रेप, महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा, आगजनी, लूटपाट और हत्या जैसे जघन्य अपराधों से संबंधित 192 मामलों में ही चार्जशीट दाखिल हुए हैं।
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के दौरान दर्ज मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 42 एसआईटी गठित किए गए थे, लेकिन इसने 3,023 दर्ज मामलों में से केवल 6 प्रतिशत में ही आरोपपत्र दाखिल किए हैं।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, रेप, महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा, आगजनी, लूटपाट और हत्या जैसे जघन्य अपराधों से संबंधित 192 मामलों में ही चार्जशीट दाखिल हुए हैं।
अगस्त 2023 में गठित देश भर के पुलिस अधिकारियों वाली एसआईटी ने 20 नवंबर तक 384 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, 742 संदिग्धों की पहचान की और 11,901 गवाहों से पूछताछ की।
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 574 आरोपियों पर आरोप तय किए जा चुके हैं। एसआईटी ने राज्य के पुलिस शस्त्रागारों से लूटे गए 501 हथियार और 13,464 गोला-बारूद भी जब्त किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, एसआईटी को छह ग्रुप में बांटा गया। इनमें एक ग्रुप हत्या और जघन्य अपराध के मामलों के लिए, दूसरा ग्रुप बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के लिए और अन्य चार ग्रुप आगजनी, लूटपाट और अन्य अपराधों से संबंधित मामलों के लिए बनाया गया।
गठित ये 42 एसआईटी हत्या के 126 मामलों, महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध के नौ मामलों और लूटपाट, आगजनी व संपत्ति से जुड़े अन्य अपराधों के 2,888 मामलों की जांच कर रही हैं।
राज्य में जातीय हिंसा मई 2023 में शुरू हुई थी और अभी जारी है। इस हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए, वहीं हजारों लोग विस्थापित हुए तथा राज्य जातीय आधार पर तेजी से बंट गया।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों ने मणिपुर में गत 13 दिसंबर को पूर्वी इंफाल से स्टारलिंक डिवाइस जब्त किए हैं। पुलिस और सेना द्वारा संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान ये डिवाइस बरामद किए गए।
अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि जब सुरक्षा बल इंफाल पूर्व के केराओ खुनौ में छापेमारी कर रहे थे तभी हथियारबंद बदमाशों ने स्टारलिंक सैटेलाइट एंटीना और राउटर को छोड़ दिया। स्टारलिंक डिवाइस के साथ-साथ अन्य हथियारों व गोला-बारूद में म्यांमार सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एमए4 असॉल्ट राइफल और एक पिस्तौल शामिल थी।
हालांकि, जब्त किए गए उपकरणों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्टारलिंक के संस्थापक एलन मस्क ने कहा कि यह ‘झूठ’ है, क्योंकि भारत में स्टारलिंक उपग्रह बीम बंद हैं।
जो स्टारलिंक डिवाइस जब्त किए गए उस पर ‘RPF/PLA’ लिखा हुआ था। यह पीपल्स लिबरेशन आर्मी और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपल्स फ्रंट (आरपीएफ) का संक्षिप्त नाम है, जो एक मेईतेई चरमपंथी समूह है और जो म्यांमार से संचालित होता है जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित किया गया है।
हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्टारलिंक डिवाइस का मिलना चिंता का विषय है क्योंकि यह भारतीय नेटवर्क को दरकिनार करते हुए सैटेलाइट आधारित हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान करता है।
हालांकि, जब सोशल मीडिया एक्स के यूजर ने जब्त किए गए कथित स्टारलिंक डिवाइस की तस्वीरें पोस्ट कीं और लिखा कि, ‘@स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा किया जा रहा है। उम्मीद है, एलन @elonmusk इस पर गौर करेंगे और इस तकनीक के दुरुपयोग को नियंत्रित करने में मदद करेंगे.’, तब मस्क ने कहा कि यह दावा ‘झूठा’ है।
मस्क ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘यह गलत है। भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं।’
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के दौरान दर्ज मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 42 एसआईटी गठित किए गए थे, लेकिन इसने 3,023 दर्ज मामलों में से केवल 6 प्रतिशत में ही आरोपपत्र दाखिल किए हैं।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, रेप, महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा, आगजनी, लूटपाट और हत्या जैसे जघन्य अपराधों से संबंधित 192 मामलों में ही चार्जशीट दाखिल हुए हैं।
अगस्त 2023 में गठित देश भर के पुलिस अधिकारियों वाली एसआईटी ने 20 नवंबर तक 384 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, 742 संदिग्धों की पहचान की और 11,901 गवाहों से पूछताछ की।
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 574 आरोपियों पर आरोप तय किए जा चुके हैं। एसआईटी ने राज्य के पुलिस शस्त्रागारों से लूटे गए 501 हथियार और 13,464 गोला-बारूद भी जब्त किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, एसआईटी को छह ग्रुप में बांटा गया। इनमें एक ग्रुप हत्या और जघन्य अपराध के मामलों के लिए, दूसरा ग्रुप बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के लिए और अन्य चार ग्रुप आगजनी, लूटपाट और अन्य अपराधों से संबंधित मामलों के लिए बनाया गया।
गठित ये 42 एसआईटी हत्या के 126 मामलों, महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध के नौ मामलों और लूटपाट, आगजनी व संपत्ति से जुड़े अन्य अपराधों के 2,888 मामलों की जांच कर रही हैं।
राज्य में जातीय हिंसा मई 2023 में शुरू हुई थी और अभी जारी है। इस हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए, वहीं हजारों लोग विस्थापित हुए तथा राज्य जातीय आधार पर तेजी से बंट गया।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों ने मणिपुर में गत 13 दिसंबर को पूर्वी इंफाल से स्टारलिंक डिवाइस जब्त किए हैं। पुलिस और सेना द्वारा संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान ये डिवाइस बरामद किए गए।
अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि जब सुरक्षा बल इंफाल पूर्व के केराओ खुनौ में छापेमारी कर रहे थे तभी हथियारबंद बदमाशों ने स्टारलिंक सैटेलाइट एंटीना और राउटर को छोड़ दिया। स्टारलिंक डिवाइस के साथ-साथ अन्य हथियारों व गोला-बारूद में म्यांमार सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एमए4 असॉल्ट राइफल और एक पिस्तौल शामिल थी।
हालांकि, जब्त किए गए उपकरणों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्टारलिंक के संस्थापक एलन मस्क ने कहा कि यह ‘झूठ’ है, क्योंकि भारत में स्टारलिंक उपग्रह बीम बंद हैं।
जो स्टारलिंक डिवाइस जब्त किए गए उस पर ‘RPF/PLA’ लिखा हुआ था। यह पीपल्स लिबरेशन आर्मी और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपल्स फ्रंट (आरपीएफ) का संक्षिप्त नाम है, जो एक मेईतेई चरमपंथी समूह है और जो म्यांमार से संचालित होता है जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित किया गया है।
हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्टारलिंक डिवाइस का मिलना चिंता का विषय है क्योंकि यह भारतीय नेटवर्क को दरकिनार करते हुए सैटेलाइट आधारित हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान करता है।
हालांकि, जब सोशल मीडिया एक्स के यूजर ने जब्त किए गए कथित स्टारलिंक डिवाइस की तस्वीरें पोस्ट कीं और लिखा कि, ‘@स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा किया जा रहा है। उम्मीद है, एलन @elonmusk इस पर गौर करेंगे और इस तकनीक के दुरुपयोग को नियंत्रित करने में मदद करेंगे.’, तब मस्क ने कहा कि यह दावा ‘झूठा’ है।
मस्क ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘यह गलत है। भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं।’