मणिपुर में जारी हिंसा के दौर के बीच 2 कुकी आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर परेड करवाने की घटना सामने आई है. 4 मई की इस शर्मनाक घटना के वायरल वीडियो को लेकर देश भर में प्रतिरोध और प्रदर्शन हो रहे हैं.
मई, 2023 से मणिपुर जातिवादी हिंसा की गिरफ़्त में है लेकिन 4 मई को महिला हिंसा के के वायरल वीडियो के बाद जनता ग़ुस्से में सड़कों पर उतर आई है. घटना के क़रीब 2 महीने बाद जारी 26 सेकेंड के इस वीडियो में भीड़ 2 आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर, दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें सरेआम सड़क पर घुमा रही है. महिलाओं को हार-जीत का मोहरा बनाने की इस घिनौनी हरकत के ख़िलाफ़ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं.
इस वीडियो में कई लोगों के चेहरे की साफ़ शिनाख़्त की जा सकती है. इनमें से 4 मुख्य आरोपियों को मणिपुर पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है जबकि प्रशासन द्वारा पुलिस टीम गठित कर मामले की जांच भी की जा रही है. एक मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास मैतेई की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. सत्ता के गलियारों से लेकर आम अवाम तक इस घटना के ख़िलाफ़ प्रतिरोध और आरोपियों को सख़्त सज़ा देने की मांग के साथ प्रदर्शनों का दौर पूरे उफान पर है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपराधियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई का वादा और मृत्युदंड़ की गुंजाइश पर बात करते हुए ट्वीट किया है कि – ‘मेरा दिल इन दो महिलाओं के लिए बेहद दुखी है जिन्हें इस अपमानजनक और अमानवीय हिंसा का निशाना बनाया गया है.’
गौरतलब है कि विपक्ष और नागरिक समाज की तरफ से मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग हिंसा के शुरुआती दिनों से ही हो रही है। आरोप है कि उनकी अगुवाई में प्रशासन निष्पक्ष नहीं है।
वायरल वीडियो के बाद जनता के उफनते गुस्से के प्रभाव में आकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मणिपुर हिंसा पर ख़ामोशी को तोड़ते हुए कहा है – ‘गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं, वे अपनी जगह पर हैं. लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. मणिपुर की बेटियों से साथ जो हुआ है उसे कभी माफ़ नहीं किया जाएगा.’ प्रधानमंत्री ने अपना बयान संसद के बाहर मीडिया को दिया जबकि विपक्षी दलों की मांग है कि वो संसद को सम्बोधित करें। विपक्ष ने मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की दो महीने से ऊपर की चुप्पी पर भी प्रश्न खड़े किये हैं.
मानसून सत्र के पहले दिन रिवायती अभिवादन के दौरान कांग्रेस की संसदीय नेता सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी से लोकसभा में इस मुद्दे को उठाने की अपील की है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वो इस घटना से ‘गहरे तौर पर विचलित’ हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा है कि-
‘एक संवैधानिक लोकतंत्र में महिलाओं को हिंसा भड़काने के टूल के तौर पर इस्तेमाल करना स्वीकार नहीं किया जा सकता है.’
कई शहरों में प्रदर्शन
मणिपुर
दो महिलाओं की अस्मिता से सरेआम खिलवाड़ करने के ख़िलाफ़ इंफ़ाल के चूराचांदपुर में 21 जुलाई को विशाल प्रतिरोध जूलूस का आयोजन किया गया. इस दौरान तेज़ बारिश के बीच स्थानीय जनता ने हज़ारों की संख्या में ने काले कपड़े पहन कर प्रोटेस्ट मार्च किया.
प्रतिरोध की कड़ी में कुकी समुदाय की महिलाएं मुख्य आरोपी हुइरेम सहित एक अन्य आरोपी का घर भी जला चुकी हैं. मणिपुर पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक़ हुइरेम पर गैंगरेप, हत्या और अपहरण का आरोप है.
बेंगलुरु
इस घटना पर इंसाफ़ की गुहार लगाने के एवज़ 21 जुलाई को बेंगलुरु में टाउन हॉल के सामने विशाल प्रोटेस्ट का आयोजन किया गया. शाम के 4:30 बजे किए गए इस प्रदर्शन में संविधान के तहत महिला सुरक्षा को तय करने की मांग की गई.
दिल्ली
ऑल इंडिया महिला कांग्रेस ने राजधानी में 20 जुलाई, 2023 को नागरिकों के बड़े जत्थे के साथ मणिपुर हिंसा के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट किया. कांग्रेस एम. पी. रंजीत रंजन और महिला कांग्रेस प्रमुख नेटा डिसूज़ा ने कांफ़्रेस के ज़रिए वायरल वीडियो पर गहरा दुख औऱ ग़ुस्सा जताया.
