यूपी के गांव-गांव में पेपर लीक की चर्चा, प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन

Written by Navnish Kumar | Published on: February 24, 2024
उप्र के गांव-गांव में पेपर लीक की चर्चा के बीच बवाल बढ़ रहा है लेकिन सरकार सो रही है। यह कहना है कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का। वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 17 और 18 फरवरी को हुई पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक होने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन शुक्रवार को जारी रहा। मांग है कि यह परीक्षा निरस्त की जाए तथा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत को हटाया जाए। 



जी हां, उत्तर प्रदेश में पिछले हफ़्ते आयोजित हुई पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर कथित रूप से लीक होने से खड़ा हुआ विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा है। शुक्रवार को यूपी की राजधानी लखनऊ और प्रयागराज में युवाओं की ओर से सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी युवाओं का आरोप है कि ये पेपर समय से पहले ही लीक हो गया था। ऐसे में परीक्षा आयोजित करने वाले बोर्ड ने युवाओं से कहा है कि वे अपने आरोपों को साबित करने वाले सबूत बोर्ड के साथ साझा करें।यही नहीं, मामले को लेकर जैसे जैसे युवाओं का आक्रोश आपसी बातचीत से निकलकर सड़कों पर उतरता नज़र आ रहा है, वैसे वैसे राजनीतिक दलों की ओर से इस बारे में प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो रहा है।

बीबीसी के अनुसार, उसके संवाददाता ने शुक्रवार को लखनऊ में प्रदर्शनकारी छात्रों से बात करके उनका रुख समझने की कोशिश की तो लखनऊ में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहीं छात्रा कहती हैं, “हमारी सिर्फ़ इतनी मांग है कि सरकार ये परीक्षा रद्द कराकर पुन: परीक्षा आयोजित कराए। क्योंकि पेपर लीक हुआ है, मेरे पास इसके सबूत है। और सब लोग दे रहे हैं।”

“हम लोग अपने घरों से संघर्ष करके आते हैं। घर से बाहर निकलते हैं। जब परीक्षा देने जाते हैं तो पता चलता है कि पेपर लीक हुआ है। उसके बाद हमारी भावनाएं तो सारी बिखर गयीं ना।" "इसके बाद यहां आकर (विरोध प्रदर्शन का) समर्थन करो फिर भी कोई सुनवाई नहीं। हमें न्याय मिलना चाहिए। ये पेपर सौ-सौ रुपये में बिके हैं। हमारे पास अगर सौ रुपये भी नहीं हैं तो हम क्या कर सकते हैं।”

उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले से लखनऊ आकर परीक्षा की तैयारी करने वाली अमृता कुमारी कहती हैं, “बच्चे अपनी परिवार से दूर हो जाते हैं। तैयारी करते हैं ताकि कुछ बन जाएं। हम मऊ से यहां लखनऊ पढ़ने के लिए आए हैं। कम से कम दो साल हो गए हमें।" "कभी बिना खाना खाए कोचिंग जाना पड़ता है, दोपहर तक आओ फिर खाना बनाओ, उसमें बीमार पड़ जाओ। फैमिली साथ नहीं रहती है। कैसे-कैसे हम लोग रहते हैं, सरकार को क्या पता है? कहा सरकार कैसे नहीं मान रही है कि पेपर लीक नहीं हुआ है, ये सारे बच्चे पागल हैं क्या जो यहां तक आए हैं। सब यहां अपना पैसा लगाकर पहुंचे हैं।”

कांग्रेस, सपा आदि राजनीतिक दलों ने दी प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश में छात्रों की ओर से किए जा रहे इस विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर से प्रतिक्रियाएं आई हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा- "बस एक बार सोच कर देखिए- 50 लाख से अधिक युवाओं ने फॉर्म भरा। ये प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा थी। 400 रू का एक फॉर्म था। 48 लाख एडमिट कॉर्ड जारी हुए और परीक्षा के पहले पेपर लीक हो गया। क्या बीत रही होगी बच्चों पर? उनके परिवारों पर?"

