पेपर लीक के कारण उत्तर प्रदेश राज्य सरकार को यूपी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द करनी पड़ी। सरकार ने घोषणा की, कि इसे 6 महीने में दोबारा आयोजित किया जाएगा, हालांकि तारीख की घोषणा नहीं की गई है
Image Courtesy: hindustantimes.com
हाल ही में आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती लीक को लेकर युवाओं का गुस्सा देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी है। सरकार ने घोषणा की है कि 6 महीने बाद दोबारा परीक्षा होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में बताया कि परीक्षा को आगामी छह महीनों के भीतर पुनर्निर्धारित और नए सिरे से आयोजित किया जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, ''आयोजित परीक्षा-2023 को रद्द करने के आदेश दिए गए हैं।'' रिजर्व सिविल पुलिस के पदों पर चयन के लिए और अगले 6 महीने के भीतर पुन: परीक्षा आयोजित करने के लिए। परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होना तय है।”
शुरुआत में पेपर लीक के दावे को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने खारिज कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 फरवरी 2024 से 18 फरवरी 2024 तक परीक्षा देने के लिए अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने के आरोप में अब तक 244 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे थे क्योंकि उनका कहना है कि परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले ही प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर लीक हो गया था।
परीक्षा 17 और 18 फरवरी को होनी थी। परीक्षा के पेपर लीक के विरोध में युवाओं को प्रयागराज में विरोध प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। पत्रकार पीयूष राय के मुताबिक प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग की है।
हजारों की संख्या में अभ्यर्थी लखनऊ में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा में धांधली हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने परीक्षा के लिए भर्ती बोर्ड को लापरवाही के संबंध में कानूनी रिपोर्ट लेने और एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 48 लाख से ज्यादा लोग परीक्षा में शामिल हुए थे। अभ्यर्थी 27 फरवरी तक पेपर के संबंध में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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हाल ही में आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती लीक को लेकर युवाओं का गुस्सा देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी है। सरकार ने घोषणा की है कि 6 महीने बाद दोबारा परीक्षा होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में बताया कि परीक्षा को आगामी छह महीनों के भीतर पुनर्निर्धारित और नए सिरे से आयोजित किया जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, ''आयोजित परीक्षा-2023 को रद्द करने के आदेश दिए गए हैं।'' रिजर्व सिविल पुलिस के पदों पर चयन के लिए और अगले 6 महीने के भीतर पुन: परीक्षा आयोजित करने के लिए। परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होना तय है।”
शुरुआत में पेपर लीक के दावे को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने खारिज कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 फरवरी 2024 से 18 फरवरी 2024 तक परीक्षा देने के लिए अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने के आरोप में अब तक 244 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे थे क्योंकि उनका कहना है कि परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले ही प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर लीक हो गया था।
परीक्षा 17 और 18 फरवरी को होनी थी। परीक्षा के पेपर लीक के विरोध में युवाओं को प्रयागराज में विरोध प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। पत्रकार पीयूष राय के मुताबिक प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग की है।
हजारों की संख्या में अभ्यर्थी लखनऊ में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा में धांधली हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने परीक्षा के लिए भर्ती बोर्ड को लापरवाही के संबंध में कानूनी रिपोर्ट लेने और एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 48 लाख से ज्यादा लोग परीक्षा में शामिल हुए थे। अभ्यर्थी 27 फरवरी तक पेपर के संबंध में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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