कोरोना वायरस गांवों में विकराल रूप धारण कर रहा है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गांव खैरपुरगुर्जर, जलालपुर, मिलक लच्छी और सैनी में पिछले 20 दिन में 65 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकांश बुजुर्ग हैं। बुजुर्गों में पहले से कई बीमारियां थीं। उन्हें बुखार भी आ रहा था। यहां अब भी कई लोग बुखार से पीड़ित हैं। वह गांवों के डॉक्टर से दवा लेकर इलाज कर रहे हैं।
खैरपुर गुर्जर गांव की आबादी 3500 है। ग्रामीणों ने बताया कि 15 दिनों में 25 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इनमें अधिकतर को बुखार, खांसी, जुकाम औरहाथ-पैर में दर्द की शिकायत थी। गांव के राजेश शर्मा ने बताया कि एक हफ्ते में उनके परिवार के चार लोगों की मौत हो चुकी है। इन लोगों को पहले बुखार आया और फिर सांस लेने में दिक्कत हुई।
गांव के दीपक खारी ने बताया कि गांव की पश्चिम दिशा में बस्ती में अधिक लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 35 से 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। मौतों की जानकारी प्रशासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को दी गई, लेकिन अभी तक सेनेटाइजेशन नहीं किया गया है।
करीब आठ हजार की आबादी वाले गांव जलालपुर में भी 15 दिनों में 25 लोगों की मौत हो चुकी है। 28 अप्रैल से हालात अधिक बिगड़े हैं। जन कल्याण ग्रामीण प्रशिक्षण सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि गांव में बुखार, खांसी, जुकाम के मरीज अधिक हैं।
गांव सैनी की हालत जुदा नहीं है। इस गांव में पिछले 20 दिनों में 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। नौ हजार की आबादी वाले गांव के लोग खांसी, जुकाम व बुखार से पीड़ित हैं। गांव के रविंद्र शर्मा ने बताया कि लोग जांच कराने से कतरा रहे हैं, जबकि उनसे कोरोना जैसे लक्षण है।
ग्रेनो वेस्ट के गांव मिलक लच्छी में इस समय 100 से अधिक लोग बुखार की चपेट में हैं। लोगों को बुखार, खांसी व जुकाम है। तीन हजार की आबादी वाले गांव में सेनेटाइजेशन के नाम पर खाना पूर्ति हुई है। गांव के डॉ. सुरेश नागर ने बताया कि उनके घर पर 4 लोग कोरोना से पीड़ित हैं। इलाज चल रहा है। गांव में 15 दिनों में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। गांव में जांच कैंप लगाया जाना चाहिए।
खैरपुर गुर्जर गांव की आबादी 3500 है। ग्रामीणों ने बताया कि 15 दिनों में 25 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इनमें अधिकतर को बुखार, खांसी, जुकाम औरहाथ-पैर में दर्द की शिकायत थी। गांव के राजेश शर्मा ने बताया कि एक हफ्ते में उनके परिवार के चार लोगों की मौत हो चुकी है। इन लोगों को पहले बुखार आया और फिर सांस लेने में दिक्कत हुई।
गांव के दीपक खारी ने बताया कि गांव की पश्चिम दिशा में बस्ती में अधिक लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 35 से 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। मौतों की जानकारी प्रशासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को दी गई, लेकिन अभी तक सेनेटाइजेशन नहीं किया गया है।
करीब आठ हजार की आबादी वाले गांव जलालपुर में भी 15 दिनों में 25 लोगों की मौत हो चुकी है। 28 अप्रैल से हालात अधिक बिगड़े हैं। जन कल्याण ग्रामीण प्रशिक्षण सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि गांव में बुखार, खांसी, जुकाम के मरीज अधिक हैं।
गांव सैनी की हालत जुदा नहीं है। इस गांव में पिछले 20 दिनों में 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। नौ हजार की आबादी वाले गांव के लोग खांसी, जुकाम व बुखार से पीड़ित हैं। गांव के रविंद्र शर्मा ने बताया कि लोग जांच कराने से कतरा रहे हैं, जबकि उनसे कोरोना जैसे लक्षण है।
ग्रेनो वेस्ट के गांव मिलक लच्छी में इस समय 100 से अधिक लोग बुखार की चपेट में हैं। लोगों को बुखार, खांसी व जुकाम है। तीन हजार की आबादी वाले गांव में सेनेटाइजेशन के नाम पर खाना पूर्ति हुई है। गांव के डॉ. सुरेश नागर ने बताया कि उनके घर पर 4 लोग कोरोना से पीड़ित हैं। इलाज चल रहा है। गांव में 15 दिनों में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। गांव में जांच कैंप लगाया जाना चाहिए।