ग्वालियर। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि सरकार आंदोलनकारी किसानों के साथ ‘कृषि विधेयकों के अलावा अन्य विकल्पों’ पर बात करने को तैयार है। किसान पिछले साल नवंबर से तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।
तोमर ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ‘केंद्र सरकार ने हमेशा किसानों के कल्याण के हित में बात की है और किसानों से बात करने को तैयार है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर किसान संघ कृषि विधेयकों के अलावा अन्य विकल्पों पर चर्चा के लिए तैयार हैं तो सरकार उनसे बात करने को तैयार है।’
तोमर ने कहा कि सरकार नए कृषि कानून को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसान नए कानूनों पर बातचीत के लिए सही तर्कों के साथ आएं, हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं। तोमर ने कहा कि सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है।
बता दें कि एक दिन पहले मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार किसानों संगठनों और नेताओं से कृषि विधेयकों के अलावा अन्य मुद्दों पर भी बात करने के लिए तैयार हैं। इधर आंदोलन कर रहे किसान पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। काफी लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में भी किसान पीछे नहीं हटे।
देशभर के 6।5 लाख गांवों में पहुंचेगा किसान आंदोलन
भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी और किसान नेता युद्धवीर सिंह ने 5 जून को कहा कि आंदोलन को लेकर देश के साढ़े छह लाख गांवों में मोर्चा के नेता जाएंगे। इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से होगी। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसी नेता के निजी कार्यक्रमों का कोई विरोध नहीं करेंगे। केवल सरकारी कार्यक्रमों का विरोध होगा।
तोमर ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ‘केंद्र सरकार ने हमेशा किसानों के कल्याण के हित में बात की है और किसानों से बात करने को तैयार है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर किसान संघ कृषि विधेयकों के अलावा अन्य विकल्पों पर चर्चा के लिए तैयार हैं तो सरकार उनसे बात करने को तैयार है।’
तोमर ने कहा कि सरकार नए कृषि कानून को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसान नए कानूनों पर बातचीत के लिए सही तर्कों के साथ आएं, हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं। तोमर ने कहा कि सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है।
बता दें कि एक दिन पहले मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार किसानों संगठनों और नेताओं से कृषि विधेयकों के अलावा अन्य मुद्दों पर भी बात करने के लिए तैयार हैं। इधर आंदोलन कर रहे किसान पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। काफी लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में भी किसान पीछे नहीं हटे।
देशभर के 6।5 लाख गांवों में पहुंचेगा किसान आंदोलन
भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी और किसान नेता युद्धवीर सिंह ने 5 जून को कहा कि आंदोलन को लेकर देश के साढ़े छह लाख गांवों में मोर्चा के नेता जाएंगे। इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से होगी। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसी नेता के निजी कार्यक्रमों का कोई विरोध नहीं करेंगे। केवल सरकारी कार्यक्रमों का विरोध होगा।