पर दुकानदार को अपने नाम का स्पष्ट बोर्ड लगाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, खाद्य सामग्री सहित अन्य वस्तुओं की कीमत भी लगाने को कहा है। प्रयागराज-वाराणसी हाईवे की बाईं लेन, गुड़िया बॉर्डर से लेकर मोहनसराय तक, कांवड़ यात्रियों के लिए आरक्षित रहेगी।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, मोहनसराय से चांदपुर चौराहा तक भी सड़क की बाईं लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी। कांवड़ रूट पर आमजन के वाहन नहीं चलेंगे। पुलिस आयुक्त ने लहरतारा से गुड़िया बॉर्डर तक कांवड़ रूट का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि शिविर संचालकों और वॉलंटियर का पुलिस सत्यापन करेगी। थानाध्यक्ष बैठक कर डीजे की ऊंचाई और मानक के अनुसार ध्वनि रखने की जानकारी संचालकों को दे दें।
गंगा के बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए स्नान की जगहों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाएगी। सुरक्षा के मद्देनज़र गंगा में जल पुलिस, पीएसी बाढ़ राहत दल, एनडीआरएफ की 11 सदस्यीय टीम और स्थानीय गोताखोरों को तैनात किया जाएगा। साथ ही, सोशल मीडिया की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित अन्य उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
पुलिस आयुक्त अग्रवाल ने निर्देश दिया कि सावन के दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मी कांवड़ यात्रियों के प्रति विनम्र व्यवहार करें। निरीक्षण के समय अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था एवं मुख्यालय) शिवहरी मीणा, डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार, डीसीपी गोमती आकाश पटेल सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
8 ड्रोन और 200 सीसी कैमरों से निगरानी
पुलिस आयुक्त ने बताया कि सावन में कांवड़ रूट की निगरानी के लिए 8 ड्रोन और 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही, निजी शिविर संचालकों को भी सीसीटीवी कैमरे लगाने और वॉलंटियर नियुक्त करने को कहा गया है। सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए क्यूआरटी की 10 टीमें 24 घंटे सक्रिय रहेंगी।
कांवड़ रूट पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 200 बाइक दस्तों को लगातार गश्त पर लगाया जाएगा। इसके अलावा, करीब 1500 पुलिसकर्मी 24 घंटे की ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। गुड़िया बॉर्डर से मोहनसराय के बीच 10 अस्थायी पुलिस चौकियां स्थापित की जाएंगी, ताकि सुरक्षा और निगरानी में कोई चूक न हो।
थानाध्यक्ष को कांवड़ रूट को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश
पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिया कि सभी थानाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में कांवड़ रूट को अतिक्रमणमुक्त कराएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सर्किल व थाना क्षेत्र में एसीपी और थानाध्यक्ष ग्राम प्रधानों, संभ्रांत नागरिकों, ग्राम प्रहरियों, होटल व ढाबा संचालकों, कांवड़ शिविर आयोजकों और डीजे संचालकों के साथ बैठक करें।
महिला कांवड़ियों की सुरक्षा व सहायता के लिए पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। सीमावर्ती जनपदों के साथ समन्वय स्थापित कर कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाए। कांवड़ ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों के ठहरने की व्यवस्था कांवड़ रूट के आसपास ही की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल 24 घंटे अलर्ट मोड में रहेगा। इसके अलावा, सादे कपड़ों में 500 महिला और पुरुष पुलिसकर्मी भी निगरानी के लिए तैनात किए जाएंगे।
बता दें कि बीते साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा के मार्गों पर दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने का निर्देश दिया था। एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, 18 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्गों पर खाने-पीने की चीजें बेचने वाली सभी दुकानों पर नेम प्लेट लगाना अनिवार्य होगा। हर दुकानदार को अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर बताने होंगे। सरकार का दावा था कि इस फैसले से आस्था की पवित्रता बनी रहेगी और किसी भी अवांछित गतिविधि- जैसे हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर भ्रम फैलाने या खाद्य मिलावट करने पर लगाम लगाई जा सकेगी।
वहीं, सरकार के इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इस पर सुनवाई करते हुए पिछले साल 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दुकानदार केवल अपने होटलों में परोसे जा रहे खाने पीने की किस्म का ही डिस्प्ले कर सकते हैं।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, उत्तराखंड और एमपी की सरकारों को नोटिस जारी कर पूछा था कि आखिर दुकानदारों की व्यक्तिगत जानकारियां सार्वजनिक करना क्यों आवश्यक है। कोर्ट ने इसे निजता के अधिकार से जोड़ते हुए गंभीर चिंता जताई थी।
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