दलितों का बाल नहीं काटना चाहते हैं। नाई ने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं। पुलिस चेतावनी के बाद भी भेदभाव कायम है।

दलितों के साथ भेदभाव थम नहीं रहा है। इस तरह का एक नया मामला कर्नाटक के कोप्पल जिले के मुड्डाबल्ली गांव में सामने आया है। यहां दलित समाज के लोगों ने जब नाई से बाल काटने को कहा तो गांव की सभी नाई की दुकानें बंद कर दी गई। यह गांव कोप्पल जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर है।
द मूकनायक ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से लिखा, करीब दो महीने पहले भी ऐसी ही शिकायतें सामने आई थीं, जब गांव के नाई दलित लोगों को बाल काटने या दाढ़ी बनाने से इनकार कर रहे थे। पुलिस के दखल और ‘अस्पृश्यता’ कानून के तहत कार्रवाई की चेतावनी के बाद नाईयों ने काम करना शुरू किया था।
रिपोर्ट के अनुसार, नाई जानबूझकर दलित ग्राहकों से दूरी बना रहे हैं और अन्य जातियों के लोगों के घर जाकर व्यक्तिगत सेवा दे रहे हैं।
इस भेदभाव के चलते मुड्डाबल्ली के दलित लोगों को बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने के लिए कोप्पल शहर जाना पड़ रहा है।
दलितों के साथ भेदभाव का यह कोई नया मामला नहीं है। देश के विभिन्न हिस्सों से इस तरह की खबरें हर दिन सामने आती हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलित मजदूर का शव पेड़ से लटका मिला था और परिवार ने हत्या का आरोप लगाया था। 35 वर्षीय राजेश का शव खेतों में मृत पाया गया, जहां वे काम करते थे। परिवार द्वारा आत्महत्या की बात को खारिज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। राजेश तीन बच्चों का पिता थे।
वहीं, राजस्थान में दलित नेता के मंदिर में प्रवेश करने पर मंदिर का शुद्धिकरण किया गया था। इस मामले में भाजपा ने पार्टी के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। उन्हें दलित व्यक्ति और राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता टीका राम जूली के दौरे के बाद अलवर के एक मंदिर का 'शुद्धिकरण' करने पर ‘अनुशासनहीनता’ का दोषी पाया गया था।
इस घटना को लेकर काफी हंगामा हुआ था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी ने भी इसकी कड़ी आलोचना की थी। हालांकि, आहूजा ने अपना बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और उनका कृत्य कांग्रेस पार्टी के खिलाफ था।
उधर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक दलित छात्र को शिक्षक की बोतल से पानी पीना महंगा पड़ा था। शिक्षक ने गुस्से में छात्र को बुरी तरह पीट दिया। पिटाई से उसके हाथ की उंगलियां टूट गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप था कि टीचर ने दलित छात्र को स्कूल में कमरे में बंदकर पीटा। उसे जातिसूचक गालियां दी गईं। पीड़ित छात्र के परिजनों के मुताबिक, टीचर की पिटाई से उसके हाथ की दो उंगलियां टूटी पाई गई।
पिछले महीने यूपी के आजमगढ़ के तरवा थाने में पुलिस हिरासत में 20 वर्षीय दलित युवक सनी कुमार की मौत के बाद उसके परिवार और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध प्रदर्शन तब और तेज हो गया, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की और थाने के बाहर सड़क जाम कर दिया। अधिकारियों ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया था।
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द मूकनायक ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से लिखा, करीब दो महीने पहले भी ऐसी ही शिकायतें सामने आई थीं, जब गांव के नाई दलित लोगों को बाल काटने या दाढ़ी बनाने से इनकार कर रहे थे। पुलिस के दखल और ‘अस्पृश्यता’ कानून के तहत कार्रवाई की चेतावनी के बाद नाईयों ने काम करना शुरू किया था।
रिपोर्ट के अनुसार, नाई जानबूझकर दलित ग्राहकों से दूरी बना रहे हैं और अन्य जातियों के लोगों के घर जाकर व्यक्तिगत सेवा दे रहे हैं।
इस भेदभाव के चलते मुड्डाबल्ली के दलित लोगों को बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने के लिए कोप्पल शहर जाना पड़ रहा है।
दलितों के साथ भेदभाव का यह कोई नया मामला नहीं है। देश के विभिन्न हिस्सों से इस तरह की खबरें हर दिन सामने आती हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलित मजदूर का शव पेड़ से लटका मिला था और परिवार ने हत्या का आरोप लगाया था। 35 वर्षीय राजेश का शव खेतों में मृत पाया गया, जहां वे काम करते थे। परिवार द्वारा आत्महत्या की बात को खारिज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। राजेश तीन बच्चों का पिता थे।
वहीं, राजस्थान में दलित नेता के मंदिर में प्रवेश करने पर मंदिर का शुद्धिकरण किया गया था। इस मामले में भाजपा ने पार्टी के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। उन्हें दलित व्यक्ति और राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता टीका राम जूली के दौरे के बाद अलवर के एक मंदिर का 'शुद्धिकरण' करने पर ‘अनुशासनहीनता’ का दोषी पाया गया था।
इस घटना को लेकर काफी हंगामा हुआ था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी ने भी इसकी कड़ी आलोचना की थी। हालांकि, आहूजा ने अपना बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और उनका कृत्य कांग्रेस पार्टी के खिलाफ था।
उधर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक दलित छात्र को शिक्षक की बोतल से पानी पीना महंगा पड़ा था। शिक्षक ने गुस्से में छात्र को बुरी तरह पीट दिया। पिटाई से उसके हाथ की उंगलियां टूट गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप था कि टीचर ने दलित छात्र को स्कूल में कमरे में बंदकर पीटा। उसे जातिसूचक गालियां दी गईं। पीड़ित छात्र के परिजनों के मुताबिक, टीचर की पिटाई से उसके हाथ की दो उंगलियां टूटी पाई गई।
पिछले महीने यूपी के आजमगढ़ के तरवा थाने में पुलिस हिरासत में 20 वर्षीय दलित युवक सनी कुमार की मौत के बाद उसके परिवार और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध प्रदर्शन तब और तेज हो गया, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की और थाने के बाहर सड़क जाम कर दिया। अधिकारियों ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया था।
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