"उत्तर प्रदेश: ढाबों-रेस्टोरेंट पर लिखना होगा मालिक का नाम, गंदगी और मिलावट मिलने पर होगी कड़ी कार्रवाई

Written by Navnish Kumar | Published on: September 24, 2024
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी की योगी सरकार ने खाने-पीने की चीजों में गंदगी और मिलावट की खबरों के बाद मंगलवार सुबह एक हाई लेवल मीटिंग में यह फैसले लिए।


साभार : टाइम्स ऑफ इंडिया

"यूपी में सभी होटल और ढाबों पर मालिकों को अपने नाम लिखने होंगे और सभी का पुलिस वेरिफिकेशन भी कराया जाएगा। खबर ये भी है कि सभी रेस्टोरेंट, ढाबों और होटलों पर सीसीटीवी लगाने के भी आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा खाने-पीने की चीजों में गंदगी और मिलावट करने वालों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।"

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में रेस्टोरेंट और ढाबों पर मालिकों के नाम लिखने के निर्देश दिए हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी की योगी सरकार ने खाने-पीने की चीजों में गंदगी और मिलावट की खबरों के बाद मंगलवार सुबह एक हाई लेवल मीटिंग में यह फैसले लिए। योगी सरकार ने सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट के पुलिस वेरिफिकेशन के भी आदेश दिए हैं।

आपको बता दें कि बीते दिनों दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी इलाके से एक जूस दुकानदार द्वारा ग्राहकों को जूस में मानव मूत्र पिलाने की खबरें आई थीं। इसके अलावा अन्य शहरों से भी ऐसी कई खबरें आईं हैं, जिन्हें देखते हुए योगी सरकार ने यह फैसला किया है कि खाने-पीने की जगहों पर मालिक, प्रोप्राइटर, मैनेजर आदि के नाम डिस्प्ले किए जाएंगे। इसके अलावा ग्राहकों के बैठने वाले स्थानों पर प्रतिष्ठान के अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों पर सीसीटीवी लगा होना चाहिए।"

सीसीटीवी, मास्क, ग्लव्ज जरूरी

हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है। एनडीटीवी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं। ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है। प्रदेश व्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन संयुक्त टीम द्वारा यह कार्यवाही शीघ्रता से सम्पन्न कराई जाए। खान-पान के प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि के नाम और पता प्रमुखता से डिस्प्ले किये जाने चहिये। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जाए। ढाबे/होटलों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी की व्यवस्था हो। न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्सों को भी सीसीटीवी से कवर होना चाहिए।

यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस/स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएगा। खान पान के केंद्रों पर साफ-सफाई होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने तथा सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क/ग्लव्स का उपयोग जरूर करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। आम जन के स्वास्थ्य हितों से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। ऐसा प्रयास करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

सरकार ने क्या गाइडलाइंस जारी की?
  • ढाबों-रेस्टोरेंट खान-पान के प्रतिष्ठानों की सघन जांच होगी। हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन होगा।
  • खान-पान के केंद्रों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा।
  • शेफ हो या वेटर, उन्हें ग्लव्स और मास्क लगाना होगा।
  • होटल- रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा। न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्सों को भी सीसीटीवी से कवर होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस/स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएगा।
  • गंदी चीजों की मिलावट की तो संचालक-प्रोपराइटर पर भी कठोर कार्रवाई होगी।
  • खान पान के केंद्रों पर साफ-सफाई होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने तथा सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क-ग्लव्स का उपयोग जरूर करें। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
  • खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

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