केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक बयानों को लेकर ख़बरों में रहते हैं। अफसरों को खरी-खरी सुनाने एवं नेताओं को भी सीख देने को लेकर वह ख़बरों में रहते हैं। अब उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि घोड़ों को नहीं मिल रही घास और गधे खा रहे हैं च्वयनप्राश! गडकरी का यह वीडियो न सिर्फ जमकर वायरल हो रहा है बल्कि सोशल मीडिया पर इससे पार्टी के भीतर और बाहर नई सियासी चर्चा भी छिड़ गई है।
राजस्थान में जनसभा को संबोधित कर रहे थे नितिन गडकरी
राजस्थान के हनुमानगढ़ में भाजपा की जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भाजपा सरकार बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार को वापस लाना है। राजस्थान की तकदीर को बदलना है। अपने संबोधन के दौरान नितिन गडकरी ने गधे और घोड़े का जिक्र किया, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।
‘घोड़े को नहीं है घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश’
नितिन गडकरी ने कहा, ‘एक शायर बहुत बड़ी शायरी कहते थे। यह मैं किसी को कह नहीं रहा हूं। वह कहते थे इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे ही गधे। अच्छे घोड़े को नहीं है घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश। इसके बाद गडकरी कहते हैं कि ...समझने वाले को इशारा काफी होता है।’ अब नितिन गडकरी का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है और लोग इस पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘गडकरी जी आप डरो नहीं खुल कर भी बोल सकते हो..आपका इशारा समझ आ गया।’ विजय प्रताप सिंह ने लिखा, ‘ये किस गधे की बात हो रही है? 2024 दूर नहीं है, अब तो खुल कर बोलिये।’ सोहिल अहमद ने लिखा, ‘गडकरी साहब, आपसे आपके ही पार्टी के नेता नाराज हो जायेंगे।’ एक अन्य ने लिखा, ‘अब तो नितिन गडकरी जी मैदान में उतर गए हैं, अब अशोक गहलोत जी की खैर नहीं है।’
गडकरी के बयान के सियासी मायने?
बता दें कि सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर कर कह रहे हैं कि नितिन गडकरी ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर हमला बोल दिया है तो वहीं बीजेपी के समर्थकों का कहना है कि यह बयान राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के लिए था। हालांकि नितिन गडकरी ने किसी व्यक्ति, पार्टी का नाम ना लेकर सोशल मीडिया पर एक बहस छेड़ दी है। गडकरी ने जिस अंदाज में वसुंधरा सरकार के पुराने कामों को गिनाते हुए आगे फिर से मौका देने की अपील करते हुए, ये बातें कही हैं। इसलिए गडकरी के इस अंदाज को राजे को मौका देने की अपील से जोड़कर देखा जा रहा है।
गडकरी ने घोड़ों और गधों की तुलना करके भी विरोधियों पर सियासी तंज कसा है। अब भले उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया हो लेकिन ऐसे में सियासी अटकलें लगाने का मौका जरूर दे दिया है। दरअसल नितिन गडकरी ने कहा कि फिर से एक बार पुराने भाजपा के शासन को याद कीजिए। मैं जब मंदिर में गया तो मंदिर के पुजारी और वहां के भक्त मुझे कह रहे थे, यह मंदिर किसने बनाया? चूरू के सांसद राहुल कस्वा ने कहा मुझसे कहा कि ये मंदिर वसुंधरा ने बनवाया। इस पर गडकरी ने कहा कि अरे, वसुंधरा ने तो अभी 100 करोड़ का बनवाया। एक बार चुन कर दो 500 करोड़ का काम होगा। पूरा मंदिर परिसर बदल जाएगा। यह फर्क होता है। इसी क्रम में उन्होंने एक शायरी भी कहा- वह कहते थे इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे ही गधे। अच्छे घोड़े को नहीं है घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश। समझने वाले को इशारा काफी होता है।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार को वापस लाना है। राजस्थान की तकदीर को बदलना है। गांव, गरीब, मजदूर, किसान के भविष्य को बदलो। युवाओं के लिए रोजगार तैयार करो। इतना ही नहीं राजस्थान और देश के भविष्य को बदलो। मोदी के नेतृत्व में, नड्डा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार का साथ दो। खास है कि इन दिनों बीजेपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं। इसे लेकर पार्टी चार अलग-अलग दिशाओं से परिवर्तन यात्राएं निकाल रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी मंगलवार को हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी में बीजेपी की चौथी परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाई।
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‘घोड़े को नहीं है घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश’
नितिन गडकरी ने कहा, ‘एक शायर बहुत बड़ी शायरी कहते थे। यह मैं किसी को कह नहीं रहा हूं। वह कहते थे इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे ही गधे। अच्छे घोड़े को नहीं है घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश। इसके बाद गडकरी कहते हैं कि ...समझने वाले को इशारा काफी होता है।’ अब नितिन गडकरी का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है और लोग इस पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘गडकरी जी आप डरो नहीं खुल कर भी बोल सकते हो..आपका इशारा समझ आ गया।’ विजय प्रताप सिंह ने लिखा, ‘ये किस गधे की बात हो रही है? 2024 दूर नहीं है, अब तो खुल कर बोलिये।’ सोहिल अहमद ने लिखा, ‘गडकरी साहब, आपसे आपके ही पार्टी के नेता नाराज हो जायेंगे।’ एक अन्य ने लिखा, ‘अब तो नितिन गडकरी जी मैदान में उतर गए हैं, अब अशोक गहलोत जी की खैर नहीं है।’
गडकरी के बयान के सियासी मायने?
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गडकरी ने घोड़ों और गधों की तुलना करके भी विरोधियों पर सियासी तंज कसा है। अब भले उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया हो लेकिन ऐसे में सियासी अटकलें लगाने का मौका जरूर दे दिया है। दरअसल नितिन गडकरी ने कहा कि फिर से एक बार पुराने भाजपा के शासन को याद कीजिए। मैं जब मंदिर में गया तो मंदिर के पुजारी और वहां के भक्त मुझे कह रहे थे, यह मंदिर किसने बनाया? चूरू के सांसद राहुल कस्वा ने कहा मुझसे कहा कि ये मंदिर वसुंधरा ने बनवाया। इस पर गडकरी ने कहा कि अरे, वसुंधरा ने तो अभी 100 करोड़ का बनवाया। एक बार चुन कर दो 500 करोड़ का काम होगा। पूरा मंदिर परिसर बदल जाएगा। यह फर्क होता है। इसी क्रम में उन्होंने एक शायरी भी कहा- वह कहते थे इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे ही गधे। अच्छे घोड़े को नहीं है घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश। समझने वाले को इशारा काफी होता है।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार को वापस लाना है। राजस्थान की तकदीर को बदलना है। गांव, गरीब, मजदूर, किसान के भविष्य को बदलो। युवाओं के लिए रोजगार तैयार करो। इतना ही नहीं राजस्थान और देश के भविष्य को बदलो। मोदी के नेतृत्व में, नड्डा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार का साथ दो। खास है कि इन दिनों बीजेपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं। इसे लेकर पार्टी चार अलग-अलग दिशाओं से परिवर्तन यात्राएं निकाल रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी मंगलवार को हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी में बीजेपी की चौथी परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाई।
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