SBI ने जन धन खातों पर ट्रांजेक्शन चार्ज लगाकर कमाए 300 करोड़: स्टडी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 13, 2021
आईआईटी बॉम्बे की एक स्टडी के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक ने जीरो बैलेंस वाले खातों पर ऐसे ही पेनल्टी से पांच साल में 300 करोड़ रुपये की कमाई की है।



नई दिल्ली। जीरो बैलेंस वाले खातों में लिमिट के बाहर ट्रांजैक्शन पर पेनाल्टी लगाकर बैंकों की अच्छी कमाई हो रही है। आईआईटी बॉम्बे की एक स्टडी के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक ने जीरो बैलेंस वाले खातों पर ऐसे ही पेनाल्टी से पांच साल में 300 करोड़ रुपये की कमाई की है। ये खाते मोदी सरकार के जनधन अभियान के तहत खोले जाते हैं।

हिंदुस्तान अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि आईआईटी बॉम्बे ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें यह कहा गया है कि बैंक के द्वारा मिशन डिजिटल इंडिया के तहत हो रहे इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई समेत डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने पर भी राशि की कटौती की गई है। यह राशि एसबीआई बैंक के द्वारा वर्ष 2015 से लेकर 2020 तक के दौरान काटी गई है। बैंक के द्वारा देश के करीब 12 करोड़ जनधन खातों से यह कटौती की गई है।

पंजाब नेशनल बैंक ने भी 9.9 करोड़ रूपये ग्राहकों के खाते से वसूले है:
पंजाब नेशनल बैंक ने भी वर्ष 2015 से लेकर 2020 के दौरान 9.9 करोड़ रुपए बैंक खाता धारकों से वसूल किए हैं कई ऐसे बैंक हैं जिन्होंने शुरुआत में यह शुल्क लिए परंतु बाद में उन्होंने या राष्ट्रीय ग्राहकों के खाते में लौटा दी परंतु पंजाब नेशनल बैंक और एसबीआई ने ग्राहकों के खातों से पैसे काट कर उन्हें चूना लगाया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2014 में देश के भीतर नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद या फैसला लिया गया था कि गरीब उन लोगों को भी बैंकों से जोड़ा जाए इसलिए जीरो बैलेंस पर जनधन योजना की शुरुआत की गई थी इस योजना के तहत गरीब लोगों को जीरो बैलेंस पर बैंक खाता खोल कर दिया जा रहा था साथ ही सरकार के द्वारा यह भी कहा गया था कि यदि इस खाते में कोई व्यक्ति  बैंकों के द्वारा तय की गई न्यूनतम राशि नहीं रखता है तो उन पर कोई भी शुल्क नहीं लागू होगा परंतु बैंकों के द्वारा गरीबों के लिए खोले गए जनधन खातों पर भी सेंधमारी गई है और कई करोड़ रुपए की वसूली अवैध तरीके से की गई है। 

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