पुलिस-प्रशासन ने रैली के लिए समय और रूट दोनों तय किए थे, लेकिन पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि रैली तय रूट पर न जाकर दूसरे मार्ग पर जा रही थी, जिसे पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका।
साभार : हिंदुस्तान
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक मस्जिद के खिलाफ हिंदुत्ववादी संगठन की रैली में पुलिस पर हमला किया गया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच देर तक संघर्ष होता रहा। इस दौरान 27 लोगों के घायल होने की रिपोर्ट है। इलाके में तनाव है। इसे देखते हुए धारा 163 लागू करके लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।
ईटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद को लेकर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल ने गुरुवार 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी में महारैली निकाली थी, जिसकी पुलिस-प्रशासन से अनुमति भी ली गई थी। पुलिस-प्रशासन ने रैली के लिए समय और रूट दोनों तय किए थे, लेकिन पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि रैली तय रूट पर न जाकर दूसरे मार्ग पर जा रही थी, जिसे पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका। इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था, जिसके बाद पुलिस को भी एक्शन लेना पड़ा। जिला प्रशासन 21 अक्टूबर को प्रेस नोट जारी कर साफ कर चुका है कि जिस मस्जिद को लेकर उत्तरकाशी में विवाद किया जा रहा है, वो वैध है।
मुस्लिम समाज के एक व्यक्ति ने ईटीवी को बताया कि उनकी उम्र भी करीब 43 साल की हो चुकी है। लेकिन उन्होंने पहली बार उत्तरकाशी जिले में ऐसा माहौल देखा है। उत्तरकाशी में सब आपस में प्यार मोहब्बत से रहते हैं। कुछ बाहरी लोगों की वजह से शहर का माहौल खराब हो रहा है। आगे भी क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता है। मुस्लिम समाज ने आज जुमे की नवाज भी अपने घरों पर ही पढ़ी है।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जिला मुख्यालय पर गुरुवार को एक हिंदुत्ववादी संगठन की ओर से जनाक्रोश रैली निकाली गई थी। कथित तौर पर ये रैली एक मस्जिद को हटाने की मंशा से आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम में दर्शनलाल भारती, लखपत भंडारी, राकेश उत्तराखंडी और केशवानंद गिरी जैसे लोगों ने संबोधन दिया। इस संबोधन में यह भी कहा गया कि एक खास समुदाय के लोगों की दुकानों से खरीददारी न की जाए। दोपहर में यह रैली हनुमान चौक से आगे बढ़ी और मस्जिद की ओर जाने लगी।
पुलिस ने एहतियात के तौर पर रास्ते में बैरिकेडिंग लगा रखी थी। इससे प्रदर्शनकारी भड़क गए और बैरिकेडिंग हटाने की मांग करने लगे। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश कर रही थी इसी बीच किसी ने पुलिस पर एक बोतल फेंक दी जिससे मामला बिगड़ गया। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके। इस दौरान 27 लोग घायल हो गए। एसडीएम और सीओ ने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग हटाने की मांग पर अड़े रहे। बाद में भीड़ बाजार में एक खास समुदाय के लोगों की दुकानों पर हमला किया और सामान बिखेर दिया।
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ईटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद को लेकर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल ने गुरुवार 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी में महारैली निकाली थी, जिसकी पुलिस-प्रशासन से अनुमति भी ली गई थी। पुलिस-प्रशासन ने रैली के लिए समय और रूट दोनों तय किए थे, लेकिन पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि रैली तय रूट पर न जाकर दूसरे मार्ग पर जा रही थी, जिसे पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका। इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था, जिसके बाद पुलिस को भी एक्शन लेना पड़ा। जिला प्रशासन 21 अक्टूबर को प्रेस नोट जारी कर साफ कर चुका है कि जिस मस्जिद को लेकर उत्तरकाशी में विवाद किया जा रहा है, वो वैध है।
मुस्लिम समाज के एक व्यक्ति ने ईटीवी को बताया कि उनकी उम्र भी करीब 43 साल की हो चुकी है। लेकिन उन्होंने पहली बार उत्तरकाशी जिले में ऐसा माहौल देखा है। उत्तरकाशी में सब आपस में प्यार मोहब्बत से रहते हैं। कुछ बाहरी लोगों की वजह से शहर का माहौल खराब हो रहा है। आगे भी क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता है। मुस्लिम समाज ने आज जुमे की नवाज भी अपने घरों पर ही पढ़ी है।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जिला मुख्यालय पर गुरुवार को एक हिंदुत्ववादी संगठन की ओर से जनाक्रोश रैली निकाली गई थी। कथित तौर पर ये रैली एक मस्जिद को हटाने की मंशा से आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम में दर्शनलाल भारती, लखपत भंडारी, राकेश उत्तराखंडी और केशवानंद गिरी जैसे लोगों ने संबोधन दिया। इस संबोधन में यह भी कहा गया कि एक खास समुदाय के लोगों की दुकानों से खरीददारी न की जाए। दोपहर में यह रैली हनुमान चौक से आगे बढ़ी और मस्जिद की ओर जाने लगी।
पुलिस ने एहतियात के तौर पर रास्ते में बैरिकेडिंग लगा रखी थी। इससे प्रदर्शनकारी भड़क गए और बैरिकेडिंग हटाने की मांग करने लगे। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश कर रही थी इसी बीच किसी ने पुलिस पर एक बोतल फेंक दी जिससे मामला बिगड़ गया। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके। इस दौरान 27 लोग घायल हो गए। एसडीएम और सीओ ने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग हटाने की मांग पर अड़े रहे। बाद में भीड़ बाजार में एक खास समुदाय के लोगों की दुकानों पर हमला किया और सामान बिखेर दिया।
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