मुंबई
मुंबई में IIT बॉम्बे और TISS के विद्यार्थियों ने भी मणिपुर की इस घटना के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.
AISA- ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने 21 जुलाई को दिल्ली में 3 बजे से नागरिक प्रतिरोध दर्ज कराया और बंगलौर में टॉउन हॉल के सामने आयोजित प्रोटेस्ट में भी शिरकत करके आरोपियों को सज़ा देने की मांग की है.
AIDWA – ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेन्स एसोसिएशन की मरियम धावले ने भी वायरल वीडियो पर गहरा दुख जताया है. 18 जुलाई को दर्ज FIR पर एक्शन न लेने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने संगठन की ओर से कड़ा प्रतिरोध ज़ाहिर किया और भाजपा की नफ़रती राजनीति को हराने की मांग की.
AILJHJ- ‘द अमेरिकन इंडियन लॉ जर्नल’ ने भी AISA की तर्ज पर लॉ स्टूडेंस के साथ दिल्ली और बेंगलुरु के प्रदर्शनों में शिरकत की.
दिल्ली महिला आयोग-
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से आरोपियों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने की पैरवी करते हुए पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने महिला सुरक्षा की बदहाल तस्वीर पर गहरा दुख और ग़ुस्सा ज़ाहिर किया है.
फ़िल्म इंडस्ट्री-
करीना कपूर, अक्षय कुमार, सोनू सूद, उर्फ़ी जावेद सहित बॉलीवुड की नामचीन हस्तियों ने भी मणिपुर में महिला हिंसा की इस शर्मनाक घटना पर रोष ज़ाहिर किया है. प्रियंका चोपड़ा ने कहा- ‘हम महिलाओं को किसी भी खेल में मोहरा नहीं बनने दे सकते हैं.’
मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा में अबतक क़रीब 140 लोग मारे जा चुके हैं. जबकि हिंसा के उफान में क़रीब 50,000 विस्थापित हो चुके हैं. इंटरनेट बंद के दौर में वहां हिंसा और महिला-हिंसा की ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं जिनका रिकार्ड मौजूद नहीं है. फ़िलहाल वायरल वीडियो पर जारी प्रदर्शनों ने सत्ता की नींद तोड़ी है और भारत में महिला सुरक्षा के सवाल को कटघरे में खड़ा किया है. इस घटना के बाद पूरा देश आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री से ज़िम्मेदारी, कार्यवाही, जवाब और इंसाफ़ की उम्मीद कर रहा है.
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मई, 2023 से मणिपुर जातिवादी हिंसा की गिरफ़्त में है लेकिन 4 मई को महिला हिंसा के के वायरल वीडियो के बाद जनता ग़ुस्से में सड़कों पर उतर आई है. घटना के क़रीब 2 महीने बाद जारी 26 सेकेंड के इस वीडियो में भीड़ 2 आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर, दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें सरेआम सड़क पर घुमा रही है. महिलाओं को हार-जीत का मोहरा बनाने की इस घिनौनी हरकत के ख़िलाफ़ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं.
इस वीडियो में कई लोगों के चेहरे की साफ़ शिनाख़्त की जा सकती है. इनमें से 4 मुख्य आरोपियों को मणिपुर पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है जबकि प्रशासन द्वारा पुलिस टीम गठित कर मामले की जांच भी की जा रही है. एक मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास मैतेई की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. सत्ता के गलियारों से लेकर आम अवाम तक इस घटना के ख़िलाफ़ प्रतिरोध और आरोपियों को सख़्त सज़ा देने की मांग के साथ प्रदर्शनों का दौर पूरे उफान पर है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपराधियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई का वादा और मृत्युदंड़ की गुंजाइश पर बात करते हुए ट्वीट किया है कि – ‘मेरा दिल इन दो महिलाओं के लिए बेहद दुखी है जिन्हें इस अपमानजनक और अमानवीय हिंसा का निशाना बनाया गया है.’
गौरतलब है कि विपक्ष और नागरिक समाज की तरफ से मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग हिंसा के शुरुआती दिनों से ही हो रही है। आरोप है कि उनकी अगुवाई में प्रशासन निष्पक्ष नहीं है।
वायरल वीडियो के बाद जनता के उफनते गुस्से के प्रभाव में आकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मणिपुर हिंसा पर ख़ामोशी को तोड़ते हुए कहा है – ‘गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं, वे अपनी जगह पर हैं. लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. मणिपुर की बेटियों से साथ जो हुआ है उसे कभी माफ़ नहीं किया जाएगा.’ प्रधानमंत्री ने अपना बयान संसद के बाहर मीडिया को दिया जबकि विपक्षी दलों की मांग है कि वो संसद को सम्बोधित करें। विपक्ष ने मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की दो महीने से ऊपर की चुप्पी पर भी प्रश्न खड़े किये हैं.
