महाराष्ट्र में एक ओर जल संकट का प्रभाव बढ़ता नज़र आ रहा है। वहीं दूसरी ओर राज्य के मंत्रियों के नाम पर पानी बिल के रूप में लाखों रुपये का बकाया है। बृहन्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा ज़ारी डिफॉल्टरों की सूची में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित राज्य सरकार के 18 मंत्री शामिल हैं। यह जानकार हैरानी होगी कि, राज्य के मुख्यमंत्री पर पानी का 7 लाख 44 हजार 981 रुपए बिल बकाया है।
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने बीएमसी से आरटीआई के जरिए यह जानकारी मांगी थी। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक इस लिस्ट में राज्य सरकार के 18 मंत्री शामिल हैं, जिन पर पानी बिल के रूप में लाखों रुपये का बकाया है। बीएमसी ने आरटीआई के जवाब में बताया है कि मुख्यमंत्री के अलावा सुधीर मुनगंटीवार, विनोद तावडे, पंकजा मुंडे, एकनाथ शिंदे, रामदास कदम जैसे कई वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं। आरटीआई के मुताबिक इन सभी ने वर्ष 2001 से पानी बिल का भुगतान नहीं किया है। हालांकि आरटीआई में यह भी सामने आया है कि इतना बकाया होने के बावजूद बीएमसी ने अभी तक इनमें से किसी के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया है।
यह चौंका देने वाला खुलासा तब सामने आया है जब महाराष्ट्र का एक बड़ा हिस्सा जल संकट से प्रभावित है। कई इलाकों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। इतना ही नहीं, कहीं किसार सूखा पड़ने के कारन आत्महत्या कर रहा है, तो कहीं लोग गड्ढा खोदकर गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री व अन्य नेताओं का पानी का बिल उन लोगों की बेबसी के दर्द को और भी बढ़ा देने का काम कर रहा है।
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने बीएमसी से आरटीआई के जरिए यह जानकारी मांगी थी। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक इस लिस्ट में राज्य सरकार के 18 मंत्री शामिल हैं, जिन पर पानी बिल के रूप में लाखों रुपये का बकाया है। बीएमसी ने आरटीआई के जवाब में बताया है कि मुख्यमंत्री के अलावा सुधीर मुनगंटीवार, विनोद तावडे, पंकजा मुंडे, एकनाथ शिंदे, रामदास कदम जैसे कई वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं। आरटीआई के मुताबिक इन सभी ने वर्ष 2001 से पानी बिल का भुगतान नहीं किया है। हालांकि आरटीआई में यह भी सामने आया है कि इतना बकाया होने के बावजूद बीएमसी ने अभी तक इनमें से किसी के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया है।
यह चौंका देने वाला खुलासा तब सामने आया है जब महाराष्ट्र का एक बड़ा हिस्सा जल संकट से प्रभावित है। कई इलाकों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। इतना ही नहीं, कहीं किसार सूखा पड़ने के कारन आत्महत्या कर रहा है, तो कहीं लोग गड्ढा खोदकर गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री व अन्य नेताओं का पानी का बिल उन लोगों की बेबसी के दर्द को और भी बढ़ा देने का काम कर रहा है।