वाराणसी जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर राजघाट पानी टंकी से लगी किला कोहना बस्ती के नागरिक बेघर होने के कगार पर हैं क्योंकि रेलवे ने इस बस्ती की जमीन को अपना बताते हुए नोटिस चस्पा कर दिये थे। नोटिस विगत माह अप्रैल में जी-20 समिट से पहले चस्पा किये गए थे, तभी से यहां के निवासी लगातार जिला प्रशासन से मिलकर खुद को बेघर करने से बचाने की गुहार लगा रहे हैं।
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गुरूवार को किला कोहना बस्ती के महिला, पुरुष और युवा शास्त्री घाट पर इकट्ठा हुए। यहां कचहरी पहुंचकर उन्होंने प्रतिवाद मार्च निकाला और ADM सिटी को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग रखी। हालांकि, ADM सिटी ने उन्हें आश्वासन दिया है। बस्ती निवासियों की मांग है कि संवैधानिक दायरे में हम लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी के नाम लिखे ज्ञापन में कहा गया है कि किला कोहना बस्ती के निवासी आपको पहले भी ज्ञापन देकर अपनी मांगें रख चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है। अगर इसी तरह हमारी मांगें अनसुनी की जाती रहीं तो वे अनिश्चित कालीन धरने पर जाने को मजबूर हो जाएंगे।
बता दें कि किला कोहना बस्ती नगर निगम के वार्ड नंबर पांच में आती है। बेदखली के नोटिस चस्पा होने के बाद से ही बस्ती के लोगों में हलचल और नाराजगी है। प्रतिवाद मार्च में महिला और पुरुषों ने बैनर पकड़ रखे थे। इनमें लिखा गया था- रेलवे की जमीन की झूठी दावेदारी की जांच कराओ, गरीब अमीर एक समान, सबका हक सबका संविधान, हमें हमारा हक चाहिए, नहीं किसी की भीख चाहिए आदि।
प्रतिवाद मार्च की कुछ तस्वीरें यहां देख सकते हैं:
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बस्तीवासियों ने आरोप लगाया कि रेलवे जमीन अधिग्रहण के नाम पर बस्ती वासियों को लगातार नोटिस दे रहा है। जिससे भय का माहौल है। प्रशासन मामले का संज्ञान ले अन्यथा बस्ती वाले अनिश्चितकालीन धरना देंगे। रेलवे काशी स्टेशन के विस्तार के लिए आसपास के क्षेत्र को खाली करा रहा है। कम्युनिस्ट फ्रंट के नेतृत्व में निकले मार्च में बस्ती वालों ने कहा कि हम लोग 60 से 70 वर्षों से रह रहे हैं और झाड़ू, बर्तन करके परिवार चला रहे हैं। रेलवे की ओर से पिछले दस दिनों से घर उजाड़ने का नोटिस और धमकी दी जा रही है। इससे सभी डरे हुए हैं। कम्युनिस्ट फ्रंट के जिला संयोजक सागर गुप्ता ने कहा कि इस मामले में पहले भी बस्तीवालों ने प्रशासन से गुहार लगाई थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
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गुरूवार को किला कोहना बस्ती के महिला, पुरुष और युवा शास्त्री घाट पर इकट्ठा हुए। यहां कचहरी पहुंचकर उन्होंने प्रतिवाद मार्च निकाला और ADM सिटी को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग रखी। हालांकि, ADM सिटी ने उन्हें आश्वासन दिया है। बस्ती निवासियों की मांग है कि संवैधानिक दायरे में हम लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी के नाम लिखे ज्ञापन में कहा गया है कि किला कोहना बस्ती के निवासी आपको पहले भी ज्ञापन देकर अपनी मांगें रख चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है। अगर इसी तरह हमारी मांगें अनसुनी की जाती रहीं तो वे अनिश्चित कालीन धरने पर जाने को मजबूर हो जाएंगे।
बता दें कि किला कोहना बस्ती नगर निगम के वार्ड नंबर पांच में आती है। बेदखली के नोटिस चस्पा होने के बाद से ही बस्ती के लोगों में हलचल और नाराजगी है। प्रतिवाद मार्च में महिला और पुरुषों ने बैनर पकड़ रखे थे। इनमें लिखा गया था- रेलवे की जमीन की झूठी दावेदारी की जांच कराओ, गरीब अमीर एक समान, सबका हक सबका संविधान, हमें हमारा हक चाहिए, नहीं किसी की भीख चाहिए आदि।
प्रतिवाद मार्च की कुछ तस्वीरें यहां देख सकते हैं:
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बस्तीवासियों ने आरोप लगाया कि रेलवे जमीन अधिग्रहण के नाम पर बस्ती वासियों को लगातार नोटिस दे रहा है। जिससे भय का माहौल है। प्रशासन मामले का संज्ञान ले अन्यथा बस्ती वाले अनिश्चितकालीन धरना देंगे। रेलवे काशी स्टेशन के विस्तार के लिए आसपास के क्षेत्र को खाली करा रहा है। कम्युनिस्ट फ्रंट के नेतृत्व में निकले मार्च में बस्ती वालों ने कहा कि हम लोग 60 से 70 वर्षों से रह रहे हैं और झाड़ू, बर्तन करके परिवार चला रहे हैं। रेलवे की ओर से पिछले दस दिनों से घर उजाड़ने का नोटिस और धमकी दी जा रही है। इससे सभी डरे हुए हैं। कम्युनिस्ट फ्रंट के जिला संयोजक सागर गुप्ता ने कहा कि इस मामले में पहले भी बस्तीवालों ने प्रशासन से गुहार लगाई थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
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