'दलितों को बग्गी में सवारी करने की अनुमति नहीं’: एमपी के दमोह में दलित दूल्हे की बारात पर हमला

Written by sabrang india | Published on: December 12, 2024
शादी के बाद, समूह ने बग्गी में तोड़फोड़ की, घोड़े पर लाठियों से हमला किया और बग्गी मालिक पर हमला किया। घायलों को बाद में इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और बुधवार सुबह पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई।


साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट

मध्य प्रदेश के दमोह जिले के जबलपुर नाका पुलिस चौकी के अंतर्गत चौराई गांव में मंगलवार रात एक दलित लड़के की शादी का जश्न हिंसा में बदल गया। अपनी बारात के लिए बग्गी में बैठे दूल्हे को कुछ प्रभावशाली स्थानीय लोगों की ओर से विरोध का सामना करना पड़ा। दूल्हे ने इस प्रथा को मानने से इंकार कर दिया।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि शादी के बाद, समूह ने बग्गी में तोड़फोड़ की, घोड़े पर लाठियों से हमला किया और बग्गी मालिक पर हमला किया। घायलों को बाद में इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और बुधवार सुबह पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई।

आरोप है कि हमलावर उच्च जाति के थे। इन हमलावरों ने कथित तौर पर बग्गी मालिक को पहले चेतावनी देते हुए कहा था, “दलितों को घोड़ा-बग्गी में सवारी करने की अनुमति नहीं है।” इन चेतावनियों के बावजूद, दूल्हे के परिवार ने बग्गी को आगे बढ़ाया, स्थानीय लोगों ने आश्वासन दिया कि वे इसकी सुरक्षा करेंगे।

बग्गी मालिक के रिश्तेदार जयकिशन रजक ने आपबीती साझा करते हुए बताया, "शादी से लौटते समय मेरे भाई राहुल रजक और कृष्णा रजक के साथ जगदीश अहिरवार पर हमला किया गया। बग्गी तोड़ दी गई, डीजे वैन के शीशे तोड़ दिए गए और घोड़े को बेरहमी से पीटा गया।"

आरोपियों में रत्नेश ठाकुर के स्वामित्व वाले स्थानीय भोजनालय के कर्मचारी बताए जा रहे हैं।

जबलपुर नाका चौकी के प्रभारी आनंद अहिरवार ने जांच की पुष्टि करते हुए कहा, "हम मामले की जांच कर रहे हैं। सामने आए तथ्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।"

ज्ञात हो कि देश के विभिन्न हिस्सों में दलित दूल्हों को घोड़े पर चढ़ने या अपनी बारात के लिए बग्गी का इस्तेमाल करने से रोका जाता है।

एक बग्गी मालिक ने नाम न बताने की शर्त पर अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा, "हमें बहुत दुख पहुंचा है। इस तरह के हमले हमें उन शादियों में भाग लेने से हतोत्साहित करते हैं, जहां प्रभावशाली समूहों का विरोध होता है।"

बता दें कि इसी साल फरवरी में गुजरात के अहमदाबाद में एक दलित युवक पर उसकी बारात में घोड़ी चढ़ने पर हमला किया गया। कलोल के चड़सना गांव के अज्ञात लोगों ने दूल्हे पर हमला किया। उसने कहा कि घोड़े पर बारात निकालने से पहले उन्हें अनुमति लेनी होगी। गांधीनगर पुलिस ने दलित दूल्हे पर हमला करने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने दलित दूल्हे को उस समय जातिवादी गालियां दीं, जब वह अपनी बारात में घोड़े पर सवार था। अहमदाबाद के चांदखेड़ा निवासी दूल्हे के चचेरे भाई द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया था कि दूल्हा लगभग सौ लोगों के साथ बारात में घोड़े पर सवार था और गांव में दुल्हन के घर जा रहा था, तभी मोटरसाइकिल पर सवार एक व्यक्ति ने उसे रोका और घोड़े से नीचे खींच लिया और उसे थप्पड़ मार दिया।

इसी साल मई महीने में मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक दलित दूल्हे पर कथित तौर पर ‘उच्च जाति’ के लोगों द्वारा उस समय हमला किया गया और उसे घोड़ा गाड़ी से नीचे गिरा दिया गया, जब उसकी बारात मोहल्ले से गुजरी। पुलिस के अनुसार, दूल्हे नरेश जाटव के परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने इलाके से गुजरने पर आपत्ति जताई।

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