हॉट सीट वाराणसी पर नरेंद्र मोदी को उनके ही घर में घेरने की हर संभव तैयारी में विपक्ष

Written by नीरज कुमार | Published on: March 29, 2019
देश में होने वाले 2019 की चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। 2019 लोकसभा चुनाव में राजनैतिक दृष्टिकोण से हॉट सीट बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को उसी की गढ़ में घेरने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति तैयार की हुई है। सभी विपक्षी दल चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देशभर में हार से पहले अपने घर में ही हार का सामना करना पड़ेगा। यही वजह है कि सपा बसपा गठबंधन के बाद भी अब तक अपना कोई प्रत्याशी वाराणसी से घोषित नहीं किया है वहीं कांग्रेस ने भी अब तक वाराणसी में अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। ऐसे में माना जा रहा है कि विपक्ष के सभी राजनीतिक दल वाराणसी लोकसभा सीट पर किसी मजबूत कैंडिडेट के इंतजार में हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सभी राजनीतिक दल इस बात पर भी बल दे रहे हैं कि यदि कोई उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मजबूती से लड़ता है तो उसे वह समर्थन भी दे सकते हैं।

वाराणसी लोकसभा सीट की बात की जाए तो 2014 की तर्ज पर 2019 में भी इस हाई प्रोफाइल सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। आपको बता दें कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से करीब 300000 वोटों से जीते थे। 2014 में मोदी के विरोध में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के स्थानीय विधायक अजय राय चुनाव मैदान में थे। 2014 के चुनावी रण में अरविंद केजरीवाल ने जैसे-तैसे अपनी जमानत बचा ली लेकिन बाकी उम्मीदवारों की जमानत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने जप्त हो गई। इस बार इन आंकड़ों को देखते हुए विपक्ष एक साझा उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है लेकिन देश में जिस तरह से महागठबंधन को लेकर माहौल बनाया गया है उससे ये कयास भी कम दिखाई पड़ता है। 

2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदुत्व के चेहरे के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन 2019 में उसी हिंदुत्व के चेहरे को टक्कर देने के लिए वाराणसी लोकसभा सीट पर प्रवीण तोगड़िया भी हिंदुत्व का चेहरा लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उम्मीदवारी जताने आ रहे हैं। यही नहीं पिछड़े और दलित युवा नेता के रूप में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने तो बकायदा इस बात की घोषणा भी कर दी है कि जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ेंगे वहीं से वह भी उन्हें टक्कर देंगे यही वजह है कि अब वह वाराणसी में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

2014 के चुनावी आंकड़ों पर एक नजर...
वाराणसी लोकसभा सीट पर 2014 के चुनाव में बीजेपी की तरफ से मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उम्मीदवार थे तो वहीं दिल्ली के मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी की तरफ से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे थे। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की तरफ से स्थानीय विधायक अजय राय तो वहीं सपा की तरफ से कैलाश चौरसिया और बहुजन समाजवादी पार्टी की तरफ से विजय जायसवाल को प्रत्याशी बनाया गया था। 2014 लोकसभा के चुनाव में पहले स्थान पर रहे नरेंद्र मोदी को कुल 581022 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे अरविंद केजरीवाल को 209238 वोट मिले। कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अजय राय 75614 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार विजय जायसवाल को 60579 वोट तो वह समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार कैलाश चौरसिया को 452921 वोट मिले थे। 

वाराणसी लोकसभा सीट पर क्या हैं चुनावी मुद्दे ...
वाराणसी सांस्कृतिक एवं धार्मिक नगरी के नाम से पहचान रखती है। ऐसे में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की जनता से वादा किया था कि वह वाराणसी की संस्कृति और धार्मिक स्थानों पर बिना किसी छेड़छाड़ किए हुए इसे जापान के शहर क्योटो के तर्ज पर विकसित करेंगे। लेकिन 5 साल बीतने के बाद वादा अब तक अधूरा ही लगता है क्योंकि बाबा विश्वनाथ धाम में चल रहे कॉरिडोर के काम के दौरान लगातार विपक्ष द्वारा मंदिरों को तोड़े जाने और लोगों को बेघर करने का मुद्दा उठाया जाता रहा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीते 5 वर्षों में आयोजित छात्र गुटों में लड़ाई और शासन-प्रशासन द्वारा छात्राओं पर बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज करने का मुद्दा भी विपक्ष ने सड़क से संसद तक उठाने का काम किया है। यह मुद्दा करीब 2 साल बीतने के बाद भी अब तक उठाया जा रहा है। वाराणसी का सबसे अहम मुद्दा गंगा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर है। एक निजी एजेंसी द्वारा अभी हाल ही में यह दावा किया गया कि पिछले 3 वर्षों में गंगा के जल में बैक्टीरिया की संख्या ज्यादा हो गई है। यही नहीं, 20 मार्च को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने गंगा मार्ग से वाराणसी पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गंगापुर नमामि गंगे परियोजना के तहत कराए जा रहे कार्यों पर भी सवाल खड़े किए ऐसे में गंगा का मुद्दा 2019 के चुनाव में बेहद ही अहम होने वाला है। 


विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहती है भारतीय जनता पार्टी
2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेहरा बनाने के बाद अब विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहती है। सांसद रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में अब तक हजारों करोड़ों रुपयों की सौगात लेकर कई मुख्य काम करवाए हैं लेकिन विपक्ष के द्वारा लगातार इन कामों पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। हालांकि बीजेपी के पास अब ना तो गंगा का मुद्दा बचा है और ना ही मंदिर का ऐसे में बीजेपी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे रखकर विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहती है।

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