ग्रेटर नोएडा में 4 करोड़ रुपये की कीमत के 153 टन गोमांस के निर्यात के आरोप में चार हिंदुओं समेत पांच लोग गिरफ्तार 

Written by sabrang india | Published on: November 25, 2024
आरोपियों की पहचान ट्रक चालक शिव शंकर(35), प्रबंधक अक्षय सक्सेना(34), निदेशक खुशरुद्दीन नबी(59), हेल्पर सचिन कुमार(24) और कोल्ड स्टोरेज के मालिक पूरन जोशी(51) के रूप में हुई है। 


साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट

रविवार को पश्चिम बंगाल से गाय का मांस आयात करने और इसे भैंस के मांस के रूप में निर्यात करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि 4 करोड़ रुपये की कीमत के 153 टन पैक किए गए मांस को जब्त कर लिया गया और बाद में नष्ट कर दिया गया।

आरोपियों की पहचान ट्रक चालक शिव शंकर(35), प्रबंधक अक्षय सक्सेना(34), निदेशक खुशरुद्दीन नबी(59), हेल्पर सचिन कुमार(24) और कोल्ड स्टोरेज के मालिक पूरन जोशी(51) के रूप में हुई है। 

ग्रेटर नोएडा के सहायक पुलिस आयुक्त अमित प्रताप सिंह के अनुसार, "भैंस के मांस के झूठे ब्रांड के तहत मांस को कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था, और हम इस बात का डिटेल इकट्ठा कर रहे हैं कि पिछले कुछ महीनों में कितना मांस ले जाया गया था।"

गाजियाबाद की गौरक्षा समिति के जिला प्रमुख सुमित शर्मा ने पुलिस को अलर्ट किया था। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार उन्होंने कहा, "हमें सूचना मिली थी कि ग्रेटर नोएडा में एक कोल्ड स्टोरेज में गाय का मांस ले जाया जा रहा है और इकट्ठा किया जा रहा है। हमने 9 नवंबर को पुलिस को सूचित किया और लुहारली टोल प्लाजा पर पहुंचे। ड्राइवर ने दावा किया कि वह पश्चिम बंगाल से आ रहा था और उसे ग्रेटर नोएडा के दादरी में एक कोल्ड स्टोरेज में मांस पहुंचाना था।"

ग्रेटर नोएडा में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने मांस के नमूने एकत्र करने के लिए एक पशु चिकित्सक की मदद ली, जिन्हें मथुरा में फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, उन्होंने कहा, "शनिवार को प्रयोगशाला की रिपोर्ट ने पुष्टि की कि मांस गाय का था।"

पुलिस के अनुसार, दादरी पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 (जानवर को मारने या अपंग करने की शरारत), 61 (2) (आपराधिक साजिश), 318 (4) (धोखाधड़ी), और 328 (4) (चोरी करने के इरादे से जानबूझकर किसी वाहन को रोकने की सजा) और गोहत्या अधिनियम के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं और जांच चल रही है।

उत्तर प्रदेश गोहत्या निवारण अधिनियम, 1955 राज्य में गायों और उनके गोवंश के वध पर प्रतिबंध लगाता है।

ज्ञात हो कि गोमांस के शक में पिछले कुछ वर्षों से मुसलमानों को निशाना बनाया जाता रहा है। इस साल 27 अगस्त को हरियाणा के बाढड़ा और हंसावास में गोमांस खाने के शक प्रवासी मजदूर की पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल जिस मांस के शक में हत्या की गई थी, वह गोमांस नहीं निकला। लैब की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। बाढड़ा थाना प्रभारी तेजपाल सोनी ने बताया था कि 27 अगस्त को बाढड़ा और हंसावास में गोमांस खाने के शक में प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया था। इसमें एक की मौत हो गई थी। जब्त मांस सैंपल की फरीदाबाद लैब से रिपोर्ट आ चुकी है। यह गाय का मांस नहीं है।

पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के रहने वाले साबिर मलिक और एक असम के युवक को गोमांस खाने के आरोप में गोरक्षा दल से जुड़े लोगों ने बुरी तरह पीटा था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। साबिर मलिक की मौत हो गयी थी। बाढड़ा थाना पुलिस ने 28 अगस्त को साबिर मलिक के साले सुजाउद्दीन सरदर की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों अभिषेक उर्फ शाका, रविंद्र उर्फ कालिया, मोहित, कमलजीत और साहिल उर्फ पप्पी को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में 2 नाबालिग भी हैं, जिन्हें फरीदाबाद सुधार गृह भेजा गया था। झुग्‍गी-झोंपड़ी में मिले मांस को पुलिस ने लैब में भेज दिया था।  

मालूम हो कि इसी साल अगस्त महीने में महाराष्ट्र में चलती ट्रेन में कुछ यात्रियों ने एक बुजुर्ग हाजी अशरफ मुनियार पर बीफ लेकर चलने का आरोप लगाते हुए उन्हें थप्पड़ मारे और गालियां भी दीं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो सामने आने के बाद 31 अगस्त को GRP ने मामले में पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। बुजुर्ग की पिटाई का मामला ठाणे जिले के कल्याण और इगतपुरी स्टेशन के बीच एक ट्रेन में सामने आया था। 

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