भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने रविवार को आरोप लगाया कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने उन्हें वाल्मीकि जयंती नहीं मनाने दी। चन्द्रशेखर ने अपने साथियों के जरिए यह संदेश सोशल मीडिया पर पोस्ट करवाया है। उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को भी घेरा और कहा कि भीम आर्मी आपका घर घेरने आ रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि भीम आर्मी के सदस्य सुबह से भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
हालांकि, इसके बाद उन्होंने वाल्मीकि जयंती मनाए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘साथियो, आज हमारे आंदोलन के फल स्वरूप आज इतिहास रचा गया और तिहाड़ जेल में पहली बार महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती मनाई गई। हमारी मांग है तिहाड़ जेल में हर साल होली,दिवाली की तरह महर्षि वाल्मीकि और अम्बेडकर जयंती मनाई जाए। हम कल सीएम के आवास का घेराव वापिस लेते है। जय भीम जय वाल्मीकि’
इसके पहले चंद्रशेखर के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा गया था, ‘तिहाड़ जेल की व्यवस्थाएं दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती है और यहां हमें वाल्मीकि जयंती मनाने से रोका जा रहा है। जेल में हमारे सभी लोग सुबह से भूखे है। बिना जयंती मनायें खाना नहीं खाएंगे। केजरीवाल जी जल्दी व्यवस्था कराएं वरना दिल्ली भीम आर्मी आपका घर घेरने आ रही है।’ इस ट्वीट में दिल्ली के सीएम को टैग भी किया गया है।
वाल्मीकि जयंती नहीं मनाने दिए जाने का आरोप लगाकर ये पूछा गया है कि जब होली, दीवाली मनाई जा सकती है, तो उनके साथ ही भेदभाव क्यों हो रहा है। दिल्ली सरकार को घेरते हुए सूबे के सीएम से सवाल किया गया है कि क्या केजरीवाल सरकार महर्षि वाल्मीकि को नहीं मानती?
वाल्मीकि जयंती मनाने को लेकर अपील करते हुए कहा गया है, ‘माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी मानव के मौलिक अधिकारों का हनन न करें। आपसे हमें आशा है कि आप भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आज़ाद जी को जेल में अन्य त्यौहारों की तरह हमारे पूर्वज महाकाव्य #रामायण रचियता #महर्षि_वाल्मीकि जी की जयंती मनाने दी जाये!’
अगस्त महीने में दिल्ली के तुगलकाबाद में स्थित संत रविदास के मंदिर को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने गिरा दिया था। दलितों की अस्था के प्रतीक माने जाने वाले इस मंदिर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराया गया था। मंदिर वहीं बनाए जाने की मांग को लेकर दिल्ली में हुए एक प्रदर्शन के बाद चंद्रशेखर समेत 96 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था और वो तभी से तिहाड़ में बंद हैं।
हालांकि, इसके बाद उन्होंने वाल्मीकि जयंती मनाए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘साथियो, आज हमारे आंदोलन के फल स्वरूप आज इतिहास रचा गया और तिहाड़ जेल में पहली बार महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती मनाई गई। हमारी मांग है तिहाड़ जेल में हर साल होली,दिवाली की तरह महर्षि वाल्मीकि और अम्बेडकर जयंती मनाई जाए। हम कल सीएम के आवास का घेराव वापिस लेते है। जय भीम जय वाल्मीकि’
इसके पहले चंद्रशेखर के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा गया था, ‘तिहाड़ जेल की व्यवस्थाएं दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती है और यहां हमें वाल्मीकि जयंती मनाने से रोका जा रहा है। जेल में हमारे सभी लोग सुबह से भूखे है। बिना जयंती मनायें खाना नहीं खाएंगे। केजरीवाल जी जल्दी व्यवस्था कराएं वरना दिल्ली भीम आर्मी आपका घर घेरने आ रही है।’ इस ट्वीट में दिल्ली के सीएम को टैग भी किया गया है।
वाल्मीकि जयंती नहीं मनाने दिए जाने का आरोप लगाकर ये पूछा गया है कि जब होली, दीवाली मनाई जा सकती है, तो उनके साथ ही भेदभाव क्यों हो रहा है। दिल्ली सरकार को घेरते हुए सूबे के सीएम से सवाल किया गया है कि क्या केजरीवाल सरकार महर्षि वाल्मीकि को नहीं मानती?
वाल्मीकि जयंती मनाने को लेकर अपील करते हुए कहा गया है, ‘माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी मानव के मौलिक अधिकारों का हनन न करें। आपसे हमें आशा है कि आप भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आज़ाद जी को जेल में अन्य त्यौहारों की तरह हमारे पूर्वज महाकाव्य #रामायण रचियता #महर्षि_वाल्मीकि जी की जयंती मनाने दी जाये!’
अगस्त महीने में दिल्ली के तुगलकाबाद में स्थित संत रविदास के मंदिर को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने गिरा दिया था। दलितों की अस्था के प्रतीक माने जाने वाले इस मंदिर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराया गया था। मंदिर वहीं बनाए जाने की मांग को लेकर दिल्ली में हुए एक प्रदर्शन के बाद चंद्रशेखर समेत 96 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था और वो तभी से तिहाड़ में बंद हैं।