मानसून सत्र के पहले दिन रिवायती अभिवादन के दौरान कांग्रेस की संसदीय नेता सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी से लोकसभा में इस मुद्दे को उठाने की अपील की है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वो इस घटना से ‘गहरे तौर पर विचलित’ हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा है कि-
‘एक संवैधानिक लोकतंत्र में महिलाओं को हिंसा भड़काने के टूल के तौर पर इस्तेमाल करना स्वीकार नहीं किया जा सकता है.’
कई शहरों में प्रदर्शन
मणिपुर
दो महिलाओं की अस्मिता से सरेआम खिलवाड़ करने के ख़िलाफ़ इंफ़ाल के चूराचांदपुर में 21 जुलाई को विशाल प्रतिरोध जूलूस का आयोजन किया गया. इस दौरान तेज़ बारिश के बीच स्थानीय जनता ने हज़ारों की संख्या में ने काले कपड़े पहन कर प्रोटेस्ट मार्च किया.
प्रतिरोध की कड़ी में कुकी समुदाय की महिलाएं मुख्य आरोपी हुइरेम सहित एक अन्य आरोपी का घर भी जला चुकी हैं. मणिपुर पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक़ हुइरेम पर गैंगरेप, हत्या और अपहरण का आरोप है.
बेंगलुरु
इस घटना पर इंसाफ़ की गुहार लगाने के एवज़ 21 जुलाई को बेंगलुरु में टाउन हॉल के सामने विशाल प्रोटेस्ट का आयोजन किया गया. शाम के 4:30 बजे किए गए इस प्रदर्शन में संविधान के तहत महिला सुरक्षा को तय करने की मांग की गई.
दिल्ली
ऑल इंडिया महिला कांग्रेस ने राजधानी में 20 जुलाई, 2023 को नागरिकों के बड़े जत्थे के साथ मणिपुर हिंसा के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट किया. कांग्रेस एम. पी. रंजीत रंजन और महिला कांग्रेस प्रमुख नेटा डिसूज़ा ने कांफ़्रेस के ज़रिए वायरल वीडियो पर गहरा दुख औऱ ग़ुस्सा जताया.
मुंबई
मुंबई में IIT बॉम्बे और TISS के विद्यार्थियों ने भी मणिपुर की इस घटना के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.
AISA- ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने 21 जुलाई को दिल्ली में 3 बजे से नागरिक प्रतिरोध दर्ज कराया और बंगलौर में टॉउन हॉल के सामने आयोजित प्रोटेस्ट में भी शिरकत करके आरोपियों को सज़ा देने की मांग की है.
AIDWA – ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेन्स एसोसिएशन की मरियम धावले ने भी वायरल वीडियो पर गहरा दुख जताया है. 18 जुलाई को दर्ज FIR पर एक्शन न लेने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने संगठन की ओर से कड़ा प्रतिरोध ज़ाहिर किया और भाजपा की नफ़रती राजनीति को हराने की मांग की.
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दिल्ली महिला आयोग-
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से आरोपियों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने की पैरवी करते हुए पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने महिला सुरक्षा की बदहाल तस्वीर पर गहरा दुख और ग़ुस्सा ज़ाहिर किया है.
फ़िल्म इंडस्ट्री-
करीना कपूर, अक्षय कुमार, सोनू सूद, उर्फ़ी जावेद सहित बॉलीवुड की नामचीन हस्तियों ने भी मणिपुर में महिला हिंसा की इस शर्मनाक घटना पर रोष ज़ाहिर किया है. प्रियंका चोपड़ा ने कहा- ‘हम महिलाओं को किसी भी खेल में मोहरा नहीं बनने दे सकते हैं.’
मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा में अबतक क़रीब 140 लोग मारे जा चुके हैं. जबकि हिंसा के उफान में क़रीब 50,000 विस्थापित हो चुके हैं. इंटरनेट बंद के दौर में वहां हिंसा और महिला-हिंसा की ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं जिनका रिकार्ड मौजूद नहीं है. फ़िलहाल वायरल वीडियो पर जारी प्रदर्शनों ने सत्ता की नींद तोड़ी है और भारत में महिला सुरक्षा के सवाल को कटघरे में खड़ा किया है. इस घटना के बाद पूरा देश आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री से ज़िम्मेदारी, कार्यवाही, जवाब और इंसाफ़ की उम्मीद कर रहा है.
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