प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया साइट पर अपनी एक पोस्ट में लिखा, ऐसा ही RO Exam में हुआ है। यहां भी पेपर लीक हो गया। यूपी के एक-एक गांव में यह चर्चा हो रही है। सरकार सो रही है। लड़के-लड़कियां इलाहाबाद, मेरठ से लखनऊ तक चीख-पुकार-प्रदर्शन कर रहे हैं। वे दोबारा से एग्जाम कराने की मांग कर रहे हैं। सरकार उन्हें अपमानित कर रही है, लाठियों से पिटवा रही है। प्रियंका ने लिखा, कौन कराता है ये पेपर लीक। कैसे होता है ये पेपर लीक। चांद-मंगल पर जाने वाला हमारा देश एक फुलप्रूफ परीक्षा नहीं करा सकता। जहां एक युवा की मेहनत चोरी न हो, उसके भविष्य पर डाका न पड़े।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि दोषियों को खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'कांग्रेस ने यूपी में भर्ती विधान पेश किया था जिसमें पेपर लीक और भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के प्रावधान रखे गए थे। पेपर लीक संकट को देखते हुए हमारी मांग है कि हाल में हुई दोनों पेपर लीक की घटनाओं की सीबीआई जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। एक परीक्षा कैलेंडर जारी हो, जिसमें विज्ञापन, परीक्षा, नियुक्ति की तारीखें दर्ज हों और इसका उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाए। भर्तियों के साथ आरक्षण में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सामाजिक न्याय पर्यवेक्षक नियुक्त हों। युवाओं का भरोसा बहाल करने के लिए सभी परीक्षाओं के फॉर्म निशुल्क किए जाएं। परीक्षा देने के लिए युवाओं को फ्री बस और ट्रेन मुहैया कराई जाए।'



कांग्रेस ने पेश किया था भर्ती विधान

कांग्रेस ने यूपी में भर्ती विधान पेश किया था जिसमें पेपर लीक और भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के प्रावधान रखे गए थे। पेपर लीक संकट को देखते हुए हमारी मांग है-

◾️हाल में हुई दोनों पेपर लीक की घटनाओं की CBI जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। 
◾️एक परीक्षा कैलेंडर जारी हो, जिसमें विज्ञापन, परीक्षा, नियुक्ति की तारीखें दर्ज हों और इसका उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाए। 
◾️भर्तियों के साथ आरक्षण में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सामाजिक न्याय पर्यवेक्षक नियुक्त हों।
◾️युवाओं का भरोसा बहाल करने के लिए सभी परीक्षाओं के फॉर्म नि:शुल्क किए जाएं।
◾️परीक्षा देने के लिए युवाओं को फ्री बस और ट्रेन मुहैया कराई जाए।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, "प्रदेश भर में नौजवान सड़कों पर है। हर जगह से शिकायत आ रही है कि पेपर लीक हुआ है। प्रयागराज में आयोग को घेर कर छात्र बैठे हुए हैं। आखिरकार सरकार का हर पेपर लीक क्यों हो रहा है, क्या सरकार जानबूझकर तो नहीं कर रही?"

राहुल गांधी ने भी इस परीक्षा को पुन: आयोजित करने की मांग कर रहे छात्रों से मुलाक़ात की है। उन्होंने लिखा है, "लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक पुलिस भर्ती पेपर लीक को लेकर युवा सड़कों पर हैं। और वहां से मात्र 100 किमी दूर वाराणसी में प्रधानमंत्री युवाओं के नाम पर युवाओं को ही बरगला रहे हैं। ठेठ बनारसी अंदाज में कहें तो मोदी जी ‘नानी को ननिहाल का हाल सुना रहे हैं’..." इससे पहले राहुल ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा में कहा था, पेपर लीक आपके साथ अन्याय है। यह सब आपके प्रधानमंत्री करा रहे हैं। संगम की नगरी में आप पर अत्याचार किया जा रहा है। राहुल गांधी ने युवाओं से कहा, आप डरो नहीं, हाथ उठाओ। पेपर लीक होने का मुद्दा मैं उठाऊंगा।

उधर, लखनऊ में अभ्यर्थियों का जोरदार प्रदर्शन जारी है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की ओर से आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को हजारों अभ्यर्थियों ने लखनऊ के ईको गार्डेन में प्रदर्शन किया। उन्होंने भर्ती बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी करते हुए फिर से परीक्षा कराने की मांग की है। प्रदर्शनस्थल पर पीएसी समेत भारी पुलिस बल मौजूद रहा। इसके पहले उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के संबंध में अभ्यर्थियों से प्रमाण देने को कहा है। इस संबंध में अभ्यर्थी प्रमाणों एवं साक्ष्यों सहित अपना प्रत्यावेदन शुक्रवार शाम छह बजे तक बोर्ड की ई-मेल आईडी पर भेज सकते हैं, जिसका परीक्षण करने के बाद अभ्यर्थियों के हित में आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के दावों और अन्य त्रुटियों की जांच के लिए एडीजी/सदस्य सचिव की अध्यक्षता में आंतरिक जांच समिति का गठन भी किया जा चुका है।

प्रयागराज में यूपीपीएससी के गेट पर प्रदर्शन

आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा में धांधली और पेपर लीक मामले को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) गेट पर प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में छात्र आयोग के गेट के सामने मुख्य सड़क पर बैठ गए हैं। इसके चलते आवागमन बाधित हो गया है। मौके पर बड़ी संख्या में फोर्स बुला ली गई है। अभ्यर्थी परीक्षा को निरस्त कर फिर से परीक्षा कराने की मांग पर अड़े हैं।

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