नई दिल्ली। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में विधानसभा चुनाव हुए। इन चुनावों में बीजेपी भारी बहुमत से जीती थी। बीजेपी की जीत के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने सनसनीखेज आरोप लगाया था कि बीजेपी ईवीएम में सेटिंग करके जीती है। इसके बाद से ईवीएम को लेकर कई जगह सवाल खड़े हुए हैं। ईवीएम को लेकर हमेशा एक ही आरोप लगता रहा है कि बटन कोई भी दबाओ जाता सिर्फ बीजेपी के पक्ष में ही है। हाल के समय में चल रहे लोकसभा चुनाव में भी ईवीएम को लेकर कई तरह की घटनाएं सामने आईं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर चिंता व्यक्त की है। शरद पवार ने यह दावा किया है कि उनकी पार्टी के पक्ष में डाला गया वोट भाजपा को चला गया है।
पवार का कहना है कि उन्होंने खुद ऐसा होते हुए देखा है। उन्होंने हालांकि यह साफ किया कि उनका यह दावा सभी मशीनों को लेकर नहीं है। शरद पवार ने कहा, ‘मैं ईवीएम को लेकर चिंतित हूं। हैदराबाद और गुजरात में कुछ लोगों ने मेरे सामने ईवीएम रखी। उन्होंने मुझसे एक बटन दबाने के लिए कहा।
शरद ने कहा, ‘मैंने एनसीपी के लिए बटन दबाया और वोट कमल के पक्ष में जा रहा था। मैंने ऐसा होते हुए खुद देखा।’ पवार का कहना है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की जा सकती है। इससे पहले 21 विपक्षी दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की थी। विपक्ष की तरफ से यह याचिका तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में दाखिल की गई थी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर चिंता व्यक्त की है। शरद पवार ने यह दावा किया है कि उनकी पार्टी के पक्ष में डाला गया वोट भाजपा को चला गया है।
पवार का कहना है कि उन्होंने खुद ऐसा होते हुए देखा है। उन्होंने हालांकि यह साफ किया कि उनका यह दावा सभी मशीनों को लेकर नहीं है। शरद पवार ने कहा, ‘मैं ईवीएम को लेकर चिंतित हूं। हैदराबाद और गुजरात में कुछ लोगों ने मेरे सामने ईवीएम रखी। उन्होंने मुझसे एक बटन दबाने के लिए कहा।
शरद ने कहा, ‘मैंने एनसीपी के लिए बटन दबाया और वोट कमल के पक्ष में जा रहा था। मैंने ऐसा होते हुए खुद देखा।’ पवार का कहना है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की जा सकती है। इससे पहले 21 विपक्षी दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की थी। विपक्ष की तरफ से यह याचिका तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में दाखिल की गई थी।