भीमा कोरेगांव मामला: गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई से CJI समेत 5 जज अलग हुए

Written by sabrang india | Published on: October 3, 2019
नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले में जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई करने से उच्चतम न्यायालय के जस्टिस एस रविंद्र भट्ट ने खुद को अलग कर लिया है। भीमा कोरेगांव मामले में नवलखा को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने अदालत में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की हुई है। चार अक्तूबर को मामले की अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।



नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एस। रविंद्र भट्ट ने नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई से बृहस्पतिवार को खुद को अलग कर लिया। नवलखा की याचिका सुनवाई के लिए उस पीठ के सामने आई जिसमें न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट्ट शामिल थे।

नवलखा ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करने वाले बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। इससे पहले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई सहित कुल चार जज नवलखा की याचिका पर सुनवाई से अलग हो गए हैं।

सुनवाई शुरू होते ही न्यायमूर्ति भट्ट ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया जिसके बाद पीठ ने कहा कि इस याचिका पर अन्य पीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगी। बीते 1 अक्टूबर को जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस आर। सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की पीठ के समक्ष नवलखा की अपील सुनवाई के लिए आई थी। इस पर तीनों जजों ने नवलखा की अपील पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया।

भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गौतम नवलखा ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने से मना कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि इस मामले को उस पीठ के पास भेजा जाए, जिसमें वह पार्टी न हों। 

पिछले महीने हाईकोर्ट ने रद्द की थी याचिका 
13 सितंबर को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने नवलखा की एफआईआर रद्द करने की अपील खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा था कि पहली नजर में इस मामले में सच्चाई दिखाई देती है। इसमें गहनता से और पूरी जांच की जरूरत है। 31 दिसंबर 2017 को भीमा-कोरेगांव में एल्गर परिषद आयोजित की गई थी। इसके अगले ही दिन हिंसा शुरू हो गई थी। इसके बाद नवलखा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर नक्सलियों से संपर्क रखने का आरोप भी लगा था। 

बाकी ख़बरें