"आई लव मुहम्मद" प्रदर्शन के बाद पीड़ितों से मिलने जा रहे थे चंद्रशेखर आजाद को प्रशासन ने दौरे से पहले ही नजरबंद कर दिया।

साभार : हिंदुस्तान टाइम्स (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को हुए "आई लव मुहम्मद" प्रदर्शन के दौरान फैले तनाव के बाद हालात अब भी संवेदनशील बने हुए हैं। इसी संदर्भ में भीम आर्मी के संस्थापक, नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने बुधवार देर रात बरेली पहुंचने और प्रभावित परिवारों से मुलाकात करने की घोषणा की थी। उनकी इस घोषणा के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। एहतियातन, बरेली समेत आसपास के जिलों में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं को देर रात से ही नज़रबंद (हाउस अरेस्ट) किया जाने लगा।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रशेखर आजाद को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उत्तराखंड के छुटमलपुर स्थित उनके आवास पर नजरबंद कर दिया गया। प्रशासन ने उन्हें बरेली आने से रोक दिया है। वहीं दूसरी ओर, बरेली प्रशासन ने संभावित तनाव और कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पूरे जिले को छावनी में तब्दील कर दिया है। जगह-जगह सुरक्षाबल तैनात हैं और संवेदनशील इलाकों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
चंद्रशेखर आजाद के संभावित बरेली दौरे के लिए उनके काफिले का रूट किच्छा और बहेड़ी होते हुए बरेली तक तय किया गया था। इसकी सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता उत्तराखंड बॉर्डर पर इकट्ठा हो गए। प्रदेश महासचिव विकास बाबू एडवोकेट और जिला अध्यक्ष सुशील कुमार गौतम के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई। हालात को देखते हुए पुलिस ने उत्तराखंड-बरेली बॉर्डर को सील कर दिया और वाहनों की सघन चेकिंग शुरू कर दी। इस बीच, भोजीपुरा टोल प्लाज़ा पर भी प्रदेश उपाध्यक्ष अच्छन अंसारी एडवोकेट के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए।
सूत्रों के अनुसार, बरेली के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अजय साहनी ने चंद्रशेखर आजाद से संवाद कर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। बातचीत के दौरान डीआईजी ने यह भरोसा दिलाया कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी और आगे गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाएगी।
पूरे बरेली जिले में दिनभर भारी पुलिस बल तैनात रहा। तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर विभिन्न इलाकों से भीम आर्मी के कई कार्यकर्ताओं को एहतियातन नजरबंद किया गया। इसके बावजूद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उत्तराखंड बॉर्डर और भोजीपुरा टोल प्लाजा पर डटे रहे।
प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य खुर्शीद खान, अतुल वाल्मीकि, आकाश सागर, देवेंद्र सागर, तहसील अध्यक्ष हसन रजा, अंकित सागर, पिंटू सागर, शंकर वाल्मीकि, अनिल सागर, वसीम, अंग्रेज सिंह, धर्मेंद्र बौद्ध, सौरभ भारतीय, दिनेश गौतम, दुर्वेश अली, शाहिद अली, दर्शन सिंह, जावेद प्रधान, महेंद्रपाल सागर, डॉ. सोहेल खान और डॉ. फहीम जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। इनके अलावा हजारों की संख्या में भीम आर्मी के कार्यकर्ता मौके पर मौजूद रहे।
फिलहाल बरेली पुलिस पूरी तरह हाई-अलर्ट पर है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद आज जुमे को लेकर पुलिस-प्रशासन हाई अलर्ट पर है। जुमे की नमाज को लेकर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। ड्रोन और आई ट्रिपल सी के कैमरों के माध्यम से निगरानी के कड़े इंतजाम कर संवेदनशील क्षेत्र को चार सुपर जोन में बांटा गया है। हर जोन की निगरानी एसपी स्तर के अधिकारी सौंपी गई है और पुलिस, पीएसी व आरआरएफ के आठ हजार जवान तैनात किए गए हैं। शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस है।
