नोएडा। योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश का सीएम बनते ही तमाम बूचड़खानों पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही गायों को लेकर विशेष सतर्कता देखी गई। लेकिन अब आवारा गायों की संख्या इतनी हो गई है कि वे किसानों का सरदर्द बनी हुई हैं। योगी सरकार ने इसके लिए गोशालाओं का बजट बढ़ाने पर जोर दिया। इसके बावजूद गायें भूखे पेट मर रही हैं।
ग्रेटर नोएडा स्थित एक गौशाला में पिछले 2 महीने के दौरान करीब 200 गायों के मरने की खबर है। गौशाला में इतनी बड़ी संख्या में गायों के मरने की वजह गायों का बीमार होना और उनके लिए पर्याप्त चारे का इंतजाम नहीं होना बताया जा रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के इकोटेक-3 इलाके में स्थित जलपुरा गांव में गऊलोक नामक एक गौशाला है। यह गौशाला 9 एकड़ इलाके में फैली है और दशक भर पहले ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी (GNIDA) ने इसकी शुरुआत की थी। फिलहाल यह गौशाला GNIDA और GoRas Foundation नामक एक एनजीओ के साथ मिलकर चलायी जा रही है।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अथॉरिटीज को आदेश दिया था कि वह सड़कों पर आवारा घूम रहीं गायों को शेल्टर पहुंचाए। जिसके बाद GNIDA ने 1 जनवरी से लेकर 7 मार्च के बीच करीब 800 गाय भी यहां भेज दी, जिसके बाद इस गौशाला में गायों की संख्या बढ़कर 1200 हो गई है।
खबर के अनुसार, इस गौशाला में अब गाय खराब स्वास्थ्य और पर्याप्त मात्रा में चारा नहीं मिलने के कारण मर रही हैं। गौशाला के कर्मियों का कहना है कि गौशाला में 26 लोगों का स्टाफ है, जो गायों की अच्छी तरह से देखभाल करता है। चूंकि अधिकतर गाय आवारा है, इसलिए जब उन्हें शेल्टर में लाया जाता है तो वह अन्य गायों के साथ झगड़े में घायल हो जाती हैं, साथ ही कई गाय लंबे समय से बीमार भी हैं।
ग्रेटर नोएडा स्थित एक गौशाला में पिछले 2 महीने के दौरान करीब 200 गायों के मरने की खबर है। गौशाला में इतनी बड़ी संख्या में गायों के मरने की वजह गायों का बीमार होना और उनके लिए पर्याप्त चारे का इंतजाम नहीं होना बताया जा रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के इकोटेक-3 इलाके में स्थित जलपुरा गांव में गऊलोक नामक एक गौशाला है। यह गौशाला 9 एकड़ इलाके में फैली है और दशक भर पहले ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी (GNIDA) ने इसकी शुरुआत की थी। फिलहाल यह गौशाला GNIDA और GoRas Foundation नामक एक एनजीओ के साथ मिलकर चलायी जा रही है।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अथॉरिटीज को आदेश दिया था कि वह सड़कों पर आवारा घूम रहीं गायों को शेल्टर पहुंचाए। जिसके बाद GNIDA ने 1 जनवरी से लेकर 7 मार्च के बीच करीब 800 गाय भी यहां भेज दी, जिसके बाद इस गौशाला में गायों की संख्या बढ़कर 1200 हो गई है।
खबर के अनुसार, इस गौशाला में अब गाय खराब स्वास्थ्य और पर्याप्त मात्रा में चारा नहीं मिलने के कारण मर रही हैं। गौशाला के कर्मियों का कहना है कि गौशाला में 26 लोगों का स्टाफ है, जो गायों की अच्छी तरह से देखभाल करता है। चूंकि अधिकतर गाय आवारा है, इसलिए जब उन्हें शेल्टर में लाया जाता है तो वह अन्य गायों के साथ झगड़े में घायल हो जाती हैं, साथ ही कई गाय लंबे समय से बीमार भी हैं।