नई दिल्ली। भीम आर्मी ने 21 अगस्त को चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित रविदास मंदिर के विध्वंस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद सहित 96 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया था।
दिल्ली के तुगलकाबाद में 600 साल पुराने रविदास मंदिर को ढहाने के विरोध में प्रदर्शन के चलते गिरफ्तार भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को दिल्ली की एक अदालत से जमानत मिल गई है। चंद्रशेखर हिंसा भड़काने के आरोप में पिछले दो महीने से तिहाड़ जेल में बंद थे।
अदालत ने चंद्रशेखर को देश नहीं छोड़ने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने का आदेश दिया है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के अलावा अन्य 95 प्रदर्शनकारियों को गैरकानूनी गतिविधि व दंगा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 96 में से 94 कार्यकर्ताओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
चंद्रशेखर आजाद करीब एक सप्ताह पहले ही तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। उनका आरोप था कि जेल प्रशासन उन्हें महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाने की इजाजत नहीं दे रहा है। इसके बाद भीम आर्मी ने दिल्ली सीएम केजरीवाल के आवास का घेराव करने का ऐलान किया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के एक दिन बाद 10 अगस्त को दिल्ली के प्राचीन रविदास मंदिर को ढहा दिया गया था। इसके विरोध में भीम आर्मी सहित अन्य दलित संगठनों ने 21 अगस्त को दिल्ली में प्रदर्शन किया था। इसी दौरान शाम के वक्त चंद्रशेखर सहित 96 लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन स्थल से एक पिस्तौल बरामद हुई। मंदिर तोड़ने के बारे में डीडीए के अधिकारियों ने कहा कि वह मंदिर वन भूमि पर बनाया गया था। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान से तुगलकाबाद मंदिर तक मार्च किया था। इसी दौरान कुछ हिंसा हुई जिसके बाद 96 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
हालांकि, उसी दौरान इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने तुगलकाबाद के जगदंबा रोड बाजार में दुकानों को बंद करा दिया था। 52 वर्षीय कल्पना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस हिंसा से कुछ पहले ही शाम 5.30 बजे पुलिस वहां आई और उन्हें दुकान बंद करने के लिए कह दिया था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के साथ ही कुछ नकाबपोश लोग भीड़ के साथ आए और उन्होंने तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। वहां उन्होंने एक मोटरसाइकिल को आग लगा दी।
भीम आर्मी ने आरोप लगाया था कि प्रशासन की शह पर पुलिस ने चंद्रशेखर के संगठन को बदनाम करने के लिए एक साजिश रची और बाहर से अराजक तत्व लाकर प्रदर्शनकारियों के बीच में घुसा दिए जिन्होंने तोड़फोड़ की।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में रविदास मंदिर के लिए जमीन देने का वादा किया। 200 स्क्वायर मीटर की यह जमीन दक्षिणी दिल्ली में उसी जगह दी जाएगी, जहां मंदिर को तोड़ा गया था। सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि भक्तों की एक समिति को मंदिर निर्माण के लिए सरकार जमीन देगी। कोर्ट ने सरकार के प्रस्ताव को रिकॉर्ड में ले लिया। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा।
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दिल्ली के तुगलकाबाद में 600 साल पुराने रविदास मंदिर को ढहाने के विरोध में प्रदर्शन के चलते गिरफ्तार भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को दिल्ली की एक अदालत से जमानत मिल गई है। चंद्रशेखर हिंसा भड़काने के आरोप में पिछले दो महीने से तिहाड़ जेल में बंद थे।
अदालत ने चंद्रशेखर को देश नहीं छोड़ने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने का आदेश दिया है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के अलावा अन्य 95 प्रदर्शनकारियों को गैरकानूनी गतिविधि व दंगा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 96 में से 94 कार्यकर्ताओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
चंद्रशेखर आजाद करीब एक सप्ताह पहले ही तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। उनका आरोप था कि जेल प्रशासन उन्हें महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाने की इजाजत नहीं दे रहा है। इसके बाद भीम आर्मी ने दिल्ली सीएम केजरीवाल के आवास का घेराव करने का ऐलान किया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के एक दिन बाद 10 अगस्त को दिल्ली के प्राचीन रविदास मंदिर को ढहा दिया गया था। इसके विरोध में भीम आर्मी सहित अन्य दलित संगठनों ने 21 अगस्त को दिल्ली में प्रदर्शन किया था। इसी दौरान शाम के वक्त चंद्रशेखर सहित 96 लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन स्थल से एक पिस्तौल बरामद हुई। मंदिर तोड़ने के बारे में डीडीए के अधिकारियों ने कहा कि वह मंदिर वन भूमि पर बनाया गया था। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान से तुगलकाबाद मंदिर तक मार्च किया था। इसी दौरान कुछ हिंसा हुई जिसके बाद 96 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
हालांकि, उसी दौरान इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने तुगलकाबाद के जगदंबा रोड बाजार में दुकानों को बंद करा दिया था। 52 वर्षीय कल्पना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस हिंसा से कुछ पहले ही शाम 5.30 बजे पुलिस वहां आई और उन्हें दुकान बंद करने के लिए कह दिया था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के साथ ही कुछ नकाबपोश लोग भीड़ के साथ आए और उन्होंने तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। वहां उन्होंने एक मोटरसाइकिल को आग लगा दी।
भीम आर्मी ने आरोप लगाया था कि प्रशासन की शह पर पुलिस ने चंद्रशेखर के संगठन को बदनाम करने के लिए एक साजिश रची और बाहर से अराजक तत्व लाकर प्रदर्शनकारियों के बीच में घुसा दिए जिन्होंने तोड़फोड़ की।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में रविदास मंदिर के लिए जमीन देने का वादा किया। 200 स्क्वायर मीटर की यह जमीन दक्षिणी दिल्ली में उसी जगह दी जाएगी, जहां मंदिर को तोड़ा गया था। सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि भक्तों की एक समिति को मंदिर निर्माण के लिए सरकार जमीन देगी। कोर्ट ने सरकार के प्रस्ताव को रिकॉर्ड में ले लिया। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा।
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