कानपुर मामले को लेकर आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने 26 सितंबर को जुमा की नमाज के बाद भीड़ को इस्लामिया ग्राउंड बुलाया था, जिसे लेकर बवाल हो गया था। शहर में करीब दस स्थानों पर जमकर बवाल हुआ और पुलिस ने लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़कर हालात को नियंत्रित किया था। बवाल में मौलाना तौकीर और उनके कई करीबियों समेत 87 उपद्रवी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं।
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साभार : हिंदुस्तान टाइम्स (फाइल फोटो)
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द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रशेखर आजाद को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उत्तराखंड के छुटमलपुर स्थित उनके आवास पर नजरबंद कर दिया गया। प्रशासन ने उन्हें बरेली आने से रोक दिया है। वहीं दूसरी ओर, बरेली प्रशासन ने संभावित तनाव और कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पूरे जिले को छावनी में तब्दील कर दिया है। जगह-जगह सुरक्षाबल तैनात हैं और संवेदनशील इलाकों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
चंद्रशेखर आजाद के संभावित बरेली दौरे के लिए उनके काफिले का रूट किच्छा और बहेड़ी होते हुए बरेली तक तय किया गया था। इसकी सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता उत्तराखंड बॉर्डर पर इकट्ठा हो गए। प्रदेश महासचिव विकास बाबू एडवोकेट और जिला अध्यक्ष सुशील कुमार गौतम के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई। हालात को देखते हुए पुलिस ने उत्तराखंड-बरेली बॉर्डर को सील कर दिया और वाहनों की सघन चेकिंग शुरू कर दी। इस बीच, भोजीपुरा टोल प्लाज़ा पर भी प्रदेश उपाध्यक्ष अच्छन अंसारी एडवोकेट के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए।
सूत्रों के अनुसार, बरेली के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अजय साहनी ने चंद्रशेखर आजाद से संवाद कर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। बातचीत के दौरान डीआईजी ने यह भरोसा दिलाया कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी और आगे गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाएगी।
पूरे बरेली जिले में दिनभर भारी पुलिस बल तैनात रहा। तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर विभिन्न इलाकों से भीम आर्मी के कई कार्यकर्ताओं को एहतियातन नजरबंद किया गया। इसके बावजूद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उत्तराखंड बॉर्डर और भोजीपुरा टोल प्लाजा पर डटे रहे।
प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य खुर्शीद खान, अतुल वाल्मीकि, आकाश सागर, देवेंद्र सागर, तहसील अध्यक्ष हसन रजा, अंकित सागर, पिंटू सागर, शंकर वाल्मीकि, अनिल सागर, वसीम, अंग्रेज सिंह, धर्मेंद्र बौद्ध, सौरभ भारतीय, दिनेश गौतम, दुर्वेश अली, शाहिद अली, दर्शन सिंह, जावेद प्रधान, महेंद्रपाल सागर, डॉ. सोहेल खान और डॉ. फहीम जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। इनके अलावा हजारों की संख्या में भीम आर्मी के कार्यकर्ता मौके पर मौजूद रहे।
फिलहाल बरेली पुलिस पूरी तरह हाई-अलर्ट पर है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद आज जुमे को लेकर पुलिस-प्रशासन हाई अलर्ट पर है। जुमे की नमाज को लेकर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। ड्रोन और आई ट्रिपल सी के कैमरों के माध्यम से निगरानी के कड़े इंतजाम कर संवेदनशील क्षेत्र को चार सुपर जोन में बांटा गया है। हर जोन की निगरानी एसपी स्तर के अधिकारी सौंपी गई है और पुलिस, पीएसी व आरआरएफ के आठ हजार जवान तैनात किए गए हैं। शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस है।
कानपुर मामले को लेकर आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने 26 सितंबर को जुमा की नमाज के बाद भीड़ को इस्लामिया ग्राउंड बुलाया था, जिसे लेकर बवाल हो गया था। शहर में करीब दस स्थानों पर जमकर बवाल हुआ और पुलिस ने लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़कर हालात को नियंत्रित किया था। बवाल में मौलाना तौकीर और उनके कई करीबियों समेत 87 उपद्रवी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं।
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